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साइबर अटैक से अटकी 25 हजार कर्मचारियों की सैलरी, 6 दिन बाद भी उत्तराखंड में कामकाज सामान्य नहीं

उत्तराखंड में करीब 25 हजार कर्मचारियों की सैलरी रूकी. साइबर अटैक के कारण कई सरकारी साइटें हुई थी प्रभावित.

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उत्तराखंड सचिवालय. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 7, 2024, 5:26 PM IST

Updated : Oct 7, 2024, 6:13 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के स्टेट डाटा सेंटर अभी भी साइबर अटैक के वायरस से पूरी तरह मुक्त नहीं हो पाया है. यहीं कारण है कि प्रदेश सरकार के करीब 25 हजार कर्मचारियों की सैलरी अटकी पड़ी है. साइबर अटैक के चलते प्रदेश के सरकारी कार्यालयों को आपस में जोड़ने वाले स्वान (स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क) को सुरक्षा के दृष्टिगत बंद कर दिया गया था.

बता दें कि बीते दो अक्टूबर को एक वायरस के कारण सरकार सरकार की पूरा सिस्टम थम गया था. इस वायरस के कारण ई-ऑफिस समेत 72 वेबसाइट और सरकारी सेवाओं से जुड़ी करीब 70 एप्लीकेशन प्रभावित हुई थी. साइबर अटैक के चलते उत्तराखंड ट्रेजरी भी अछूता नहीं रहा, जिसके चलते प्रदेश के करीब 25 हज़ार कर्मचारियों की सैलरी अटक गई.

साइबर अटैक से अटकी 25 हजार कर्मचारियों की सैलरी (ETV Bharat)

भले ही प्रदेश के लगभग सभी वेबसाइट सुचारू हो गए हो लेकिन अभी भी ट्रेजरी से जुड़ा कामकाज सुचारू नहीं हो पाया है. फिलहाल आईटीडीए ने ट्रेजरी को स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क से अलग नेटवर्क प्रोवाइड किया गया है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि सोमवार शाम तक ट्रेजरी का कामकाज शुरू हो सकता है. उम्मीद की जा रही है कि ट्रेजरी का कामकाज शुरू होने के बाद जिन 25 हज़ार कर्मचारियों की सैलरी अटकी हुई है, वो मगंलवार को जारी हो.

इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए उत्तराखंड कोषागार के निदेशक दिनेश चंद्र लोहनी ने बताया कि ट्रेजरी का नेटवर्क भी आईटीडीए से जुड़ा हुआ है, जिसके चलते 2 अक्टूबर के बाद से ही ट्रेजरी के कामकाज भी ठप हो गए थे. इस वजह से बिल भी पास नहीं हो पा रहे थे. सुरक्षा के दृष्टिगत ट्रेजरी के आईएफएमएस (इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) सर्वर को भी बंद कर दिया था. लेकिन आईटीडीए की ओर से सुरक्षा संबंधित काम किए जाने के बाद रविवार शाम से ही ट्रेजरी के आईएफएमएस सर्वर की स्कैनिंग का काम शुरू कर दिया गया, जिसके पूरा होने के बाद सोमवार सुबह से ही कामकाज शुरू कर दी गई है. साथ ही कहा कि भुगतान संबंधित प्रक्रियाएं भी शुरू कर दी गई है. ऐसे में संभवत 7 अक्टूबर की शाम तक आरबीआई से भुगतान संबंधित प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी.

वहीं उपनल, पीआरडी समेत करीब 25 हज़ार कर्मचारी ऐसे है, जिनको इस महीने वेतन नहीं मिल पाया है, उनको भी 8 अक्टूबर तक वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा. पेंशनधारियों को कोई दिक्कत नहीं हुई, क्योंकि उनका भुगतान दो अक्टूबर से पहले ही कर दिया गया था.

निदेशक ने बताया कि आईटीडीए के स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (स्वान) से ही ट्रेजरी को इंटरनेट की सुविधा मिलती है. इसके साथ ही आईटीडीए में ट्रेजरी का रियल टाइम डाटा सींक होता है. उसकी क्या स्थिति है, इसकी जानकारी तो आईटीडीए के पास है, लेकिन आईटीडीए ने स्वान को बाइपास कर नेट की सुविधा ट्रेजरी को दी है, जिसमे आईपी प्रोटोकॉल मैच कर गया है. ऐसे में ये प्रक्रिया पूरी होने के बाद ट्रेजरी भुगतान करने की स्थिति में आ जाएगी.

