गया: बिहार की प्रसिद्ध वस्तुएं, कला खानपान की सामग्री समेत बिहार की भाषा में हर दिन आमतौर पर बोले जाने वाले शब्द देश विदेश में पहुंच रहे हैं. कुछ तो ऐसे शब्द, वाक्यांश और भाव हैं जिसे सुनकर हंसी नहीं रुकती, लेकिन वह शब्द और मुहावरे देश विदेश में डिमांड पर हैं.
'ब्रांड बिहार' के नाम से ऑनलाइन गिफ्ट: गया शहर के घुघरी टांड नियर अग्नि माता मंदिर के रहने वाले ऋषु राज 'ब्रांड बिहार' के नाम पर ऑनलाइन गिफ्ट आइटम सेल करते हैं. उनकी ओर से इस तरह के शब्द गिफ्ट आइटम पर प्रिंट कर आकर्षित किया जा रहा है. ऋषु राज की ब्रांड बिहार प्रिंटिंग सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर एक कंपनी रजिस्टर्ड है. उनकी कंपनी के द्वारा कस्टमाइज्ड टी-शर्ट मोबाइल कवर, कॉफी मग, रिंग, बैग और दूसरे गिफ्ट आइटम्स पर चित्र, शब्द प्रिंट कर ऑनलाइन प्लेटफार्म पर सेल किया जाता है.
बिहार का तड़का, देता है अलग फ्लेवर: बिहार की कुछ चीजें ऐसी हैं , जिसको सुनने के बाद हंसी जरूर आएगी. बिहार की भाषा भी एक अलग तड़का देती है. कुछ शब्द ऐसे हैं जिसे सुनने के बाद आप लोटपोट हो सकते हैं. टेंशन से मुक्त होने के लिए कुछ शब्दों का इस्तेमाल कर दो पल की ही सही खुशी जरूर महसूस कर सकते हैं.
बिहार के शब्दों का फ्लेवर है लाजवाब: बिहार में बोले जाने वाले शब्दों में बकलोल, आओ बहन चुगली करें, थेथर, ले लोटा जैसे शब्दों का तड़का अलग फ्लेवर देता है. थोड़ा सा फंकी बनाकर लोगों को एंटरटेन किया जाए और उनको थोड़ा बिहार का तड़का लगाया जाए इसकी डिमांड काफी है. अमेजॉन फ्लिपकार्ट पर कॉफी मग और टीशर्ट पर इस तरह के स्लोगन की मांग है. लोगों को इस तरह के स्लोगन के शर्ट और मग काफी पसंद आते हैं.
गूगल में लाखों के पैकेज पर कर चुके हैं नौकरी : ऋषु राज ने बताया कि ज्यादातर इस तरह के बिहारी शब्द उन सभी जगहों से परचेस किया जाता है, जहां बिहार के निवासी रह रहे हैं, इसमें देश-विदेश में उसकी मांग है. ऋषु बताते हैं कि स्कूलिंग करने के बाद उन्होंने चेन्नई से बीटेक कंप्यूटर साइंस से अपनी पढ़ाई की, फिर अलग-अलग प्राइवेट कंपनियों में वेब डेवलपर के तौर पर काम किया.साल 2017 में हैदराबाद में गूगल में ट्रेनिंग और काम किया,फिर उन्हें बिहार के गया में रहकर काम करने की इच्छा हुई.
"6 वर्षों से गया में रहकर अपना काम कर रहे हैं. ब्रांड बिहार प्रिंटिंग सॉल्यूशन कंपनी पहले प्रोपराइटरशिप में थी लेकिन 2021 से प्राइवेट लिमिटेड में रजिस्टर्ड कराई गई. 8 से 10 लाख के पैकेज में जॉब करते थे. बाद में अपनी कंपनी खोल ली. ऑनलाइन से टर्नओवर 10 लाख रुपए से अधिक है. जबकि ऑफलाइन ऑन डिमांड काम में कम्पनी का टर्नओवर अलग है."-ऋषु राज,इंटरप्रेन्योर
मेकिंग बिहार, मेड इन बिहार है उद्देश्य: ऋषु राज ने कहा कि पहले बिहार के बाहर लोगों के दरमियान छवि कुछ अलग बनाई गई थी, लेकिन बिहार में कई सारी चीजें हैं जो कि शायद किसी और राज्य में नहीं हो. बिहार के बाहर के जो अलग सोच रखते हैं, उनको बताना चाहते हैं कि एक बार वह जरूर बिहार आएं. बिहार में बहुत कुछ है, अपनी प्रिंटिंग कला के द्वारा हम बिहार को दिखाना चाहते हैं कि बिहार वैसा नहीं है जैसा आप सोचते हैं.
गया से गयाना तक है मांग: ऋषु राज के द्वारा तैयार किए गए गिफ्ट आइटम गया से गयाना तक मांग है. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन के अलावा उनके द्वारा डाकघर निर्यात केंद्र के द्वारा भी उनके आइटम देश-विदेश जाते हैं, जिनमें सबसे अधिक नेपाल भूटान और साउथ अफ्रीका के गयाना समेत कई और देश हैं, जहां पर उनके समान खास कर प्रिंट टी शर्ट, कॉफी मग, रिंग, गिफ्ट आइटम पर भगवान विष्णु के चरण, भगवान बुद्ध और महाबोधि मंदिर के चित्र आदि गिफ्ट आइटम पर प्रिंट होकर जाते हैं. फंकी स्लोगन वाले आइटम भी खूब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से सेल है.
'अपनो से जुड़ना है': ऋषु राज ने कहा कि कॉरपोरेट की नौकरी आसान भी नहीं है. गया में अपने स्टार्टअप से वह खुश हैं और यह भी खुशी है कि वह खुद कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं. कंपनी के आइटम का रिस्पांस बड़ा अच्छा है. रोजगार देने के साथ यहां युवाओं को ऑनलाइन बिजनेस के लिए ट्रेनिंग भी देते हैं.
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