सागर : जिस मंच पर दो-दो मुख्यमंत्री, एक विधानसभा अध्यक्ष, एक उपमुख्यमंत्री, एक कैबिनेट मंत्री और करीब आधा दर्जन विधायक मौजूद हों. ऐसे में एक पूर्व मंत्री और विधायक महफिल लूट ले जाएं, ऐसा कम ही देखने मिलता है. सागर में आयोजित लाखा बंजारा झील के लोकार्पण में ऐसा ही नजारा देखने मिला, जब पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपनी छवि के विपरीत ऐसा तीखा भाषण दिया कि विरोधी तो छोड़िए, उनकी पार्टी के ही लोग हैरान रह गए. इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन याद के साथ उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहे.
पोस्टर और बैनर से गायब थे पूर्व मंत्री
दरअसल, सागर में स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत जो भी कार्य हुए उस समय नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह थे. लेकिन सोमवार को हुए लोकार्पण कार्यक्रम के पोस्टर बैनर और आमंत्रण पत्र में उनका नाम तक नहीं था. ऐसे में जब उन्होंने भरे मंच से अपना संबोधन शुरू किया, तो ये एहसास कराना नहीं भूले कि ये सब कामकाज उनके कार्यकाल में हुए हैं. उन्होंने अंत में ये भी कहा कि सागर शहर, जिले और बुंदेलखंड के लिए वो हमेशा समर्पित रहेंगे और फोटो से कुछ नहीं होता है, लोगों के दिलों में तस्वीर होना चाहिए.
कांग्रेस को लिया आड़े हाथों, गिनाई अपनी उपलब्धियां
पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में सागर के विकास का श्रेय भाजपा को दिया. उन्होंने कहा कि सागर में जो भी विकास कार्य हुए, वो पिछले 20 सालों में भाजपा सरकार की वजह से हुए. कांग्रेस सरकार के 50 साल के कार्यकाल में कुछ नहीं हुआ. खासकर लाखा बंजारा झील के सौंदर्यीकरण के अलावा शहर में हुए कामों का श्रेय उन्होंने अपनी पार्टी को देते हुए कहा.
'' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में स्मार्ट सिटी मिशन की शुरुआत की और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रदेश की सात स्मार्ट सिटी में सागर को शामिल किया. ये सागर का दुर्भाग्य था कि स्मार्ट सिटी मिशन का 1000 करोड़ रु आया और कांग्रेस की कमलनाथ सरकार आ गई. स्मार्ट सिटी के फंड में से 100 से डेढ़ सौ करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ. ये सौभाग्य रहा कि वो तो सरकार गिर गई, शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बने और मुझे नगरीय प्रशासन मंत्री बनाया. फिर हमारी सरकार ने लाखा बंजारा झील, शहर में सड़कें, खेल मैदान और पार्क बनाए.''
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत थे निशाने पर?
पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के संबोधन पर गौर करें, तो उन्होंने मंच पर मौजूद बुंदेलखंड के एकमात्र कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का नाम तक नहीं लिया. संबोधन की शुरुआत में अतिथियों का नाम लेते हुए उन्होंने अपनी ही सरकार के कैबिनेट मंत्री का नाम ना लेकर जता दिया कि अदावत जारी रहेगी. इतना ही नहीं, कमलनाथ सरकार के समय स्मार्ट सिटी मिशन के कामों में 100 से 150 करोड़ के भ्रष्टाचार का जो आरोप था. माना जा रहा है कि अप्रत्यक्ष रूप से वो भी गोविंद सिंह राजपूत पर निशाना था. गोविंद सिं राजपूत तब कमलनाथ सरकार में मंत्री थे. भले ही गोविंद सिंह राजपूत राजस्व परिवहन मंत्री थे लेकिन सागर में बीजेपी विधायक होने के कारण उनका बोलवाला और हस्तक्षेप हर काम में था.
शैलेंद्र जैन को श्रेय, मुख्यमंत्री की तारीफ
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की तरह मंत्री भूपेंद्र सिंह की नाराजगी सागर विधायक शैलेंद्र जैन से भी मानी जा रही थी. लेकिन भूपेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में विधायक की तरफ नरम रूख रखा और लाखा बंजारा झील पर बने एलीवेटेड कॉरीडोर को अपनी और विधायक शैलेंद्र जैन की सोच बताया. उन्होंने कहा कि झील के सौंदर्यीकरण और एलीवेटेड कारीडोर की परिकल्पना उनकी और शैलेंद्र जैन की थी. वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने सागर को स्टेट यूनिवर्सटी की सौगात दी है जबकि केंद्र में रही कांग्रेस ने मध्यप्रदेश की 10 हजार करोड़ की यूनिवर्सटी लेकर स्टेट यूनिवर्सटी के लिए एक पैसा तक नहीं दिया था.
दिलों में फोटो होना चाहिए, बैनर पर नहीं
अपने संबोधन के अंत में भूपेंद्र सिंह बैनर पोस्टर विवाद पर बोलने से भी नहीं चूके. उन्होंने कहा कि बैनर पोस्टर में फोटो से कुछ नहीं होता है और ना ही वो श्रेय की राजनीति करते हैं. उनका जीवन सागर शहर, जिला और बुंदेलखंड के लिए समर्पित है. उन्होंने कहा कि फोटो लोगों के दिल में होना चाहिए, बैनर पोस्टर से कुछ नहीं होता.
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