कानपुर: जिले में बीती 7 फरवरी को अरौल में स्कूल वैन हादसे में एक छात्र की मौत हो गई थी. इस हादसे में कई बच्चे घायल हो गए थे. इस घटना के पांचवें दिन आज सोमवार छात्रा निष्ठा पुत्री देवेंद्र दीक्षित की भी सांसें थम गईं. वहीं, अभी तक स्कूल प्रबंधक और प्रधानाचार्य पर कोई ठोस कार्रवाई न होने से पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
वहीं, दूसरी ओर पुलिस ने छात्रा के पिता अलोक की तहरीर पर लोडर चालक, वैन चालक, ट्रक चालक और प्रधानाचार्य, प्रबंधक सहित पांच लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित कई गंभीर घराओं में रिपोर्ट दर्ज कर फाइल ठंडे बस्ते में डाल दी है. यही वजह है कि पुलिस ने प्रबंधक और प्रधानाचार्य की गिरफ्तारी करना तो दूर, बल्कि राजनीतिक रसूक के चलते उनके घरों में दबिश देना भी जरूरी नहीं समझा.
आपको बता दें कि अरौल थाना क्षेत्र के सोलेलाल एजुकेशन सेंटर की वैन गुरुवार को लौटते समय हादसे का शिकार हो गई थी. इसमें कई बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उसी वैन में सवार कक्षा 7 के छात्र यश की मौके पर ही मौत हो गई थी. उसका शुक्रवार को आकिन घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया था. छात्र के पिता आलोक की तहरीर पर चालक हरिओम कटियार, लीडर चालक ऋषि कटियार, ट्रक चालक सरफराज प्रबंधक और प्रधानाचार्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई.
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शनिवार को वैन चालक, ट्रक चालक और लोडर चालक को पुलिस ने जेल भेज दिया. अब सवाल यह उठता है कि आखिर पुलिस प्रबंधक और प्रिंसिपल को कब जेल भेजेगी. जब इस संबंध में एसीपी बिल्हौर से बातचीत की गई, तो उन्होंने उच्च अधिकारियों का हवाला देते हुए मामले में चुप्पी साध ली. उन्होंने कहा कि जब जांच समिति रिपोर्ट देगी, तभी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. पुलिस ने हरी और पीली पट्टी जांचने की जहमत तक नहीं उठाई. घटना के एक-दो दिन बाद जिले में अभियान चलाया गया. उसके बाद सब टाय टाय फिस हो गया.