पटना: लोकसभा चुनाव के बाद आज रुपौली में विधानसभा का उपचुनाव है. रुपौली चुनाव को जीतने के लिए दोनों गठबंधन की ओर से ताकत झोंक दी गई है. राष्ट्रीय जनता दल ने उस उम्मीदवार पर दाव लगाया है जिसने नीतीश कुमार से बगावत किया है. नीतीश कुमार ने चुनाव प्रचार के दौरान राजद उम्मीदवार को जमकर खरी-खोटी सुनाई थी और इशारों ही इशारों में नतीजे की ओर संकेत दे दिया था.
पूर्णिया में उपचुनाव का घमासान: पूर्णिया जिले के रुपौली में विधानसभा उप चुनाव हो रहे हैं. आज शाम 6 बजे वोट डाले जाएंगे. बिहार प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया. सबकी नजर पूर्व मंत्री बीमा भारती पर टिकी है. बीमा भारती ने नीतीश कुमार से बगावत कर लालू प्रसाद यादव के सियासत को धार देना मुनासिब समझा है.
नीतीश के निशाने पर बीमा भारती: आपको बता दें कि बीमा भारती तीन बार जदयू के टिकट पर विधायक रह चुकी हैं और नीतीश कुमार ने बीमा भारती को 2015 के चुनाव के नतीजे के बाद मंत्री भी बनाया था. 2000 में भी बीमा भारती विधायक बनी थी लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में वह चुनाव जीती थीं. पति अवधेश मंडल के बाहुबल के बदौलत बीमा भारती को जीत हासिल हुई थी.
नीतीश की पार्टी से बगावत कर मैदान में उतरीं बीमा: 2020 के चुनाव के बाद बीमा भारती और नीतीश कुमार के बीच दूरियां बढ़ गई दरअसल बीमा भारती इस बात से नाराज थे कि उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं दी गई इससे भी ज्यादा नाराज इस बात पर थी कि उनके प्रतिद्वंदी लेसी सिंह को मंत्री बना दिया गया.
पूर्णिया में त्रिकोणीय हुई लड़ाई: बीमा भारती और लेसी सिंह में कैसी दुश्मनी है इसे जानने के लिए इतिहास जानना जरूरी है. बिहार सरकार की मंत्री लेसी सिंह के पति बुटन सिंह गैंगस्टर थे और अपने पति के ताकत के बदौलत लेसी सिंह चुनाव जीतती थीं. फिलहाल उनके पति दुनिया में नहीं है और उनकी हत्या हो चुकी है तो दूसरी तरफ बीमा भारती के पति अवधेश मंडल बाहुबली हैं और फिलहाल फरार चल रहे हैं. बुटन सिंह और अवधेश मंडल के बीच वर्चस्व की लड़ाई चलती थी और वह लड़ाई आज भी शीत युद्ध के रूप में लेसी सिंह और बीमा भारती के बीच है.
दोनों गठबंधन ने झोंकी ताकत: बीमा भारती को लेकर नीतीश कुमार चुनाव प्रचार के दौरान जमकर बरसे थे. नीतीश कुमार ने यहां तक कहा कि हम तीन बार विधायक और मंत्री बनाए बोलना भी नहीं आता था सब कुछ सिखाया इसके बाद मुझे धोखा दे दी, मुझे जो छोड़ कर जाता है. उसका हश्र क्या होता है यह सब जानते हैं. हालांकि बीमा भारती ने भी प्रतिवाद करते हुए कहा कि नीतीश कुमार जी ने अति पिछड़ा की बेटी को अपमानित किया है. साल 2000 में मैं अपने बदौलत विधायक बनी थी.
किसका होगा रुपौली विधानसभा?: चुनाव प्रचार अभियान के दौरान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से सम्राट चौधरी नीतीश कुमार ललन सिंह चिराग पासवान और जीतन राम मांझी ने चुनाव प्रचार किया तो महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव और मुकेश साहनी ने चुनाव प्रचार किया,
बीमा भारती पर नजर: रुपौली विधानसभा चुनाव में सब की नजर बीमा भारती पर टिकी है बीमा भारती ने जदयू से बगावत किया और लोकसभा चुनाव के दौरान विधायकी से इस्तीफा देकर राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गई. राष्ट्रीय जनता दल ने बीमा भारती को पूर्णिया लोकसभा सीट पर उम्मीदवार बनाया था, लेकिन बीमा भारती अपनी जमानत ही नहीं बचा पाई और तीसरे स्थान पर आ गई.
एक महीने पहले लोकसभा लड़ा फिर विधानसभा: ठीक एक महीने बाद विधानसभा चुनाव की घोषणा हुई और राष्ट्रीय जनता दल ने फिर से बीमा भारती को उम्मीदवार बनाया. खास बात यह रही की इस बार बीमा भारती को पप्पू यादव का साथ मिला. तेजस्वी यादव ने दो दिनों तक पूर्णिया में कैंप किया. पप्पू यादव को खास तौर पर अल्पसंख्यक वोटर को शिफ्ट करने के लिए लगाया गया .
नीतीश की सच होगी भविष्वाणी: राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर संजय कुमार का मानना है कि वोटो की गोलबंदी अंतिम क्षणों तक होती है. बीमा भारती के साथ अगर अल्पसंख्यक वोट जुट जाता है तो जीत की राह आसान हो जाएगी. लेकिन अगर शंकर सिंह वोट काटने में कामयाब हो जाते हैं, तो त्रिकोणात्मक लड़ाई में जदयू उम्मीदवार को बढ़त मिल सकती है.
ये भी पढ़ें:
बीमा भारती को मिला पप्पू यादव का साथ, बोले- 'जो कांग्रेस के साथ.. हम उसके साथ' - Pappu Yadav