ETV Bharat / state

शिव-पार्वती के पुत्र कार्तिकेय मंदिर जाने के लिए देना होगा शुल्क, वन विभाग ने तय की दरें, देखें लिस्ट - Kartikeya Temple Darshan Fee - KARTIKEYA TEMPLE DARSHAN FEE

Kartikeya Temple Darshan Fee वन प्रभाग ने कार्तिक स्वामी मंदिर जाने के लिए शुल्क निर्धारित किया है. कार्तिक स्वामी मंदिर भगवान शिव-पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का मंदिर है. हर साल देश के कोने-कोने से लाखों भक्त मंदिर दर्शन के लिए आते हैं.

Kartikeya Temple Darshan Fee
शिव-पार्वती के पुत्र कार्तिकेय मंदिर जाने के लिए देना होगा शुल्क (PHOTO- ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 26, 2024, 8:42 PM IST

रुद्रप्रयाग: उत्तर भारत के एकमात्र कार्तिक स्वामी मंदिर आने वाले भक्तों से वन विभाग ने शुल्क लेना शुरू कर दिया है. वन विभाग ने शुल्क की दरें तय की हैं, जिसमें जनपद रुद्रप्रयाग और पोखरी ब्लॉक से आने वाले पर्यटकों को 10 रुपये और अन्य को 50 रुपये शुल्क देना होगा, जबकि हक-हकूकधारी गांवों को शुल्क में छूट दी गई है.

देवभूमि उत्तराखंड के जनपद चमोली और रुद्रप्रयाग के 360 गांवों के आराध्य भगवान कार्तिकेय का मंदिर कार्तिक स्वामी समुद्रतल से 2393 की ऊंचाई पर स्थित है. क्रौंच पर्वत पर स्थित कार्तिक स्वामी मंदिर को प्रकृति ने अपनी नेमतों से सजाया है. सघन वन क्षेत्र होने के साथ ही मंदिर मार्ग पर प्राचीन धरोहरें यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को आकर्षित करती हैं. उत्तर भारत के इस एकमात्र मंदिर में बीते वर्ष पांच लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे थे. उत्तराखंड सरकार द्वारा कार्तिक स्वामी को पर्यटन सर्किट से जोड़ा जा रहा है.

वहीं रुद्रप्रयाग वन प्रभाग ने कनकचौंरी से कार्तिक स्वामी मंदिर तक पहुंचने के लिए पर्यटकों के लिए शुल्क की व्यवस्था कर दी है. इस नई व्यवस्था में रुद्रप्रयाग जनपद के साथ चमोली जिले के पोखरी ब्लॉक के लोगों को मंदिर तक पहुंचने के लिए सिर्फ 10 रुपये शुल्क देना होगा. वहीं, अन्य जनपदों के साथ ही बाहरी क्षेत्रों से आने वाले पर्यटकों के लिए 50 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है. शुल्क से जमा हो रही धनराशि को कनकचौंरी से मंदिर तक नियमित साफ-सफाई पर खर्च की जाएगी. इसके लिए तीन स्थानीय लोगों को तैनात किया गया है.

कार्तिक स्वामी मंदिर समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह नेगी ने बताया कि कोरोनाकाल के बाद से कार्तिक स्वामी मंदिर एक नए तीर्थस्थल और पर्यटन केंद्र के रूप में उभरकर सामने आया है. वन विभाग ने अब मंदिर तक पहुंच के लिए न्यूनतम शुल्क व्यवस्था की है, जो सही पहल है. शुल्क से जो धनराशि जमा होगी, उसका उपयोग यात्री व्यवस्थाओं के लिए किया जाना है.

कनकचौंरी में स्थापित होंगे सीसीटीवी कैमरा: कार्तिक स्वामी मंदिर के हक-हकूकधारी पंचकोटी गांव बाड़व, तड़ाग, पोगठा, स्वांरी-घिमतोली और गोदी-गिंवाला के ग्रामीणों को शुल्क व्यवस्था से बाहर रखा गया है. इसके साथ ही कार्तिक स्वामी मंदिर के बेस कैंप कनकचौंरी में अलग-अलग स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएंगे, जिससे मंदिर जाने और वापस लौटने वाले एक-एक पर्यटक और यात्री के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकेगी. साथ ही पूरे क्षेत्र की मॉनिटरिंग करने में भी मदद मिलेगी.

ड्रोन और कैमरे के लिए भी देना होगा शुल्क: वन प्रभाग रुद्रप्रयाग और केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर, चमोली के डीएफओ अभिमन्यु सिंह ने बताया कि प्रदेश के वन क्षेत्रों में विजिट करने पर शासन के निर्देश पर शुल्क निर्धारित किया गया है. इस शुल्क से यात्री व्यवस्थाएं जुटाने और मंदिर मार्ग से लेकर मंदिर तक के संरक्षण तथा देख-रेख व नियमित साफ-सफाई का कार्य किया जाएगा. बताया कि रुद्रप्रयाग और चमोली जनपद के पोखरी ब्लॉक के यात्रियों से दस रुपए शुल्क लिया जाएगा, जबकि पंचकोटी के ग्रामीणों के लिए निशुल्क सुविधा रहेगी. इसके अलावा भारत के अन्य यात्री 50 रूपए देंगे और विदेशी पर्यटकों से 100 रुपए लिया जाएगा. ड्रोन फुटेज लेने पर 500 रुपए और कैमरा चलाने पर 200 रुपए शुल्क देना होगा.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के कार्तिक स्वामी मंदिर में दक्षिण भारत से आए तीर्थयात्रियों ने किए दर्शन, चारधाम यात्रा की व्यवस्था पर जताई खुशी

