जबलपुर। बीते दिनों केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जबलपुर आए. उनके मंत्रालय द्वारा जबलपुर को दो बड़ी सौगातें दी गईं. इनमें विकसित किए जा रहे रोपवे को लेकर फिल्म भी प्रदर्शित की गई. इसमें शहर में रूट के बारे में जानकारी दी गई है. नितिन गडकरी का कहना है कि मध्य प्रदेश में कई स्थानों पर रोपवे भी चलाई जाने की संभावनाएं हैं. गडकरी के अनुसार रोपवे के द्वारा आवागमन नया विकल्प है और इससे सड़कों के यातायात को बिना बाधित किए हुए एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचना संभव हो सकेगा. जबलपुर में इन दोनों ही परियोजनाओं का फिजिबिलिटी टेस्ट करवा दिया गया है. जल्द ही इन पर काम शुरू होगा.
गडकरी की सलाह पर बढ़ा काम
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री का कहना है कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में लोगों का आवागमन सरल करने के लिए रोपवे का सहारा लिया जाना चाहिए. नितिन गडकरी की इस बात को मानकर जबलपुर के तत्कालीन सांसद राकेश सिंह ने इसके फीजिबिलिटी टेस्ट का काम शुरू करवाया था, जो पूरा हो गया है. केंद्र सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से इसे स्वीकृति भी मिल गई है. लगभग 500 करोड़ रुपये से जबलपुर में दो रोपवे बनाए जाना प्रस्तावित है.
अंपायर टॉकीज से ग्वारीघाट
जबलपुर की अंपायर टॉकीज से ग्वारीघाट तक एक रोपवे बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है. यह दूरी लगभग 8 किलोमीटर की है और इसमें कई घनी बस्तियां हैं. फिलहाल नितिन गडकरी के सामने फिल्म के जरिए जो प्रदर्शन किया गया. उसमें बताया गया है कि रोपवे जबलपुर रेलवे स्टेशन के पास अंपायर टॉकीज से शुरू होगी. अंपायर टॉकीज में रोप वे का स्टेशन बनाया जाएगा. इसमें बेहद अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी. इसका अगला स्टेशन सदर में होगा. सदर से चलकर गोरखपुर रामपुर ग्वारीघाट से होती हुई यह रोपवे नर्मदा को पार करके गुरुद्वारा तक जाएगा.
सिविक सेंटर से अधारताल
दूसरा रोपवे अपेक्षाकृत छोटा है लेकिन इसकी जरूरत बहुत ज्यादा है. क्योंकि यह जबलपुर के पुराने बाजार से होकर निकलेगा. इसका रूट सिविक सेंटर से शुरू होगा, जो जबलपुर का केंद्र है. यहां से सुपर मार्केट, काफी हाउस, लाडगंज थाना बड़ा फुहरा, निवारगंज, सब्जी मंडी से होते हुए यह बलदेव बाग पहुंचेगी और इसके बाद इसे बलदेव बाग से अधारताल तक ले जाने का प्रस्ताव रखा गया है. जबलपुर आने जाने वाले लोगों के लिए इन बाजारों में खरीदी करना बहुत कठिन होता है. इसलिए रोपवे बहुत लाभदायक है.
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मैक्सिको में चलती हैं ऐसी रोपवे
शहरों के बीच में आने जाने के लिए ट्रांसपोर्ट के कई साधन विकसित किए जाते हैं. बड़े शहरों में मेट्रो रेल चलाई जा रही है. मेट्रो आजकल हर बड़े शहर में उपलब्ध है लेकिन रोपवे के जरिए शहर में एक जगह से दूसरी जगह आना-जाना दुनिया के कुछ चुनिंदा शहरों में ही इस्तेमाल किया गया. इनमें मैक्सिको और बोलिविया में लंबे समय से रोपवे भी का इस्तेमाल किया जा रहा है. भारत में सबसे पहले रोपवे का इस्तेमाल वाराणसी में प्रस्तावित है. वाराणसी के के बाद जबलपुर दूसरा शहर होगा जहां इतनी लंबी दूरी के रोपवे लोकल ट्रांसपोर्ट के लिए चलाए जाएंगे.