समस्तीपुरः सांपों को लेकर मानव हमेशा से जिज्ञासु रहा है. यही कारण है कि सांपों को लेकर कई किवदंतिया जुड़ी हुई हैं. पौराणिक कथाओं में भी सांपों से जुड़े कई रहस्य पढ़ने को मिलते हैं तो सांपों को केंद्रित कर कई फिल्में और सीरियल्स भी बन चुके हैं. सबसे बड़ी बात कि कई तथ्यों की पुख्ता जानकारी होने के बाद भी लोग सांप से जुड़े मिथक को बड़े चाव से सुनते और देखते हैं. समस्तीपुर में लगनेवाला सांपों का मेला भी लोगों के लिए बड़ा रहस्य है.
नाग पंचमी पर लगता है सांपों का मेलाः समस्तीपुर जिले में नागपंचमी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और जिले के सिंघिया घाट पर लगनेवाले सांपों का मेला देखने तो दूर-दूर से लोग आते हैं. मेले में बड़ी संख्या में लोग सांपों को खिलौने की तरह गले में लटकाए रहते हैं, जिसे देखकर आम आदमी की तो रूह कांप जाती है.
सांपों को दूध पिलाने की है परंपराः मेले के दौरान भगत गंडक नदी में घुसकर जहरीले सांपों को निकालते हैं और सांप को लेकर मंदिर में पूजन के लिए आते हैं. मंदिर में पूजा करने के बाद सांपों को दूध पिलाने की परंपरा है और परंपरा के अनुसार उन्हें दूध पिलाकर नदी से निकाले गए सांपों को फिर सुरक्षित छोड़ दिया जाता है.
300 साल से लगता आ रहा है मेलाः सांपों के मेले में अपने करतब से लोगों को हैरान कर देनेवाले भगत का दावा है कि पिछले 300 सालों से ये मेला लगता आ रहा है. मेले में शामिल सैकड़ों लोग गले में सांपों को लेकर चलते हैं. वहीं कई भगत तो सांपों को मुंह में दबाकर भी नाचते-झूमते नजर आते हैं. भगत अनिल कुमार भी विषैले सांपों को मुंह में दबाकर मांदर की थाप पर झूमते दिखाई दे रहे हैं.
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