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के इस मंदिर में भगवान कार्तिकेय के बाल्य रूप के करें दर्शन, तमिलनाडु से आए शिवाचार्यों ने की आराधना

रुद्रप्रयाग: उत्तर भारत के एकमात्र कार्तिक स्वामी मंदिर आने वाले भक्तों से वन विभाग ने शुल्क लेना शुरू कर दिया है. वन विभाग ने शुल्क की दरें तय की हैं, जिसमें जनपद रुद्रप्रयाग और पोखरी ब्लॉक से आने वाले पर्यटकों को 10 रुपये और अन्य को 50 रुपये शुल्क देना होगा, जबकि हक-हकूकधारी गांवों को शुल्क में छूट दी गई है.

देवभूमि उत्तराखंड के जनपद चमोली और रुद्रप्रयाग के 360 गांवों के आराध्य भगवान कार्तिकेय का मंदिर कार्तिक स्वामी समुद्रतल से 2393 की ऊंचाई पर स्थित है. क्रौंच पर्वत पर स्थित कार्तिक स्वामी मंदिर को प्रकृति ने अपनी नेमतों से सजाया है. सघन वन क्षेत्र होने के साथ ही मंदिर मार्ग पर प्राचीन धरोहरें यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को आकर्षित करती हैं. उत्तर भारत के इस एकमात्र मंदिर में बीते वर्ष पांच लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे थे. उत्तराखंड सरकार द्वारा कार्तिक स्वामी को पर्यटन सर्किट से जोड़ा जा रहा है.

वहीं रुद्रप्रयाग वन प्रभाग ने कनकचौंरी से कार्तिक स्वामी मंदिर तक पहुंचने के लिए पर्यटकों के लिए शुल्क की व्यवस्था कर दी है. इस नई व्यवस्था में रुद्रप्रयाग जनपद के साथ चमोली जिले के पोखरी ब्लॉक के लोगों को मंदिर तक पहुंचने के लिए सिर्फ 10 रुपये शुल्क देना होगा. वहीं, अन्य जनपदों के साथ ही बाहरी क्षेत्रों से आने वाले पर्यटकों के लिए 50 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है. शुल्क से जमा हो रही धनराशि को कनकचौंरी से मंदिर तक नियमित साफ-सफाई पर खर्च की जाएगी. इसके लिए तीन स्थानीय लोगों को तैनात किया गया है.

कार्तिक स्वामी मंदिर समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह नेगी ने बताया कि कोरोनाकाल के बाद से कार्तिक स्वामी मंदिर एक नए तीर्थस्थल और पर्यटन केंद्र के रूप में उभरकर सामने आया है. वन विभाग ने अब मंदिर तक पहुंच के लिए न्यूनतम शुल्क व्यवस्था की है, जो सही पहल है. शुल्क से जो धनराशि जमा होगी, उसका उपयोग यात्री व्यवस्थाओं के लिए किया जाना है.

कनकचौंरी में स्थापित होंगे सीसीटीवी कैमरा: कार्तिक स्वामी मंदिर के हक-हकूकधारी पंचकोटी गांव बाड़व, तड़ाग, पोगठा, स्वांरी-घिमतोली और गोदी-गिंवाला के ग्रामीणों को शुल्क व्यवस्था से बाहर रखा गया है. इसके साथ ही कार्तिक स्वामी मंदिर के बेस कैंप कनकचौंरी में अलग-अलग स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएंगे, जिससे मंदिर जाने और वापस लौटने वाले एक-एक पर्यटक और यात्री के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकेगी. साथ ही पूरे क्षेत्र की मॉनिटरिंग करने में भी मदद मिलेगी.

ड्रोन और कैमरे के लिए भी देना होगा शुल्क: वन प्रभाग रुद्रप्रयाग और केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर, चमोली के डीएफओ अभिमन्यु सिंह ने बताया कि प्रदेश के वन क्षेत्रों में विजिट करने पर शासन के निर्देश पर शुल्क निर्धारित किया गया है. इस शुल्क से यात्री व्यवस्थाएं जुटाने और मंदिर मार्ग से लेकर मंदिर तक के संरक्षण तथा देख-रेख व नियमित साफ-सफाई का कार्य किया जाएगा. बताया कि रुद्रप्रयाग और चमोली जनपद के पोखरी ब्लॉक के यात्रियों से दस रुपए शुल्क लिया जाएगा, जबकि पंचकोटी के ग्रामीणों के लिए निशुल्क सुविधा रहेगी. इसके अलावा भारत के अन्य यात्री 50 रूपए देंगे और विदेशी पर्यटकों से 100 रुपए लिया जाएगा. ड्रोन फुटेज लेने पर 500 रुपए और कैमरा चलाने पर 200 रुपए शुल्क देना होगा.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के कार्तिक स्वामी मंदिर में दक्षिण भारत से आए तीर्थयात्रियों ने किए दर्शन, चारधाम यात्रा की व्यवस्था पर जताई खुशी

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के इस मंदिर में भगवान कार्तिकेय के बाल्य रूप के करें दर्शन, तमिलनाडु से आए शिवाचार्यों ने की आराधना

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.