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क्या तीसरे विकल्प की ओर बढ़ रहा बिहार? रुपौली उपचुनाव का रिजल्ट NDA-महागठबंधन के लिए खतरे की घंटी - RUPAULI BY ELECTION RESULT

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 14, 2024, 6:46 PM IST

Updated : Jul 14, 2024, 7:10 PM IST

RUPAULI BY ELECTION RESULT:2024 के लोकसभा चुनाव के बाद रुपौली विधानसभा का उपचुनाव NDA और महागठबंधन के लिए एक टेस्ट की तरह था, लेकिन इस टेस्ट में न NDA पास हो पाया और न ही महागठबंधन. जनता ने निर्दलीय के सिर पर जीत का सेहरा सजाकर भविष्य की सियासत के लिए बड़ा संदेश दे डाला, आखिर क्यों सभी दलों पर भारी पड़ा निर्दलीय, आप भी समझिये-

बहुत कुछ कह रहा है रुपौली का रिजल्ट
बहुत कुछ कह रहा है रुपौली का रिजल्ट (ETV BHARAT)
रुपौली के रिजल्ट में छिपा बड़ा सियासी संदेश (ETV BHARAT)

पटनाः 10 जुलाई को जब रुपौली विधानसभा उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई तो NDA और महागठबंधन ने जीत के बड़े-बड़े दावे किए. किसी ने कहा कि रुपौली की जनता ने विकास को चुना है तो किसी ने दावा किया कि रुपौली की जनता को तेजस्वी पर भरोसा है. लेकिन जब रिजल्ट आया तो पता चला कि रुपौली की जनता को न विकास के दावे पर भरोसा है और न ही रोजगार के वादों पर ऐतबार.

निर्दलीय शंकर सिंह की हुई जीतः 13 जुलाई को जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ रही थी सियासी दलों के नेताओं के चेहरे बुझते जा रहे थे. अंततः रुपौली में न तीर चला और न ही लालटेन जली. बाजी हाथ लगी निर्दलीय शंकर सिंह के, जिन्होंने जेडीयू के कलाधर मंडल को 8211 मतों से मात दे दी. जबकि पांच बार रही रुपौली की विधायक और आरजेडी कैंडिडेट बीमा भारती तीसरे नंबर पर रहीं.

क्यों हुआ उपचुनाव ?: 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में रूपौली से जेडीयू की प्रत्याशी के रूप में बीमा भारती ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बीमा भारती में जेडीयू से इस्तीफा देकर आरजेडी कैंडिडेट के रूप में पूर्णिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन बीमा का ये दांव उल्टा पड़ गया और वो चुनाव हार गयी. यहां तक कि उनकी जमानत भी जब्त हो गयी. लोकसभा चुनाव लड़ने के कारण उन्होंने रुपौली विधानसभा के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था.जिसके कारण रुपौली में उपचुनाव हुआ.

पप्पू यादव, सांसद, पूर्णिया
पप्पू यादव, सांसद, पूर्णिया (ETV Bharat)

लोकसभा चुनाव में भी पूर्णिया का दिलचस्प परिणामः 2024 लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था. जेडीयू से मौजूदा सांसद संतोष कुशवाहा तीसरी बार चुनावी मैदान में थे. जबकि महागठबंधन की ओर से आरजेडी ने बीमा भारती को मैदान में उतारा था. वहीं पूर्णिया से टिकट की आस में अपनी पार्टी का विलय करनेवाले पप्पू यादव को जब टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय ही मैदान में उतर पड़े. परिणाम बेहद ही दिलचस्प रहा और निर्दलीय पप्पू यादव ने जेडीयू के संतोष कुशवाहा को 9347 वोट से मात दे दी.

