पटना: बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन सदन में जोरदार हंगामा देखने को मिला. वहीं आरजेडी विधायक विजय मंडल के मुख्यमंत्री और सरकार को लेकर दिए बयान पर भी सत्ता पक्ष ने हंगामा किया है. सदन से बाहर निकलने के बाद जब विजय मंडल से पूछा गया कि उन्होंने आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया है, तो उन्होंने कहा कि मैंने जो शब्द कहा वो आपत्तिजनक नहीं है.
नीतीश को लेकर क्या कहा आरजेडी विधायक ने?: दरअसल विजय मंडल ने सदन की कार्यवाही के दौरान बिहार सरकार और नीतीश कुमार को लेकर भठियारा शब्द का इस्तेमाल किया था, इसको लेकर सत्ता पक्ष ने हंगामा किया. वहीं सदन के बाहर निकलने पर उन्होंने बार-बार बिहार सरकार को लेकर भठियारा शब्द का प्रयोग किया, नीतीश कुमार का नाम नहीं लिया. विजय मंडल ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री को लेकर यही बयान दिया है कि वो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. बोलते हैं कि राजस्व के चलते अपराध है तो उसमें रोक क्यों नहीं लगाते हैं, कौन रोक लगाएगा? .
"सीओ डायरेक्ट पैसा ले रहा है.इन सबपर कौन रोक लगाएगा, मुख्यमंत्री ही लगाएंगे. सोन में पानी नहीं गया लेकिन उसपर बहस नहीं कराएंगे. रोज हत्या हो रही है लेकिन उसपर बहस नहीं होगा. यह पहला सत्र है जिसमें विपक्ष के सदस्यों को बोलने का मौका नहीं दिया गया. हमने भठियारा कहा है और यह संसदीय शब्द है. सरकार भठियारा है, जहां कोई कानून व्यवस्था नहीं है. बार-बार हम एक ही बात नहीं कहूंगा. मैंने जो टिप्पणी की है वह उचित है और पूरे होश-ओ-हवास में किया हूं."- विजय मंडल, आरजेडी विधायक
बीजेपी ने की कार्रवाई की मांग: वहीं बिहार सरकार में पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार बबलू ने विजय मंडल के बयान को लेकर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों पर कार्रवाई होनी चाहिए. बीजेपी पत्र लिखकर आरजेडी विधायक पर एक्शन लेने की मांग करेगा.
"इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले पर निश्चित रूप से कार्रवाई होनी चाहिए. सदन और नेता की मर्यादा होती है. विधानसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार है, हम चाहते हैं कि आरजेडी विधायक पर कार्रवाई हो. हम इसकी लिखित रूप से पत्र लिखकर मांग करेंगे."- नीरज कुमार बबलू, पीएचईडी मंत्री, बिहार
क्या होता है भठियारा शब्द का मतलब?: बिहार के कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो लोगों की जुबान पर चढ़ जाते हैं. कई बार कुछ शब्दों को लेकर विवाद भी होता है. आज बिहार की राजनीति में एक शब्द भठियारा को लेकर विवाद छिड़ गया है. क्या वाकई में यह आपत्तिजनक शब्द है? दरअसल बिहार के लोग अक्सर एक दूसरे को 'तुम भठियारा हो' कहते हैं. जब सामने वाले को कोई बात समझ नहीं आती है और वह निष्क्रिय की तरह व्यवहार करता तो उसके लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है.
कौन होते हैं भठियारा? : भठियारा बिहार में एक जाति है, जिसका नाम ही गाली मानी जाती है. हालांकि ये ऐसी गाली है जो सार्वजनिक रूप से कोई भी किसी को भी दे देता है और इसका विरोध भी नहीं होता. खुद भठियारा समुदाय के लोग भी इसका विरोध नहीं करते हैं.
'भठियारा' से जुड़े फैक्ट्स : जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट के अनुसार इस जाति (भठियारा) के लोगों की मौजूदा संख्या मात्र 27,263 यानी कि एक प्रतिशत से भी कम है. इस जाति के अधिकांश लोग भूमिहीन हैं और शहरों में अक्सर इन्हें सड़कों के किनारे गुजर बसर करते देखा जा सकता है. भारतीय संविधान में इनका भी स्थान है. बिहार में अति पिछड़ा और यूपी में ये लोग पिछड़ा वर्ग में शामिल हैं. भठियार समुदाय के लोग बिहार और यूपी के साथ ही राजस्थान में भी निवास करते हैं. ये लोग खुदको मुगलों द्वारा लाया गया बताते हैं.
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