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देवी के मशहूर धाम में प्रसाद शुद्धता की गारंटी नहीं, नवरात्रि में लड्डू लें खुद के रिस्क पर - Salkanpur devi laddu prasad

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

अभी तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू विवाद का मामला शांत हुआ नहीं था कि मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध देवी धाम सलकनपुर से नया विवाद सामने आ गया है. दरअसल, मंदिर समिति ने यहां कलेक्टर और एसपी को आवेदन सौंपा है कि जो स्व सहायता समूह यहां मंदिर का लोगो लगाकर लड्डू बेच रहा है, उसके प्रमाणिकरण की कोई व्यवस्था नहीं है. वहीं कुछ समय से भक्तों ने लड्डू की क्वालिटी को लेकर आपत्ति भी जताई है, जिसके लिए मंदिर नहीं स्व. सहायता समूह की जिम्मेदारी बनती है.

SALKANPUR DEVI LADDU PRASAD CONTROVERSY
देवी के सबसे मशहूर धाम के प्रसाद में शुद्धता की गारंटी नहीं (Etv Bharat)

सीहोर : मध्यप्रदेश के सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा के अंतर्गत सलकनपुर धाम आता है. इस प्रसिद्ध देवी मंदिर में नवरात्रि महापर्व के पहले लड्डू प्रसाद को लेकर विवाद छिड़ गया है. मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय ने कहा, '' हमने कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सौंपा है कि यहां बेसन के लड्डू बनाने का काम एक स्व सहायता समूह द्वारा मंदिर का लोगो लगाकर किया जाता है. ऐसे में देवी प्रसाद में कभी क्वालिटी में खराबी निकलेगी तो मंदिर का नाम आएगा और उसकी जवाबदारी बनेगी. ऐसे में हमने निवेदन किया है कि बेसन के लड्डू बनाने वाली संस्था अपने पैकेट से मंदिर का लोगो हटाए. मंदिर के अंदर दुकान का कोई प्रावधान नहीं है पर कांग्रेस के समय कुछ लोगों को यहां बिठा दिया गया था.''

देखें वीडियो (Etv Bharat)

हर कहीं बैठकर मंदिर के लड्डू न बनाए जाएं

मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय ने आगे कहा, '' मंदिर का रेनोवेशन का कार्य भी जारी है, ऐसे में जो समूह यहां मंदिर के लड्डू बनाकर बेचता आ रहा है, वो हर कहीं बैठकर लड्डू बनाए और बेचे इसपर हमें आपत्ति है. समिति ने प्रस्ताव पारित कर कलेक्टर महोदय से अपील की है कि इस समूह को प्रसाद बनाने के लिए कहीं और जगह दी जाए और पैकेट पर से मंदिर का लोगो हटाया जाए. हमें कई दर्शनार्थियों ने शिकायत भी की है कि मंदिर के लड्डू में एक अलग सी महक आती है, जो ठीक नहीं लगती.''

स्व सहायता समूह ने दी ये सफाई

इस मामले में अजीविका मिशन स्व सहायता समूह की रजनी कहती हैं, '' हमारे लड्डुओं को लेकर जो क्वालिटी की बात कही जा रही है वह गलत है. यहां कोई भी सामग्री अमानक नहीं है और सबकुछ शुद्धता के साथ बनाते हैं. मंदिर समिति की शिकायत के बाद मौखिक रूप से हमें यहां स्टॉल लगाने से मना किया है.''

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महाकाल मंदिर परिसर में काटा केक तो माफी नहीं! सजा के लिए तैयार रहें कर्मचारी और भक्त

महाकाल मंदिर का प्रसाद भी टेस्टिंग के लिए भेजा

तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू प्रसादम में पशु चर्बी और फिश ऑयल के ट्रेसेस पाए जाने के बाद सभी बड़े मंदिरों में मिलने वाले प्रसाद को शक की नजर से देखा जा रहा है. इस मामले में एहतियातन जिला प्रशासन उज्जैन ने बाबा महाकाल मंदिर के प्रसाद के सैंपल भी टेस्टिंग के लिए लैब भेजे हैं. जानकारी ये भी है कि कुछ भक्त खाद्य विभाग गए थे और उन्होंने महाकाल मंदिर के प्रसाद की टेस्टिंग करने की मांग की थी. इसे लेकर खाद्य विभाग के प्रभारी ने कहा कि समय-समय पर प्रसाद के साथ ही उसमें डाली जानी वाली हर सामग्री की टेस्टिंग होती रहती है.

ओंकारेश्वर मंदिर प्रसाद की भी होगी जांच

तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू विवाद के बाद अब एक के बाद एक प्रमुख मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं. उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाद विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मंदिर के प्रसाद को भी जांच के लिए भेजा जाएगा. मंदिर प्रशासन की पहल पर यहां के प्रसाद के सैंपल खाद्य विभाग द्वारा जांच में लिए जाएंगे.

सीहोर : मध्यप्रदेश के सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा के अंतर्गत सलकनपुर धाम आता है. इस प्रसिद्ध देवी मंदिर में नवरात्रि महापर्व के पहले लड्डू प्रसाद को लेकर विवाद छिड़ गया है. मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय ने कहा, '' हमने कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सौंपा है कि यहां बेसन के लड्डू बनाने का काम एक स्व सहायता समूह द्वारा मंदिर का लोगो लगाकर किया जाता है. ऐसे में देवी प्रसाद में कभी क्वालिटी में खराबी निकलेगी तो मंदिर का नाम आएगा और उसकी जवाबदारी बनेगी. ऐसे में हमने निवेदन किया है कि बेसन के लड्डू बनाने वाली संस्था अपने पैकेट से मंदिर का लोगो हटाए. मंदिर के अंदर दुकान का कोई प्रावधान नहीं है पर कांग्रेस के समय कुछ लोगों को यहां बिठा दिया गया था.''

देखें वीडियो (Etv Bharat)

हर कहीं बैठकर मंदिर के लड्डू न बनाए जाएं

मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय ने आगे कहा, '' मंदिर का रेनोवेशन का कार्य भी जारी है, ऐसे में जो समूह यहां मंदिर के लड्डू बनाकर बेचता आ रहा है, वो हर कहीं बैठकर लड्डू बनाए और बेचे इसपर हमें आपत्ति है. समिति ने प्रस्ताव पारित कर कलेक्टर महोदय से अपील की है कि इस समूह को प्रसाद बनाने के लिए कहीं और जगह दी जाए और पैकेट पर से मंदिर का लोगो हटाया जाए. हमें कई दर्शनार्थियों ने शिकायत भी की है कि मंदिर के लड्डू में एक अलग सी महक आती है, जो ठीक नहीं लगती.''

स्व सहायता समूह ने दी ये सफाई

इस मामले में अजीविका मिशन स्व सहायता समूह की रजनी कहती हैं, '' हमारे लड्डुओं को लेकर जो क्वालिटी की बात कही जा रही है वह गलत है. यहां कोई भी सामग्री अमानक नहीं है और सबकुछ शुद्धता के साथ बनाते हैं. मंदिर समिति की शिकायत के बाद मौखिक रूप से हमें यहां स्टॉल लगाने से मना किया है.''

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ओंकारेश्वर मंदिर प्रसाद की भी होगी जांच

तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू विवाद के बाद अब एक के बाद एक प्रमुख मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं. उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाद विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मंदिर के प्रसाद को भी जांच के लिए भेजा जाएगा. मंदिर प्रशासन की पहल पर यहां के प्रसाद के सैंपल खाद्य विभाग द्वारा जांच में लिए जाएंगे.

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