सतना : सतना जिले के करिगोही गांव में धोखाधड़ी के शिकार किसान व्यथित हैं. इनकी व्यथा सुनने वाला कोई नहीं है. अब परेशान किसानों ने दीवारों को माध्यम बनाया है. किसानों ने दीवारों पर स्लोगन लिखे हैं 'प्रशासन मौन हैं, गेहूं चोर कौन है'. दरअसल, गेहूं बेचने के बाद किसानों की रकम का गबन हो चुका है. मामला सतना जिले के करिगोही खरीदी केंद्र में 93 लाख रुपए के गेहूं घोटाले का है. मझगवां तहसील के अंतर्गत कारीगोही, सेलौरा, सोनवर्षा, वीरपुर, अमरिती सहित दर्जनों गांवों की दीवारों पर ऐसे ही स्लोगन लिखे गए हैं.
घोटाला खुलने के बाद अब तक क्या कार्रवाई हुई
परेशान किसानों ने अपने ग्रामीण इलाकों में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ स्लोगन लिखकर अपनी पीड़ा व्यक्त की है. बता दें कि सतना जिले के करिगोही खरीदी केंद्र में विगत वर्ष अप्रैल माह में 93 लाख रुपए का गेहूं घोटाला हुआ था. मामला उजागर होते ही प्रशासन हरकत में आया और मामले में शामिल दोषी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई. शुरुआती दौर में 5 लोगों को आरोपी बनाया गया. इसके बाद 4 और आरोपी सामने आए. मामला अब न्यायालय पहुंच चुका है. न्यायालय के आदेश पर आरोपियों को घोटाले की कुछ प्रतिशत राशि जमा करने के लिए आदेश दिए जा चुके हैं, लेकिन दो आरोपियों ने ही कुछ राशि लौटाई है.
करीब 40 किसानों की राशि नहीं मिली
कारीगोही स्थित जयतमाल बाबा महिला स्व सहायता समूह द्वारा 10 माह पहले 93 लाख रुपए का घोटाला सामने आया था. इस समूह ने किसानों से गेहूं लिया, लेकिन बाद में पता चला कि फर्जी किसानों के नाम पर उनकी उपज का परिवहन किया गया. 13 ट्रकों की फर्जी टीसी (ट्रांसपोर्ट चालान) में असली किसानों के नाम दर्ज किए गए थे, जिसमें प्रशासन को यह संदिग्ध लगा. इसके बाद प्रशासन ने भुगतान पर रोक लगा दी. 35 से 40 किसानों की खाते की राशि होल्ड पर है. पीड़ित किसान प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर लगाकर परेशान हो गए हैं.
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खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम अधिकारी का तर्क
इस मामले में खाद्य आपूर्ति निगम अधिकारी पंकज बोरसे भी गोलमोल जवाब दे रहे हैं. पंकज बोरसे का कहना है "कारीगोही खरीदी केंद्र में 93 लाख रुपए के गेहूं घोटाले में संबंधित लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है. जिला स्तरीय जांच समिति बनी थी. जांच कमेटी ने यह आइडेंटिफाई किया था कि किन किसानों का गेहूं जमा है, उसके आधार पर कुछ किसानों का भुगतान हो चुका था. करीब 35 किसानों का भुगतान बकाया है. उनका गेहूं हमारे पास जमा नहीं है. ऐसे में भुगतान करना संभव नहीं है. मामला न्यायालय में है."