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सारण में लोगों का एक ही मूड, कहा- मोदी जरूरी लेकिन रूडी मजबूरी - Saran Lok Sabha Seat - SARAN LOK SABHA SEAT

Saran Lok Sabha Seat: सारण में लोगों के बीच राजीव प्रताप रूडी को लेकर लोगों में आक्रोश है. जिले की जनता सिर्फ मोदी के नाम पर उन्हें वोट करना चाह रही है. लोगों का कहना है कि राजीव प्रताप रूडी साल में एक दो बार आ भी जाते है, लेकिन रोहिणी आचार्य से वो भी उम्मीद रखना सहीं नहीं.

SARAN LOK SABHA SEAT
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 22, 2024, 10:47 PM IST

छपरा: मोदी जरूरी लेकिन रूडी मजबूरी. यह कहना है छपरा के नागरिकों का. उनका कहना है कि हम रूढ़ि को नहीं मोदी को वोट दे रहे हैं. सारण जिले के लोग विशेष रूप से छपरा के शहरी क्षेत्र के लोगों में इस बात का उत्साह नहीं है कि वह सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी को वोट देकर उनको हैट्रिक बनाने का मौका दे रहे हैं, बल्कि इस बात का उत्साह है कि वह रूडी को ना जीता कर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी को जीता रहे हैं.

रूडी नहीं मोदी के लिए वोट: लोगों का कहना है कि इस मामले में रोहिणी आचार्य कहीं नहीं टिकती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि राजीव प्रताप रूडी से तो दो चार बार दर्शन हो ही जाता है, लेकिन रोहिणी आचार्य से कहां मुलाकात होगी. हालांकि राजनीतिक परिपेक्ष में बात की जाए तो राजीव प्रताप रूडी के 10 साल के कार्यकाल का लोगों ने पुरजोर विरोध किया है. लोगों ने एक साथ विरोध स्वर में कहा कि उन्होंने कोई काम नहीं किया है. ना खनुआ नाला का निर्माण हो पाया है, ना डबल डेकर का काम. सब कुछ अभी तक लटका हुआ है. एन एच 19 का काम भी अभी तक अधूरा है.

ईटीवी भारत GFX.
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धारदार हो गई दोनों की जंग: गौरतलब हो कि सारण में दो टर्म सांसद रहे राजीव प्रताप रूडी अबकी हैट्रिक लगाने के चक्कर में हैं. उनके हैट्रिक को रोकने के लिए लालू प्रसाद यादव ने अपनी द्वितीय सुपुत्री रोहिणी आचार्य को सारण लोकसभा का उम्मीदवार बना कर मैदान में उतारा है. ऐसे में राजीव प्रताप रूडी बनाम रोहिणी आचार्य की लड़ाई अब काफी धारदार हो गई है. दोनों एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे है. राजद इस लड़ाई को बैलट में उतरने की कोशिश कर रही है. लेकिन राजीव प्रताप रूडी आज भी आगे चल रहे हैं.

"हम लोग रूडी के कामकाज से खुश नहीं है. लेकिन इसके बावजूद हम रूडी को नहीं मोदी को वोट दे रहे हैं. रूडी जी के शासनकाल में आज तक छपरा से पटना के लिए कोई भी मेमो या अन्य ट्रेन नहीं चली है. छपरा कचहरी में एक भी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव कोविड के बाद से बंद है. मोदी जरूरी है लेकिन रूडी मजबूरी है." - निर्मल कुमार श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष, विधि मंडल, छपरा सिविल कोर्ट

2014 में राबड़ी देवी को हराया: बता दें कि सारण संसदीय सीट पहले कांग्रेस की परंपरागत सीट रही थी. लेकिन 1977 में लालू यादव ने कांग्रेस से सीट छीन ली थी. उसके बाद यह सीट राजद के पास थी. लेकिन पिछले दो बार से सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी इस सीट से लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं. 2014 में राजीव प्रताप रूढ़ी ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को सारण संसदीय सीट से चुनाव हराकर लोकसभा में पहुंचे थे.

