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अयोध्या गैंग रेप; DNA मैच न होने पर भी सपा नेता मोईद खान को नहीं मिलेगी राहत, वकीलों ने बताई वजह - Ayodhya Gang Rape Case

अयोध्या के भदरसा में 12 साल की बच्ची से गैंगरेप के मामले में सोमवार को कोर्ट के सामने गर्भपात कराए गए भ्रूण व आरोपियों की सीलबंद डीएनए रिपोर्ट पेश हुई. इस रिपोर्ट में सपा नेता मोईद खान के नौकर राजू का डीएनए भ्रूण के डीएनए से मैच हो गया है, जबकि मोईद खान का नहीं. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं. क्या डीएनए रिपोर्ट आने के बाद मोईद खान गैंग रेप केस से बच जाएंगे या फिर अब भी वो आरोपी ही रहेंगे और जेल में ही रहना होगा. इन सभी कानूनी पेंच जानने के लिए ईटीवी भारत ने क्रिमिनल लॉयर और पूर्व डीजीपी से बातचीत की.

अयोध्या गैंग रेप कांड के आरोपी राजू खान और सपा नेता मोईद खान.
अयोध्या गैंग रेप कांड के आरोपी राजू खान और सपा नेता मोईद खान. (Photo Credit; ETV Bharat Archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 1, 2024, 7:54 PM IST

लखनऊ: अयोध्या के भदरसा में 12 साल की बच्ची से गैंगरेप के मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में सीलबंद डीएनए रिपोर्ट पेश होने के बाद अपर महाधिवकता विनोद साही ने बताया कि गैंगरेप के मामले में भ्रूण का डीएनए सिर्फ एक ही आरोपी से मैच हो सकता है. ऐसे में यह ये साबित करने के लिए काफी है कि पीड़िता के आरोप सही थे. बावजूद इसके सोशल मीडिया में मोईद खान को बेकसूर बताया जाने लगा.

हाईकोर्ट में बीते 20 वर्षों से आपराधिक मामलों में प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ता प्रिंस लेनिन कहते हैं कि, महाधिवक्ता का तर्क बिलकुल ठीक है. भ्रूण किसी का भी हो, डीएनए सिर्फ एक ही पुरुष का ही मैच करता है. यह कानून नहीं विज्ञान कहता है. ऐसे में यह कहना कि डीएनए सिर्फ राजू का मैच हुआ है तो दूसरा आरोपी मोईद बेकसूर है, यह गलत होगा. बल्कि यह गैगरेप होने कि संभावनाओं को और पुख्ता करता है कि जो बच्ची ने आरोप लगाए हैं वो सही हैं.

अयोध्या गैंग रेप कांड पर कानून के जानकार प्रिंस लेनिन से संवाददाता की बातचीत. (Video Credit; ETV Bharat)

प्रिंस लेनिन कहते है कि आरोपियों पर केस चलाने के लिए नाबालिग के बयान ही काफी हैं. पीड़िता ने अज्ञात नहीं बल्कि नामजद लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाया है. ऐसे में यदि वह कोर्ट में आरोपियों की शिनाख्त कर लेते हैं तो मोईद व राजू का केस से बरी होना मुश्किल होगा. हां, ये जरूर है कि ट्रायल के समय यदि मोईद कुछ हद तक यह साबित करने में कामयाब होता है कि वह घटना के समय वहां मौजूद ही नहीं था तो संभावना है कि कुछ राहत मिल सके.

अधिवक्ता प्रिंस कहते है कि, पॉक्सो के मामले में नाबालिग के बयान ही बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. बच्ची ने मजिस्ट्रेट के सामने FIR दर्ज होने के बाद अपने दिए हुए बयान में दोनों आरोपियों के नाम बताए हैं तो वह बहुत महत्वपूर्ण होता है. यदि ट्रायल के दौरान भी लड़की अपने उसी बयान पर अडिग रही तो मोईद इस केस में आरोपी बने रहेंगे.

पूर्व डीजीपी एके जैन कहते हैं कि यह भ्रूण का डीएनए टेस्ट था ना कि सीमेन टेस्ट. ऐसे में यदि दो लोगों ने गैंग रेप किया है तो पीड़िता के गर्भ में इस कारण से पल रहे भ्रूण में एक का ही तो डीएनए मिलेगा. ऐसे में यदि मोईद का डीएनए मैच नहीं हुआ तो इसका यह मतलब बिलकुल नहीं कि वह आरोपी नहीं है.

जैसा कि आरोप है कि मोईद ने ही बच्ची का रेप किया था और बाद में नौकर राजू से भी करवाया था तो इस स्थति में डीएनए टेस्ट तो इस केस और आरोप को और मजबूती दे रहा है कि सच में गैगरेप हुआ था. अब पुलिस मोईद के खिलाफ अन्य सबूत इकठ्ठा करेगी. उसके नौकर राजू से मोईद के खिलाफ बयान सबसे महत्वपूर्ण होंगे.