साथ ही बताया कि कोषागार के पास इंटरनेट की अतरिक्त नेटवर्क लाइन नहीं है, लेकिन भविष्य में विचार किया जाएगा कि कोषागार के लिए कोई स्वतंत्र इंटरनेट लाइन ले सके.

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देहरादून: उत्तराखंड के स्टेट डाटा सेंटर अभी भी साइबर अटैक के वायरस से पूरी तरह मुक्त नहीं हो पाया है. यहीं कारण है कि प्रदेश सरकार के करीब 25 हजार कर्मचारियों की सैलरी अटकी पड़ी है. साइबर अटैक के चलते प्रदेश के सरकारी कार्यालयों को आपस में जोड़ने वाले स्वान (स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क) को सुरक्षा के दृष्टिगत बंद कर दिया गया था.

बता दें कि बीते दो अक्टूबर को एक वायरस के कारण सरकार सरकार की पूरा सिस्टम थम गया था. इस वायरस के कारण ई-ऑफिस समेत 72 वेबसाइट और सरकारी सेवाओं से जुड़ी करीब 70 एप्लीकेशन प्रभावित हुई थी. साइबर अटैक के चलते उत्तराखंड ट्रेजरी भी अछूता नहीं रहा, जिसके चलते प्रदेश के करीब 25 हज़ार कर्मचारियों की सैलरी अटक गई.

साइबर अटैक से अटकी 25 हजार कर्मचारियों की सैलरी (ETV Bharat)

भले ही प्रदेश के लगभग सभी वेबसाइट सुचारू हो गए हो लेकिन अभी भी ट्रेजरी से जुड़ा कामकाज सुचारू नहीं हो पाया है. फिलहाल आईटीडीए ने ट्रेजरी को स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क से अलग नेटवर्क प्रोवाइड किया गया है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि सोमवार शाम तक ट्रेजरी का कामकाज शुरू हो सकता है. उम्मीद की जा रही है कि ट्रेजरी का कामकाज शुरू होने के बाद जिन 25 हज़ार कर्मचारियों की सैलरी अटकी हुई है, वो मगंलवार को जारी हो.

इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए उत्तराखंड कोषागार के निदेशक दिनेश चंद्र लोहनी ने बताया कि ट्रेजरी का नेटवर्क भी आईटीडीए से जुड़ा हुआ है, जिसके चलते 2 अक्टूबर के बाद से ही ट्रेजरी के कामकाज भी ठप हो गए थे. इस वजह से बिल भी पास नहीं हो पा रहे थे. सुरक्षा के दृष्टिगत ट्रेजरी के आईएफएमएस (इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) सर्वर को भी बंद कर दिया था. लेकिन आईटीडीए की ओर से सुरक्षा संबंधित काम किए जाने के बाद रविवार शाम से ही ट्रेजरी के आईएफएमएस सर्वर की स्कैनिंग का काम शुरू कर दिया गया, जिसके पूरा होने के बाद सोमवार सुबह से ही कामकाज शुरू कर दी गई है. साथ ही कहा कि भुगतान संबंधित प्रक्रियाएं भी शुरू कर दी गई है. ऐसे में संभवत 7 अक्टूबर की शाम तक आरबीआई से भुगतान संबंधित प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी.

वहीं उपनल, पीआरडी समेत करीब 25 हज़ार कर्मचारी ऐसे है, जिनको इस महीने वेतन नहीं मिल पाया है, उनको भी 8 अक्टूबर तक वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा. पेंशनधारियों को कोई दिक्कत नहीं हुई, क्योंकि उनका भुगतान दो अक्टूबर से पहले ही कर दिया गया था.

निदेशक ने बताया कि आईटीडीए के स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (स्वान) से ही ट्रेजरी को इंटरनेट की सुविधा मिलती है. इसके साथ ही आईटीडीए में ट्रेजरी का रियल टाइम डाटा सींक होता है. उसकी क्या स्थिति है, इसकी जानकारी तो आईटीडीए के पास है, लेकिन आईटीडीए ने स्वान को बाइपास कर नेट की सुविधा ट्रेजरी को दी है, जिसमे आईपी प्रोटोकॉल मैच कर गया है. ऐसे में ये प्रक्रिया पूरी होने के बाद ट्रेजरी भुगतान करने की स्थिति में आ जाएगी.

साथ ही बताया कि कोषागार के पास इंटरनेट की अतरिक्त नेटवर्क लाइन नहीं है, लेकिन भविष्य में विचार किया जाएगा कि कोषागार के लिए कोई स्वतंत्र इंटरनेट लाइन ले सके.

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Last Updated : Oct 7, 2024, 6:13 PM IST
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