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संविधान दिवस कार्यक्रम में कोटा में कांग्रेस कार्यालय में हंगामा, लोकसभा व विधानसभा चुनाव में ​भितरघात का मुद्दा उठा

कोटा में संविधान दिवस पर संगोष्ठी हुई. इसमें जमकर हंगामा हुआ और नौबत हाथापाई तक पहुंची. बाद में वरिष्ठ नेताओं ने मामला शांत करवाया.

Ruckus in Congress Program in Kota
कोटा में संविधान दिवस पर संगोष्ठी हुई (Photo ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

कोटा: कांग्रेस कार्यालय में मंगलवार को संविधान दिवस पर संगोष्ठी आयोजित की गई. यह कार्यक्रम हंगामे की भेंट चढ़ गया. नौबत हाथापाई तक आ गई, हालांकि बीच-बचाव के बाद मामला शांत हो गया, लेकिन कार्यक्रम में देर तक गहमागहमी बनी रही. हंगामा लोकसभा व विधानसभा चुनाव में भितरघात का मुद्दा उठने के बाद हुआ. इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एक दूसरे पर आरोप लगाते नजर आए.

संगोष्ठी कांग्रेस कार्यालय में हुई. इस दौरान विज्ञान नगर इलाके के कार्यकर्ता आसिफ मिर्जा संविधान दिवस के उपलक्ष में बोल रहे थे. उन्होंने अचानक भितरघात का मुद्दा उठाया और कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रहलाद गुंजल, विधानसभा चुनाव में राखी गौतम और पहले शिवकांत नन्दवाना की हार के लिए कौन-कौन जिम्मेदार रहा है.

पढ़ें: योजना का नाम बदलने पर कांग्रेस का बीजेपी पर हमला, खाचरियावास बोले- यह महापाप

उन्होंने कहा कि हाड़ौती से विधानसभा चुनाव में तीन-तीन मंत्री थे. मिर्जा ने प्रमोद जैन भाया, अशोक चांदना व शांति धारीवाल का नाम लिया. शांति धारीवाल का नाम सुनते ही उनके गुट के कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया. घंटाघर इलाके के कार्यकर्ता आबिद कुरैशी खड़े हो गए. उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया. इस दौरान बात बढ़ गई और हाथापाई की नौबत आ गई. बाद में वरिष्ठ नेताओं ने बीच बचाव किया और केवल संविधान के मुद्दे पर ही बातचीत सीमित रखने की चेतावनी दी.

ये नेता रहे मौजूद: संगोष्ठी में पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष राखी गौतम, जिला अध्यक्ष रविंद्र त्यागी, लाडपुरा प्रधान नईमुद्दीन गुड्डू और शिवकांत नंदवाना सहित कई नेता मौजूद थे. इस पूरे मसले पर जिला अध्यक्ष रविंद्र त्यागी का कहना था कि कार्यकर्ता आपस में बातचीत ही कर रहे थे. लोकसभा चुनाव में हार के संबंध में मैंने और प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल ने प्रदेश अध्यक्ष और आला नेताओं को अवगत कराया है. लोकसभा चुनाव में जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ी, उन लोगों की अब कांग्रेस में कोई आवश्यकता नहीं है.

कोटा: कांग्रेस कार्यालय में मंगलवार को संविधान दिवस पर संगोष्ठी आयोजित की गई. यह कार्यक्रम हंगामे की भेंट चढ़ गया. नौबत हाथापाई तक आ गई, हालांकि बीच-बचाव के बाद मामला शांत हो गया, लेकिन कार्यक्रम में देर तक गहमागहमी बनी रही. हंगामा लोकसभा व विधानसभा चुनाव में भितरघात का मुद्दा उठने के बाद हुआ. इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एक दूसरे पर आरोप लगाते नजर आए.

संगोष्ठी कांग्रेस कार्यालय में हुई. इस दौरान विज्ञान नगर इलाके के कार्यकर्ता आसिफ मिर्जा संविधान दिवस के उपलक्ष में बोल रहे थे. उन्होंने अचानक भितरघात का मुद्दा उठाया और कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रहलाद गुंजल, विधानसभा चुनाव में राखी गौतम और पहले शिवकांत नन्दवाना की हार के लिए कौन-कौन जिम्मेदार रहा है.

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उन्होंने कहा कि हाड़ौती से विधानसभा चुनाव में तीन-तीन मंत्री थे. मिर्जा ने प्रमोद जैन भाया, अशोक चांदना व शांति धारीवाल का नाम लिया. शांति धारीवाल का नाम सुनते ही उनके गुट के कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया. घंटाघर इलाके के कार्यकर्ता आबिद कुरैशी खड़े हो गए. उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया. इस दौरान बात बढ़ गई और हाथापाई की नौबत आ गई. बाद में वरिष्ठ नेताओं ने बीच बचाव किया और केवल संविधान के मुद्दे पर ही बातचीत सीमित रखने की चेतावनी दी.

ये नेता रहे मौजूद: संगोष्ठी में पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष राखी गौतम, जिला अध्यक्ष रविंद्र त्यागी, लाडपुरा प्रधान नईमुद्दीन गुड्डू और शिवकांत नंदवाना सहित कई नेता मौजूद थे. इस पूरे मसले पर जिला अध्यक्ष रविंद्र त्यागी का कहना था कि कार्यकर्ता आपस में बातचीत ही कर रहे थे. लोकसभा चुनाव में हार के संबंध में मैंने और प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल ने प्रदेश अध्यक्ष और आला नेताओं को अवगत कराया है. लोकसभा चुनाव में जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ी, उन लोगों की अब कांग्रेस में कोई आवश्यकता नहीं है.

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