पटनाः बिहार में लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान होने जा रहा है. इस चरण में कई बड़े राजनीतिक परिवारों के सदस्य और महत्वपूर्ण नेता चुनावी मैदान में हैं, जिससे चुनाव की गहमागहमी और बढ़ गई है. सबसे ज्यादा चर्चा में हैं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती, जो पाटलिपुत्र सीट से चुनाव लड़ रही हैं. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह भी बक्सर से चुनावी मैदान में हैं. सुधाकर की हार का असर प्रदेश अध्यक्ष की राजनीतिक स्थिति पर भी पड़ सकता है.
नालंदा में नीतीश कुमार की इज्जत दांव परः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा में भी चुनाव होने जा रहा है. यह चुनाव नीतीश कुमार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है, क्योंकि यह उनका गृह क्षेत्र है और यहां की जनता का समर्थन उनके नेतृत्व के प्रति जनता के रुख को स्पष्ट करेगा. नीतीश कुमार ने दो दिनों तक पार्टी के प्रत्याशी कौशलेंद्र कुमार के पक्ष में नालंदा में रोड शो किया है. दो दिनों तक जनसभा भी की है. ऐसे में नीतीश कुमार की इज्जत भी दांव पर लगी हुई है.
उपेंद्र कुशवाहा की जीत एनडीए के लिए महत्वपूर्णः एनडीए के महत्वपूर्ण साथी और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के नेता उपेंद्र कुशवाहा की सीट पर भी वोटिंग होनी है. 2019 चुनाव में कुशवाहा एनडीए में नहीं थे और महागठबंधन से चुनाव लड़े थे. काराकाट से चुनाव हार गए थे. इस बार एनडीए में हैं और काराकाट से चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन पवन सिंह के चुनाव मैदान में निर्दलीय उतरने के कारण उनके लिए राह आसान नहीं है. उपेंद्र कुशवाहा की जीत एनडीए के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां से पीएम, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री सहित भाजपा के कई बड़े नेता चुनाव प्रचार कर चुके हैं.
बीजेपी लगातार जीत रही: बिहार में अंतिम चरण में लोकसभा की जिन 8 सीटों पर चुनाव होना है उनमें पटना जिले की दो सीट पाटलिपुत्र और पटना साहिब पर भाजपा लगातार चुनाव जीतती रही है. आरा, बक्सर और सासाराम पर भी पिछले कई लोकसभा से बीजेपी लगातार जीत रही है. ऐसे में बीजेपी के लिए यह पांचों सीट महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री ने पटना में रोड शो भी किया था. बक्सर में भी बड़ी जनसभा की थी. बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने भी पूरा दम लगाया है. भाजपा नेताओं का दावा है जनता मोदी के साथ है. वैसे तो सभी चरण में बिहार की जनता ने मोदी के पक्ष में ही वोट दिया है, आठवें चरण में भी एनडीए को वोट पड़ेगा.
विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा असरः राजनीतिक विशेषज्ञ के प्रिय रंजन भारती का कहना है कि भाजपा ने स्ट्रेटजी के तहत हर चरण के चुनाव में अपनी ताकत लगाई है. महिलाओं ने हर चरण में अधिक वोटिंग किया है. यह बीजेपी के पक्ष में है. नीतीश कुमार अपनी अंतिम पारी खेल रहे हैं. ऐसे में नालंदा से बड़ी जीत चाहेंगे. वहीं उपेंद्र कुशवाहा को अभी आगे और राजनीति करनी है तो इसलिए उनका जीतना जरूरी है. भाजपा के लिए तो अंतिम चरण का चुनाव महत्वपूर्ण है ही, बीजेपी के सहयोगी के लिए भी यह चरण महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव पर भी दिखेगा.
दांव पर है प्रतिष्ठाः राजनीतिक विश्लेषक सुनील पांडे का कहना था कि केंद्र और बिहार सरकार दोनों ने महिलाओं के लिए कई योजनाएं लागू की हैं. लेकिन युवाओं की स्थिति स्पष्ट नहीं है. युवा इस बार क्या सोच रहे हैं, यह कहना मुश्किल है. ऐसे में अंतिम चरण की आठों सीट महागठबंधन और एनडीए के लिए महत्वपूर्ण होगी. इस चरण में लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती फिर से चुनाव मैदान में है, जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह बक्सर से चुनाव मैदान में हैं तो दूसरी तरफ एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा खुद चुनाव लड़ रहे हैं. नालंदा में नीतीश कुमार के नाम पर चुनाव लड़ा जा रहा है.
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