जयपुर. राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) की प्राध्यापक (हिंदी) भर्ती परीक्षा में फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल करने के मामले की आंच अब गंगरार (चित्तौड़गढ़) की मेवाड़ यूनिवर्सिटी तक पहुंच गई है. इस मामले में एसओजी ने मेवाड़ यूनिवर्सिटी के प्रिंसिपल (डीन-प्रोफेसर) को सोमवार को गिरफ्तार किया है. उसे कल मंगलवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा और फर्जी डिग्री बांटने वाले गिरोह में शामिल अन्य लोगों के बारे में पूछताछ की जाएगी.
एसओजी-एटीएस के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि आरपीएससी की प्राध्यापक (हिंदी) भर्ती परीक्षा का आयोजन 15 अक्टूबर 2022 को किया गया था, जिसमें ब्रह्मा कुमारी और कमला कुमारी नाम की महिला अभ्यर्थियों का चयन हो गया था. दस्तावेजों की जांच में इन दोनों की डिग्री फर्जी होने की आशंका होने पर आरपीएससी की ओर से अजमेर के सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया था, जिसकी जांच एसओजी कर रही है. इस मामले में ब्रह्मा कुमारी को गिरफ्तार कर एसओजी ने पड़ताल की तो कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई.
संलिप्तता सामने आने पर प्रिंसिपल पर शिकंजा : फर्जी डिग्री के जरिए नौकरी हासिल करने के मामले में मेवाड़ यूनिवर्सिटी के फार्मेसी डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल (डीन-प्रोफेसर) कौशल किशोर चंद्रुल की संलिप्तता पाए जाने पर उसे आज सोमवार को एसओजी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. वह जयपुर के सरयू मार्ग (मानसरोवर) का निवासी है. अब एसओजी गहनता से इस पूरे मामले की पड़ताल में जुटी है. उसे कोर्ट में पेश कर एसओजी रिमांड पर लेगी और फर्जी डिग्री मामले में मेवाड़ विश्वविद्यालय से जुड़े अन्य संदिग्धों के बारे में भी पूछताछ करेगी.