बच्ची 2 महीने की हुई थी गर्भवती: अयोध्या के पूरा कलंदर थाना क्षेत्र में 12 वर्ष की बच्ची से गैंगरेप की घटना हुई थी. घटना का खुलासा 29 जुलाई को तब हुआ, जब पीड़ित बच्ची 2 महीने की गर्भवती हो गई थी. बच्ची की मां ने सपा नेता मोईद खान व उसके नौकर राजू के खिलाफ थाने में तहरीर दी थी. जिस पर परिजनों का आरोप था कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद विहिप, बजरंग दल के साथ निषाद पार्टी के लोगों ने इस मामले पर विरोध प्रदर्शन किया तो पुलिस ने मोईद खान और उसके नौकर को गिरफ्तार किया. आरोपी मोईद खान भदरसा नगर पंचायत का सपा से नगर अध्यक्ष है.

ये भी पढ़ेंः अयोध्या में 12 साल की बच्ची से गैंगरेप; सपा नेता मोईद खान के नौकर राजू का DNA मैच

लखनऊ: अयोध्या के भदरसा में 12 साल की बच्ची से गैंगरेप के मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में सीलबंद डीएनए रिपोर्ट पेश होने के बाद अपर महाधिवकता विनोद साही ने बताया कि गैंगरेप के मामले में भ्रूण का डीएनए सिर्फ एक ही आरोपी से मैच हो सकता है. ऐसे में यह ये साबित करने के लिए काफी है कि पीड़िता के आरोप सही थे. बावजूद इसके सोशल मीडिया में मोईद खान को बेकसूर बताया जाने लगा.

हाईकोर्ट में बीते 20 वर्षों से आपराधिक मामलों में प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ता प्रिंस लेनिन कहते हैं कि, महाधिवक्ता का तर्क बिलकुल ठीक है. भ्रूण किसी का भी हो, डीएनए सिर्फ एक ही पुरुष का ही मैच करता है. यह कानून नहीं विज्ञान कहता है. ऐसे में यह कहना कि डीएनए सिर्फ राजू का मैच हुआ है तो दूसरा आरोपी मोईद बेकसूर है, यह गलत होगा. बल्कि यह गैगरेप होने कि संभावनाओं को और पुख्ता करता है कि जो बच्ची ने आरोप लगाए हैं वो सही हैं.

अयोध्या गैंग रेप कांड पर कानून के जानकार प्रिंस लेनिन से संवाददाता की बातचीत. (Video Credit; ETV Bharat)

प्रिंस लेनिन कहते है कि आरोपियों पर केस चलाने के लिए नाबालिग के बयान ही काफी हैं. पीड़िता ने अज्ञात नहीं बल्कि नामजद लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाया है. ऐसे में यदि वह कोर्ट में आरोपियों की शिनाख्त कर लेते हैं तो मोईद व राजू का केस से बरी होना मुश्किल होगा. हां, ये जरूर है कि ट्रायल के समय यदि मोईद कुछ हद तक यह साबित करने में कामयाब होता है कि वह घटना के समय वहां मौजूद ही नहीं था तो संभावना है कि कुछ राहत मिल सके.

अधिवक्ता प्रिंस कहते है कि, पॉक्सो के मामले में नाबालिग के बयान ही बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. बच्ची ने मजिस्ट्रेट के सामने FIR दर्ज होने के बाद अपने दिए हुए बयान में दोनों आरोपियों के नाम बताए हैं तो वह बहुत महत्वपूर्ण होता है. यदि ट्रायल के दौरान भी लड़की अपने उसी बयान पर अडिग रही तो मोईद इस केस में आरोपी बने रहेंगे.

पूर्व डीजीपी एके जैन कहते हैं कि यह भ्रूण का डीएनए टेस्ट था ना कि सीमेन टेस्ट. ऐसे में यदि दो लोगों ने गैंग रेप किया है तो पीड़िता के गर्भ में इस कारण से पल रहे भ्रूण में एक का ही तो डीएनए मिलेगा. ऐसे में यदि मोईद का डीएनए मैच नहीं हुआ तो इसका यह मतलब बिलकुल नहीं कि वह आरोपी नहीं है.

जैसा कि आरोप है कि मोईद ने ही बच्ची का रेप किया था और बाद में नौकर राजू से भी करवाया था तो इस स्थति में डीएनए टेस्ट तो इस केस और आरोप को और मजबूती दे रहा है कि सच में गैगरेप हुआ था. अब पुलिस मोईद के खिलाफ अन्य सबूत इकठ्ठा करेगी. उसके नौकर राजू से मोईद के खिलाफ बयान सबसे महत्वपूर्ण होंगे.

बच्ची 2 महीने की हुई थी गर्भवती: अयोध्या के पूरा कलंदर थाना क्षेत्र में 12 वर्ष की बच्ची से गैंगरेप की घटना हुई थी. घटना का खुलासा 29 जुलाई को तब हुआ, जब पीड़ित बच्ची 2 महीने की गर्भवती हो गई थी. बच्ची की मां ने सपा नेता मोईद खान व उसके नौकर राजू के खिलाफ थाने में तहरीर दी थी. जिस पर परिजनों का आरोप था कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद विहिप, बजरंग दल के साथ निषाद पार्टी के लोगों ने इस मामले पर विरोध प्रदर्शन किया तो पुलिस ने मोईद खान और उसके नौकर को गिरफ्तार किया. आरोपी मोईद खान भदरसा नगर पंचायत का सपा से नगर अध्यक्ष है.

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