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निकाय चुनाव को लेकर महागठबंधन में रार! राजद ने बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव को पिछड़ा समाज के साथ बताया धोखा

Civic elections in Jharkhand. झारखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर महागठबंधन दलों में सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है. झामुमो और कांग्रेस जहां निकाय चुनाव कराने के पक्ष में है. वहीं राजद बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं कराना चाहती.

Jharkhand civic elections
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 22, 2024, 11:06 AM IST

निकाय चुनाव को लेकर नेताओं के बयान

रांची: झारखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर महागठबंधन में सहमति बनती नहीं दिख रही है. राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन के दोनों दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में जल्द ही नगर निकाय चुनाव कराने के समर्थन में बयान दिएं हैं. वहीं राष्ट्रीय जनता दल ने साफ कर दिया है कि निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण दिए बिना चुनाव कराना ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय होगा.

झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने निकाय चुनाव को लेकर पार्टी का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका मानना है कि किसी भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को रोका नहीं जाना चाहिए और चुनाव कराया जाना चाहिए. वहीं कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने भी राज्य में जल्द नगर निगम चुनाव कराने की बात कही. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की वजह से राज्य में नगर निगम चुनाव नहीं हो पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब कांग्रेस जल्द ही नगर निगम चुनाव कराने के पक्ष में है.

राजद ने जताई आपत्ति: राजद की प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता यादव ने सत्तारूढ़ सहयोगी झामुमो और कांग्रेस नेताओं द्वारा ओबीसी को आरक्षण सुनिश्चित किए बगैर नगर निगम चुनाव कराने संबंधी बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि इन दोनों पार्टियों के घोषणापत्र में ओबीसी को आरक्षण देने की बात थी. ऐसे में अगर झामुमो और कांग्रेस के नेता बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव कराने के पक्ष में बयान देते हैं तो यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है.

सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में गिरिडीह सांसद: एनडीए में बीजेपी की सहयोगी आजसू पार्टी के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी भले ही ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात करते हैं, लेकिन उन्होंने ईटीवी भारत से कहा कि उनके द्वारा दायर याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट कराकर निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है. मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दिया था. लेकिन करीब सात महीने बीत जाने के बावजूद सरकार प्रदेश में ट्रिपल टेस्ट कराने की दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है. ऐसे में हाई कोर्ट ने तीन हफ्ते के भीतर चुनाव कराने का आदेश दिया है. अधिसूचना जारी करने को लेकर दिए गए आदेश के खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं.

ट्रिपल टेस्ट क्या है?: ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग की स्थिति जानने और उसके आधार पर निकाय चुनाव में आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए ट्रिपल टेस्ट का फॉर्मूला बताया गया है. इस परीक्षण में राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग की आर्थिक-शैक्षिणक स्थिति का आकलन किया जाता है. यह आकलन राज्यों के पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा ही किया जाता है. लेकिन झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग लंबे समय से अस्तित्व में नहीं है. ऐसे में राज्य में ट्रिपल टेस्ट कराने के बाद ही ओबीसी को आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने की इजाजत मिलेगी, इसकी संभावना काफी कम हो गई है. झारखंड में रांची नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर और पार्षदों के पद अप्रैल से खाली हैं. इसके अलावा राज्य के अन्य 47 नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों के सभी पद खाली हैं.

यह भी पढ़ें: नगर निकाय चुनाव पर संशय: सरकार कर रही है एसएलपी दाखिल करने की तैयारी, आखिर कैसे बनेगी शहर की सरकार

यह भी पढ़ें: नगर निकाय चुनाव को लेकर झामुमो-कांग्रेस ने बनाई खास रणनीति, राजद को आलाकमान के आदेश का इंतजार

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निकाय चुनाव को लेकर नेताओं के बयान

रांची: झारखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर महागठबंधन में सहमति बनती नहीं दिख रही है. राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन के दोनों दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में जल्द ही नगर निकाय चुनाव कराने के समर्थन में बयान दिएं हैं. वहीं राष्ट्रीय जनता दल ने साफ कर दिया है कि निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण दिए बिना चुनाव कराना ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय होगा.

झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने निकाय चुनाव को लेकर पार्टी का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका मानना है कि किसी भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को रोका नहीं जाना चाहिए और चुनाव कराया जाना चाहिए. वहीं कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने भी राज्य में जल्द नगर निगम चुनाव कराने की बात कही. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की वजह से राज्य में नगर निगम चुनाव नहीं हो पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब कांग्रेस जल्द ही नगर निगम चुनाव कराने के पक्ष में है.

राजद ने जताई आपत्ति: राजद की प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता यादव ने सत्तारूढ़ सहयोगी झामुमो और कांग्रेस नेताओं द्वारा ओबीसी को आरक्षण सुनिश्चित किए बगैर नगर निगम चुनाव कराने संबंधी बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि इन दोनों पार्टियों के घोषणापत्र में ओबीसी को आरक्षण देने की बात थी. ऐसे में अगर झामुमो और कांग्रेस के नेता बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव कराने के पक्ष में बयान देते हैं तो यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है.

सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में गिरिडीह सांसद: एनडीए में बीजेपी की सहयोगी आजसू पार्टी के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी भले ही ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात करते हैं, लेकिन उन्होंने ईटीवी भारत से कहा कि उनके द्वारा दायर याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट कराकर निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है. मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दिया था. लेकिन करीब सात महीने बीत जाने के बावजूद सरकार प्रदेश में ट्रिपल टेस्ट कराने की दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है. ऐसे में हाई कोर्ट ने तीन हफ्ते के भीतर चुनाव कराने का आदेश दिया है. अधिसूचना जारी करने को लेकर दिए गए आदेश के खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं.

ट्रिपल टेस्ट क्या है?: ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग की स्थिति जानने और उसके आधार पर निकाय चुनाव में आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए ट्रिपल टेस्ट का फॉर्मूला बताया गया है. इस परीक्षण में राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग की आर्थिक-शैक्षिणक स्थिति का आकलन किया जाता है. यह आकलन राज्यों के पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा ही किया जाता है. लेकिन झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग लंबे समय से अस्तित्व में नहीं है. ऐसे में राज्य में ट्रिपल टेस्ट कराने के बाद ही ओबीसी को आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने की इजाजत मिलेगी, इसकी संभावना काफी कम हो गई है. झारखंड में रांची नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर और पार्षदों के पद अप्रैल से खाली हैं. इसके अलावा राज्य के अन्य 47 नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों के सभी पद खाली हैं.

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