हैट्रिक बनाने की तैयारी में रूडी: सारण में 20 मई को पांचवें चरण में चुनाव है. इसके पहले रूडी ने 2019 में उन्होंने लालू यादव के समधी चंद्रिका यादव को हराया था. अब उनका मुकाबला लालू राबड़ी की बेटी रोहिणी आचार्य से हो रहा है. ऐसे में अब यह देखना होगा की रोहिणी आचार्य राजीव प्रताप रूडी को हैट्रिक बनाने से रोक पाने में सफल होती हैं या नहीं.

इसे भी पढ़े- एनडीए या महागठबंधन, कौन किस पर पड़ेगा भारी? जानिए सारण लोकसभा सीट का समीकरण - Lok Sabha Election 2024

छपरा: मोदी जरूरी लेकिन रूडी मजबूरी. यह कहना है छपरा के नागरिकों का. उनका कहना है कि हम रूढ़ि को नहीं मोदी को वोट दे रहे हैं. सारण जिले के लोग विशेष रूप से छपरा के शहरी क्षेत्र के लोगों में इस बात का उत्साह नहीं है कि वह सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी को वोट देकर उनको हैट्रिक बनाने का मौका दे रहे हैं, बल्कि इस बात का उत्साह है कि वह रूडी को ना जीता कर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी को जीता रहे हैं.

रूडी नहीं मोदी के लिए वोट: लोगों का कहना है कि इस मामले में रोहिणी आचार्य कहीं नहीं टिकती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि राजीव प्रताप रूडी से तो दो चार बार दर्शन हो ही जाता है, लेकिन रोहिणी आचार्य से कहां मुलाकात होगी. हालांकि राजनीतिक परिपेक्ष में बात की जाए तो राजीव प्रताप रूडी के 10 साल के कार्यकाल का लोगों ने पुरजोर विरोध किया है. लोगों ने एक साथ विरोध स्वर में कहा कि उन्होंने कोई काम नहीं किया है. ना खनुआ नाला का निर्माण हो पाया है, ना डबल डेकर का काम. सब कुछ अभी तक लटका हुआ है. एन एच 19 का काम भी अभी तक अधूरा है.

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धारदार हो गई दोनों की जंग: गौरतलब हो कि सारण में दो टर्म सांसद रहे राजीव प्रताप रूडी अबकी हैट्रिक लगाने के चक्कर में हैं. उनके हैट्रिक को रोकने के लिए लालू प्रसाद यादव ने अपनी द्वितीय सुपुत्री रोहिणी आचार्य को सारण लोकसभा का उम्मीदवार बना कर मैदान में उतारा है. ऐसे में राजीव प्रताप रूडी बनाम रोहिणी आचार्य की लड़ाई अब काफी धारदार हो गई है. दोनों एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे है. राजद इस लड़ाई को बैलट में उतरने की कोशिश कर रही है. लेकिन राजीव प्रताप रूडी आज भी आगे चल रहे हैं.

"हम लोग रूडी के कामकाज से खुश नहीं है. लेकिन इसके बावजूद हम रूडी को नहीं मोदी को वोट दे रहे हैं. रूडी जी के शासनकाल में आज तक छपरा से पटना के लिए कोई भी मेमो या अन्य ट्रेन नहीं चली है. छपरा कचहरी में एक भी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव कोविड के बाद से बंद है. मोदी जरूरी है लेकिन रूडी मजबूरी है." - निर्मल कुमार श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष, विधि मंडल, छपरा सिविल कोर्ट

2014 में राबड़ी देवी को हराया: बता दें कि सारण संसदीय सीट पहले कांग्रेस की परंपरागत सीट रही थी. लेकिन 1977 में लालू यादव ने कांग्रेस से सीट छीन ली थी. उसके बाद यह सीट राजद के पास थी. लेकिन पिछले दो बार से सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी इस सीट से लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं. 2014 में राजीव प्रताप रूढ़ी ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को सारण संसदीय सीट से चुनाव हराकर लोकसभा में पहुंचे थे.

हैट्रिक बनाने की तैयारी में रूडी: सारण में 20 मई को पांचवें चरण में चुनाव है. इसके पहले रूडी ने 2019 में उन्होंने लालू यादव के समधी चंद्रिका यादव को हराया था. अब उनका मुकाबला लालू राबड़ी की बेटी रोहिणी आचार्य से हो रहा है. ऐसे में अब यह देखना होगा की रोहिणी आचार्य राजीव प्रताप रूडी को हैट्रिक बनाने से रोक पाने में सफल होती हैं या नहीं.

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