लोकसभा चुनाव में भी दावे हुए थे फेलः 2024 लोकसभा चुनाव में भी बिहार के सभी राजनीतिक दल अपने-अपने गठबंधन की जीत का दावा कर रहे थे. एनडीए और INDI गठबंधन बिहार की सभी 40 सीट पर जीत का दावा कर रहे थे, लेकिन चुनाव परिणाम में एनडीए को नौ सीटों का नुकसान हुआ तो INDI गठबंधन महज 9 सीट पर ही सिमट कर रह गया. पूर्णिया लोकसभा सीट निर्दलीय पप्पू यादव के खाते में गई.

बड़े दलों के लिए परीक्षा था रुपौली उपचुनावः लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने प्रदर्शन को लेकर समीक्षा बैठक की थी. कर्मियों को दूर करने का निर्देश दिया गया और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी करने का कार्यकर्ताओं को आदेश दिया गया. रुपौली विधानसभा का उपचुनाव इन राजनीतिक दलों के लिए पहला टेस्ट था. लेकिन इस टेस्ट में बिहार के सभी बड़े राजनीतिक दल फेल हो गये. पूर्णिया लोकसभा चुनाव की ही तर्ज पर रुपौली की जनता ने बड़े दलीय प्रत्याशी के मुकाबले निर्दलीय प्रत्याशी पर अपना भरोसा जताया.

चुनाव परिणाम पर जेडीयू की प्रतिक्रिया: रुपौली में हार पर जेडीयू की प्रवक्ता अंजुम आरा का कहना है कि " रुपौली का रिजल्ट आरजेडी के लिए एक सबक है. आरजेडी के लिए यह सोचने की बात है कि अन्य प्रदेश में INDI गठबंधन के प्रत्याशियों की जीत हुई जबकि बिहार में आरजेडी तीसरे नंबर पर रहा." हालांकि अंजुम आरा ने भी कहा कि "पार्टी हार के कारणों की समीक्षा करेगी."

हार में साजिश देख रहा आरजेडीः वहीं आरजेडी के खराब प्रदर्शन पर पार्टी के प्रवक्ता आरजू खान ने कहा कि "रुपौली के अति पिछड़ा बेटा और अति पिछड़े की बेटी के खिलाफ षड्यंत्र किया गया. और ये बात उस समय और पुख्ता हो गयी जब बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने शंकर सिंह के बारे में कहा कि वो हमारे सहयोगी दल के नेता हैं."

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक ?: रुपौली विधानसभा उपचुनाव के परिणाम पर वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का कहना है कि "अगर आप कैंडिडेट थोपते हैं तो कोई जरूरी नहीं है कि उसको जनता स्वीकार ही कर ले. 2024 लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद सभी राजनीतिक दलों ने समीक्षा बैठक की थी. लेकिन फिर हुआ कि आरजेडी ने फिर बीमा भारती पर अपना दांव खेला. CPI ने इस सीट पर अपना दावा किया था. CPI की नहीं सुनी गई और बीमा भारती को उम्मीदवार बनाया गया."

"कलाधर मंडल हों या बीमा भारती, जब जनता के बीच में आपकी उपस्थिति नहीं है, विकास को लेकर आप सजग नहीं हैं, जनता के सुख-दुख में आप खड़े नहीं है तो ऐसा कुछ नहीं है कि राजनीतिक दल जो कैंडिडेट थोप देंगे उसे लोग स्वीकार ही कर लेंगे. जनता तो अपने तरीके से तय करती है कि उसे क्या करना है. 2005 में चुनाव जीतने के बाद लगातार हार रहे शंकर सिह लगातार रुपौली में जमे रहे, लोगों के साथ खड़े रहे. नतीजा लोगों ने शंकर सिंह पर अपना भरोसा जताया." संजय कुमार, वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक

खतरे की घंटी है रुपौली का रिजल्टः कारण जो भी हो रुपौली का रिजल्ट बिहार के बड़े सियासी दलों के लिए खतरे की घंटी है और ये भविष्य की राजनीति का संकेत भी है. इस उपचुनाव के परिणाम ने बता दिया है कि बड़े दलों के बीच लड़ाई में अगर जनता के सामने कोई तीसरा बेहतर विकल्प दिखेगा तो जनता उसे चुनने में जरा भी देर नहीं लगाएगी.

