कोटा : प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा कोटा के दौरे पर आए हुए हैं. गुरुवार सुबह सीएम के जनसुनवाई के दौरान एक महिला ने झूठे मुकदमे दर्ज कराने की शिकायत की. इसमें महिला ने चिल्लाते हुए 2 भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया है. वहीं, जनसुनवाई तय समय से देर से होने पर लोगों ने नारेबाजी की.
जनसुनवाई में पहुंचे बुजुर्गों ने कहा कि वह सुबह 7:30 बजे पहुंच गए थे, लेकिन सीएम महल में अंदर बैठे हुए हैं और बाहर नहीं निकल रहे हैं. यह सूचना जैसे ही अंदर पहुंची, तुरंत अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को भी बताया और वह बाहर आए और आम लोगों से मिले. 18 मिनट में करीब 200 से ज्यादा परिवादियों से उन्होंने मुलाकात की, उनके ज्ञापन लिए और वापस अंदर चले गए.
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ज्यादातर शिकायत पुलिस के व्यवहार और थानों में नहीं हो रही सुनवाई को लेकर थी. सीएम ने पुलिस के आलाअधिकारियों को जनसुनवाई के बाद अंदर बुला लिया और उनसे चर्चा कर कानून व्यवस्था में सुधार के लिए दिशा निर्देश दिए. जनसुनवाई में कोटा शहर के अलग-अलग अस्पतालों में ठेका प्रथा के रूप में काम कर रहे श्रमिक भी पहुंचे थे. उन्होंने ठेका प्रथा को बंद करने की मांग उठाई. इस दौरान एक महिला ने भाजपा नेताओं का नाम चिल्लाते हुए उनपर झूठा मुकदमा दर्ज कराने का आरोप लगाया.
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नरेश मीणा पर कार्रवाई की मांग : दूसरी तरफ सीएम भजनलाल शर्मा मीडिया से बात करने की जगह दूरी बनाते दिखे. देवली उनियारा में नरेश मीणा के मामले में भी राजस्थान प्रशासनिक अधिकारियों के संगठन के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल से सर्किट हाउस में मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा है. साथ ही साफ हिदायत दी है कि नरेश मीणा पर उचित कार्रवाई नहीं हुई तो पेन डाउन हड़ताल शुरू कर दी जाएगी. जनसुनवाई में पहुंचे अधिकांश परिवादी भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए थे और कुछ तो उनके पदाधिकारी भी थे.
दरअसल, सीएम ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी के विवाह समारोह में बुधवार रात को शिरकत की. इसके बाद सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम किया और गुरुवार को आम लोगों की जनसुनवाई की. हालांकि यह सुबह 7:30 से रखी हुई थी, लेकिन समय से मुख्यमंत्री नहीं पहुंचे. करीब 9 बजे लोगों के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने मुख्यमंत्री पर इंतजार करवाने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी. मुख्यमंत्री के साथ ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, विधायक संदीप शर्मा और भाजपा के पदाधिकारी थे. मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल, कोटा के कार्यवाहक डिविजनल कमिश्नर रविंद्र गोस्वामी और सिटी एसपी डॉ. अमृता दुहन सहित कई अधिकारी सर्किट हाउस में मौजूद थे.