पटनाः 14 फरवरी को विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा होगी. इसको लेकर तैयारी तेज हो गई है. मसौढ़ी के मूर्तिकार शंकर पंडित प्रतिमा को फाइनल टच दे रहे हैं. शंकर पंडित बताते हैं कि वे पिछले 30 साल से प्रतिमा बना रहे हैं. शंकर पंडित के पिता भी प्रतिमा बनाते थे. 10 की उम्र से ही शंकर पिता के काम में हाथ बंटाते थे. उसी वक्त प्रतिमा बनाना सीख गए. अब इनकी प्रतिमा के लिए दूर दूर से ऑर्डर आते हैं. इसी से परिवार का जीविका चलता है.
"पिछले 30 साल से प्रतिमा निर्माण का काम कर रहा हूं. मेरे पिता भी यही काम करते थे. बचपन में पिता के काम में हाट बंटाते थे. उसी समय प्रतिमा बनाना सीख गए थे. दूर-दूर से प्रतिमा के लिए डिमांड आती है. सरस्वती पूजा के मौके पर अच्छी कमायी हो जाती है." -शंकर पंडित, मूर्तिकार, मसौढ़ी
धूमधाम सरस्वती पूजा होगीः पटना शहर से लेकर गांव तक सरस्वती पूजा की धूम है. चारो ओर पंडाल निर्माण हो रहा है. गांव के सार्वजनिक स्थान, स्कूल और मंदिरों में पूजा-अर्चना की तैयारी की जा रही है. पटना से मसौढ़ी में प्रत्येक साल धूमधाम से सरस्वती पूजा की जाती है. इसको लेकर एक दिन पहले तैयारी पूरी करने में सभी लोग जुटे हुए हैं.
सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्तः मसौढ़ी में सरस्वती पूजा को लेकर सुरक्षा की भी व्यवस्था की गई है. मसौढ़ी एसडीएम ने बताया कि 51 जगहों पर पुलिस प्रशासन की ओर से दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है. अनुमंडल कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है. सभी पुलिस पदाधिकारी को चौक-चौराहों से लेकर विभिन्न कोचिंग संस्थानों के आसपास तैनाती की गई है. सामाजिक तत्वों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है.
"मसौढी अनुमंडल में कुल 51 जगहों पर सरस्वती पूजा को लेकर विधि व्यवस्था संधारण को लेकर दंडाधिकारी प्रतिनिधित्व किए गए हैं. मां सरस्वती की पूजा शांतिपूर्वक संपन्न हो जिसको लेकर अनुमंडल प्रशासन चौकस है." -प्रीति कुमारी, एसडीएम मसौढ़ी
विसर्जन से हो जाती है होली की शुरुआतः सरस्वती पूजा के दिन से ही बसंत पंचमी का आगमन हो जाता है. हर तरफ बसंती हवा की बयार की शुरुआत हो जाती है. सरस्वती पूजा के दूसरे दिन विसर्जन में लोग रंग गुलाल भी एक दूसरे को लगाते हैं. मान्यता है कि इसी दिन से होली की शुरुआत हो जाती है.
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