ये भी पढ़ेंःपूर्णिया लोकसभा के बाद अब रुपौली विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय के हाथों JDU-RJD ने खाई मात, गठबंधन को तगड़ा झटका - Rupauli By poll Results

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रुपौली के रिजल्ट में छिपा बड़ा सियासी संदेश (ETV BHARAT)

पटनाः 10 जुलाई को जब रुपौली विधानसभा उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई तो NDA और महागठबंधन ने जीत के बड़े-बड़े दावे किए. किसी ने कहा कि रुपौली की जनता ने विकास को चुना है तो किसी ने दावा किया कि रुपौली की जनता को तेजस्वी पर भरोसा है. लेकिन जब रिजल्ट आया तो पता चला कि रुपौली की जनता को न विकास के दावे पर भरोसा है और न ही रोजगार के वादों पर ऐतबार.

निर्दलीय शंकर सिंह की हुई जीतः 13 जुलाई को जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ रही थी सियासी दलों के नेताओं के चेहरे बुझते जा रहे थे. अंततः रुपौली में न तीर चला और न ही लालटेन जली. बाजी हाथ लगी निर्दलीय शंकर सिंह के, जिन्होंने जेडीयू के कलाधर मंडल को 8211 मतों से मात दे दी. जबकि पांच बार रही रुपौली की विधायक और आरजेडी कैंडिडेट बीमा भारती तीसरे नंबर पर रहीं.

क्यों हुआ उपचुनाव ?: 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में रूपौली से जेडीयू की प्रत्याशी के रूप में बीमा भारती ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बीमा भारती में जेडीयू से इस्तीफा देकर आरजेडी कैंडिडेट के रूप में पूर्णिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन बीमा का ये दांव उल्टा पड़ गया और वो चुनाव हार गयी. यहां तक कि उनकी जमानत भी जब्त हो गयी. लोकसभा चुनाव लड़ने के कारण उन्होंने रुपौली विधानसभा के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था.जिसके कारण रुपौली में उपचुनाव हुआ.

पप्पू यादव, सांसद, पूर्णिया
पप्पू यादव, सांसद, पूर्णिया (ETV Bharat)

लोकसभा चुनाव में भी पूर्णिया का दिलचस्प परिणामः 2024 लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था. जेडीयू से मौजूदा सांसद संतोष कुशवाहा तीसरी बार चुनावी मैदान में थे. जबकि महागठबंधन की ओर से आरजेडी ने बीमा भारती को मैदान में उतारा था. वहीं पूर्णिया से टिकट की आस में अपनी पार्टी का विलय करनेवाले पप्पू यादव को जब टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय ही मैदान में उतर पड़े. परिणाम बेहद ही दिलचस्प रहा और निर्दलीय पप्पू यादव ने जेडीयू के संतोष कुशवाहा को 9347 वोट से मात दे दी.

लोकसभा चुनाव में भी दावे हुए थे फेलः 2024 लोकसभा चुनाव में भी बिहार के सभी राजनीतिक दल अपने-अपने गठबंधन की जीत का दावा कर रहे थे. एनडीए और INDI गठबंधन बिहार की सभी 40 सीट पर जीत का दावा कर रहे थे, लेकिन चुनाव परिणाम में एनडीए को नौ सीटों का नुकसान हुआ तो INDI गठबंधन महज 9 सीट पर ही सिमट कर रह गया. पूर्णिया लोकसभा सीट निर्दलीय पप्पू यादव के खाते में गई.

