दौसा : जिले के पापड़दा क्षेत्र में स्थित काली खाड़ में सोमवार को बोरवेल में गिरे मासूम को बाहर नहीं निकाला जा सका है. मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारी और परिजनों की सांसे अटकी हुई हैं. वहीं, एनडीआरफ के जवान लगातार मासूम को सकुशल बाहर निकालने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं. मासूम की मां बार-बार अपने बेटे को याद कर रोने लगती है और भगवान से अपने बेटे के सकुशल बाहर निकलने की दुआ मांग रही है. बोरवेल से करीब 20 फिट की दूरी पर ही बीती रात से खुदाई की जा रही है. एनडीआरफ कमांडेंट योगेश कुमार ने बताया कि मासूम के अंदर आखिरी बार मूवमेंट रात 2 बजे देखी गई थी. इसके बाद कोई मूवमेंट नजर नहीं आई. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि मासूम सो रहा है या घबराया हुआ है. इसके कारण मूवमेंट नहीं कर पा रहा है.
इस मामले में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का बयान सामने आया है. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि आपदा विभाग की ओर से दौसा जिला प्रशासन को 10 लाख रुपए जारी किए गए हैं, ताकि राहत एवं बचाव कार्य तेजी से किया जा सके. मीणा ने कहा कि राइजिंग राजस्थान कार्यक्रम के दौरान आज उनके विभाग का प्रजेंटेशन है, इसलिए वह कालीखाड गांव में नहीं जा पा रहे हैं. जैसे ही विभाग का प्रजेंटेशन समाप्त होगा तो वे कालीखाड गांव में जाएंगे. मौके पर सभी अधिकारी मुस्तैदी से काम कर रहे हैं और राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चल रहा है. मीणा ने पीड़ित परिवार व ग्रामीणों को भरोसा दिया कि चाहे कितने ही संसाधन लगाने पड़े, सरकार तैयार है और आर्यन को सकुशल बाहर निकालने के प्रयास जारी है. वहीं, मंत्री किरोड़ी मीणा भी कालीखाड़ गांव पहुंच चुके हैं और जिला कलेक्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली.
175 फिट है बोरवेल की गहराई : एनडीआरफ कमांडेंट योगेश कुमार ने बताया कि बोरवेल करीब 175 फिट गहरा है, जिसमें 147 फिट की गहराई पर मासूम अटका हुआ है. कुछ देर पहले बोरवेल में कैमरा फंस गया, जिसके कारण बोरवेल में डाली गई सभी रॉड वापिस निकाली गई है, लेकिन मासूम को सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं हो, इसके लिए लगातार ऑक्सीजन सप्लाई चालू कर रखी है. बोरवेल नीचे से करीब 16 इंच चौड़ा है, जिसके चलते मासूम के हरकत करने पर उसके पानी में जाने का डर भी है, जिसके चलते एक अंब्रेला बनाकर मासूम के नीचे लगाया गया है, जिससे मासूम को नीचे जाने से रोका जा सके.
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सवाई माधोपुर और जयपुर से मंगवाई जा रही बड़ी मशीन : खुदाई के लिए दो पाईलिंग मशीन घटनास्थल पर मंगवाई गई हैं. एसपी रंजिता शर्मा ने बताया कि पाईलिंग मशीन घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं. जल्द ही दोनों मशीन मौके पर पहुंच जाएंगी. बोरवेल में गिरे बच्चे की स्थिति को लेकर कुछ भी कहना जल्दबाजी है. उन्होंने जिले में भर में खुले पड़े बोरवेल को लेकर भी चिंता जाहिर की और कहा कि जिले में हर 15 से 20 दिन में लोगों के और बच्चों के बोरवेल में गिरने की घटनाएं होती रहती हैं. इसे लेकर परिजनों को सतर्क रहना जरूरी है. जिससे इस प्रकार के हादसों से बचा जा सके.
जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार यादव सोमवार शाम से ही मौके पर डटे हुए हैं, जो राहत बचाव कार्य की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जिला कलेक्टर ने बताया कि मासूम को बचाने के लिए मौके पर भारी संख्या में संसाधन जुटाए हैं. वहीं, दर्जनों ट्रैक्टरों को मिट्टी को हटाने के लिए लगाया है. उन्होंने बताया कि मौके पर 9 बजे तक 50 फिट खुदाई की जा चुकी है, लेकिन मासूम 147 फिट नीचे अटका हुआ है, जिसके कारण बच्चे तक पहुंचने में अभी समय लगेगा. बोरवेल के ऊपर से एनडीआरफ की टीम बच्चे को हुक में फंसाने के प्रयास कर रही है, लेकिन एनडीआरफ के प्रयास विफल होने पर खुदाई पूरी होने के बाद बच्चे को टनल बनकर बाहर निकाला जाएगा.
नहीं जले घरों में चूल्हे : मिली जानकारी के अनुसार जब से मासूम बोरवेल में गिरा है, मासूम के परिजनों सहित ढाणी में रहने वाले लोगों के घरों में कल से ही चूल्हे नहीं जले हैं. मासूम की मां गुड्डी देवी ने बताया कि आर्यन मेरे पास ही खेल रहा था, लेकिन पैर फिसलने से बोरवेल में गिर गया. मौके पर मौजूद भाजपा नेता जगमोहन मीना ने बताया कि भगवान से प्रार्थना है कि मासूम सकुशल बोरवेल से बाहर आ जाए, जिससे परिवार का चिराग फिर रोशन हो जाएगा.