जयपुर. जयपुर के सवाईमान सिंह मेडिकल कॉलेज से जुडे़ सभी सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट चिकित्सकों की हड़ताल शनिवार को छठे दिन भी जारी रही. रेजिडेंट चिकित्सकों ने दोपहर बाद सवाईमान सिंह मेडिकल कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया और कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मान लेती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी. हालांकि, रेजिडेंट चिकित्सकों ने शनिवार से प्रदेश के अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भी हड़ताल की चेतावनी दी थी.
जयपुर एसोसिएशन आफ रेजिडेंट डाक्टर्स (जार्ड )के प्रेसिडेंट डॉ राजेश कुमावत ने कहा कि चिकित्सा विभाग ने बिना जांच के हमारे तीन रेजिडेंट्स डॉक्टरर्स को निलंबित कर दिया, लेकिन कांवटिया अस्पताल से जुड़े मामले में जो असली दोषी है, उन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जार्ड ने यह भी दावा किया कि उनके इस आंदोलन में अब अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट भी जुड़ गए हैं और कार्य का बहिष्कार कर दिया गया है. रेजिडेंट चिकित्सकों ने साफ तौर से कहा है कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी. हालांकि, बीते दिन प्रदेश भर के मेडिकल कॉलेज में कार्य कर रहे रेजिडेंट्स ने भी हड़ताल की चेतावनी दे दी थी, लेकिन इसके बाद भी चिकित्सा विभाग की ओर से अभी तक वार्ता रेजिडेंट चिकित्सकों की नहीं हो पाई है.
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ये हैं मांगे: जयपुर एसोसिएशन ऑफ़ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड) का कहना है कि कांवटिया अस्पताल प्रकरण में निर्दोष पीजी छात्रों के खिलाफ एक तरफा कार्रवाई की गई है. उससे सभी पीजी छात्र बहुत हतोत्साहित हैं और कार्य पर जाने पर डर महसूस कर रहे हैं. सबको लग रहा है कि उन्हें कभी भी किसी भी मामले में झूठा उलझाकर सस्पेंड किया जा सकता है, चाहे गलती किसी की भी हो. जार्ड का कहना है कि जिस प्रकार इस प्रकरण में केवल तीन पीजी छात्रों को निलंबित किया गया है, वह किसी भी तरीके से सही नहीं है. इससे सभी रेजिडेंट्स में रोष व्याप्त है. जार्ड का कहना है कि पहले भी दो निर्दोष रेजिडेंट्स को एपीओ कर दिया गया था, जो आज तक एपीओ है. असली गुनाहगारों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में हमारी मांग है कि सभी रेजिडेंट चिकित्सकों पर की गई कार्रवाई को रद्द किया जाए और जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी, तब तक कोई भी रेजिडेंट अस्पताल में कार्य नहीं करेगा.