बड़े दलों के लिए परीक्षा था रुपौली उपचुनावः लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने प्रदर्शन को लेकर समीक्षा बैठक की थी. कर्मियों को दूर करने का निर्देश दिया गया और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी करने का कार्यकर्ताओं को आदेश दिया गया. रुपौली विधानसभा का उपचुनाव इन राजनीतिक दलों के लिए पहला टेस्ट था. लेकिन इस टेस्ट में बिहार के सभी बड़े राजनीतिक दल फेल हो गये. पूर्णिया लोकसभा चुनाव की ही तर्ज पर रुपौली की जनता ने बड़े दलीय प्रत्याशी के मुकाबले निर्दलीय प्रत्याशी पर अपना भरोसा जताया.

चुनाव परिणाम पर जेडीयू की प्रतिक्रिया: रुपौली में हार पर जेडीयू की प्रवक्ता अंजुम आरा का कहना है कि " रुपौली का रिजल्ट आरजेडी के लिए एक सबक है. आरजेडी के लिए यह सोचने की बात है कि अन्य प्रदेश में INDI गठबंधन के प्रत्याशियों की जीत हुई जबकि बिहार में आरजेडी तीसरे नंबर पर रहा." हालांकि अंजुम आरा ने भी कहा कि "पार्टी हार के कारणों की समीक्षा करेगी."

हार में साजिश देख रहा आरजेडीः वहीं आरजेडी के खराब प्रदर्शन पर पार्टी के प्रवक्ता आरजू खान ने कहा कि "रुपौली के अति पिछड़ा बेटा और अति पिछड़े की बेटी के खिलाफ षड्यंत्र किया गया. और ये बात उस समय और पुख्ता हो गयी जब बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने शंकर सिंह के बारे में कहा कि वो हमारे सहयोगी दल के नेता हैं."

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक ?: रुपौली विधानसभा उपचुनाव के परिणाम पर वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का कहना है कि "अगर आप कैंडिडेट थोपते हैं तो कोई जरूरी नहीं है कि उसको जनता स्वीकार ही कर ले. 2024 लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद सभी राजनीतिक दलों ने समीक्षा बैठक की थी. लेकिन फिर हुआ कि आरजेडी ने फिर बीमा भारती पर अपना दांव खेला. CPI ने इस सीट पर अपना दावा किया था. CPI की नहीं सुनी गई और बीमा भारती को उम्मीदवार बनाया गया."

"कलाधर मंडल हों या बीमा भारती, जब जनता के बीच में आपकी उपस्थिति नहीं है, विकास को लेकर आप सजग नहीं हैं, जनता के सुख-दुख में आप खड़े नहीं है तो ऐसा कुछ नहीं है कि राजनीतिक दल जो कैंडिडेट थोप देंगे उसे लोग स्वीकार ही कर लेंगे. जनता तो अपने तरीके से तय करती है कि उसे क्या करना है. 2005 में चुनाव जीतने के बाद लगातार हार रहे शंकर सिह लगातार रुपौली में जमे रहे, लोगों के साथ खड़े रहे. नतीजा लोगों ने शंकर सिंह पर अपना भरोसा जताया." संजय कुमार, वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक

खतरे की घंटी है रुपौली का रिजल्टः कारण जो भी हो रुपौली का रिजल्ट बिहार के बड़े सियासी दलों के लिए खतरे की घंटी है और ये भविष्य की राजनीति का संकेत भी है. इस उपचुनाव के परिणाम ने बता दिया है कि बड़े दलों के बीच लड़ाई में अगर जनता के सामने कोई तीसरा बेहतर विकल्प दिखेगा तो जनता उसे चुनने में जरा भी देर नहीं लगाएगी.

ये भी पढ़ेंःपूर्णिया लोकसभा के बाद अब रुपौली विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय के हाथों JDU-RJD ने खाई मात, गठबंधन को तगड़ा झटका - Rupauli By poll Results

कौन हैं बाहुबली शंकर सिंह, जिन्होंने रुपौली उपचुनाव में CM नीतीश और तेजस्वी को चटाई धूल - RUPAULI BY ELECTION RESULT

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Last Updated : Jul 14, 2024, 7:10 PM IST
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