देहरादून: अल्मोड़ा बस हादसे के बाद से ही पुलिस और परिवहन विभाग में अधिकारी व कर्मचारी पर गाज गिरने का सिलसिला जारी है. इसी मामले में अब अल्मोड़ा जिले के सल्ट थाना प्रभारी और हल्का चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर किया गया है. इस हादसे में 36 लोगों की मौके पर ही मौत हुई थी. जबकि 2 लोगों ने उपचार के दौरान एम्स ऋषिकेश में दम तोड़ा था. यानी इस हादसे में कुल 38 लोगों की मौत हुई है. वहीं कई घायलों का अभी भी उत्तराखंड के अलग-अलग हॉस्पिटलों में उपचार चल रहा है.
परिवहन विभाग के अधिकारियों पर भी हुई थी कार्रवाई: बता दें कि पौड़ी गढ़वाल जिले से नैनीताल के रामनगर जा रही प्राइवेट बस अल्मोड़ा जिले के सल्ट थाना क्षेत्र में बीती चार नवंबर को खाई में गिर गई थी. इस हादसे में अभीतक कुल 38 लोगों की मौत हो चुकी है. हादसे के बाद परिवहन विभाग ने अपने कई अधिकारियों पर कार्रवाई की थी. वहीं हादसे के बाद से ही पुलिस की भूमिका को लेकर भी जांच की जा रही थी. जिसमें कई महत्वपूर्ण बिंदु सामने आए हैं.
सीईओ विमल प्रसाद ने की जांच: प्रकरण को लेकर को सीईओ विमल प्रसाद को इस मामले की जांच दी गई थी. सीईओ विमल प्रसाद ने हादसे से जुड़े तमाम बिंदुओं पर जांच की और इसमें प्रारंभिक जांच में पाया गया कि पुलिस दुर्घटना वाले मोटर मार्ग में ओवरलोड वाहनों की निगरानी करने का काम नहीं कर रही थी. ऐसे में सीईओ विमल प्रसाद ने घटना से जुड़ी अपनी जांच अल्मोड़ा के एसएसपी को सौंप दी थी, जिसके बाद एसएसपी अल्मोड़ा देवेंद्र पींचा ने इस हादसे के लिए लापरवाही को गंभीर माना था और ऐसे में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए थे.
इन पर हुई कार्रवाई: अल्मोड़ा एसएसपी कार्यालय के स्तर पर इस मामले में सल्ट के थानाध्यक्ष मदन मोहन जोशी को लाइन हाजिर किया गया है. इसके अलावा हल्का प्रभारी मोहन आर्य को भी लाइन हाजिर किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. उधर कार्रवाई के साथ ही अब सल्ट थाने में प्रमोद पाठक को थाना प्रभारी बनाया गया है. इसके अलावा जिले में सभी पुलिस कर्मियों को ऐसे मामलों में विशेष गंभीरता बरतने के निर्देश भी जारी किए गए हैं.
क्या होती है लाइन हाजिर का कार्रवाई: लाइन हाजिर का मतलब किसी पुलिसकर्मी को उस थाने या जगह से हटा दिया जाता है, जहां पर वो कार्यरत था यानी ड्यूटी करता है. लाइन हाजिर के बाद उस पुलिसकर्मी की ड्यूटी पुलिस मुख्यालय या फिर पुलिस लाइन में लगा दी जाती है. लाइन हाजिर यानी लाइन अटैच के दौरान पुलिसकर्मी से कोई बड़ा काम नहीं कराया जाता है. इसके अलावा उसे किसी केस में भी शामिल नहीं किया जाता है. लाइन हाजिर के दौरान पुलिसकर्मी पर अधिकारियों की सीधी नजर होती है. इस दौरान छोटी-मोटी गलतियों पर सजा भी दी जाती है. साथ ही बड़ी गलती पर बर्खास्त भी कर दिया जाता है.
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