जयपुर. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में होने वाली परेड के दौरान राज्यों की झांकियों में इस बार राजस्थान विकसित भारत की तस्वीर के बीच राजस्थान का पारंपरिक पैगाम लोगों का दिल जीत लेगा. दरअसल दिल्ली में मंगलवार को इस सिलसिले में फुल ड्रेस रिहर्सल की गई थी.
झांकी के नोडल अधिकारी राजस्थान ललित कला अकादमी के सचिव डॉक्टर रजनीश हर्ष के मुताबिक इस झांकी में प्रदेश की संस्कृति, स्थापत्य कला, परंपरा और हस्तशिल्प का मिश्रण नजर आएगा. झांकी में खास तौर पर प्रदेश के गांवों के जन जीवन को भी दिखाया गया है. राजस्थान की यह झांकी परंपरा के साथ विकसित भारत की संकल्पना लिए हुए है. झांकी को मूर्त रूप देने में राजस्थान ललित कला अकादमी के प्रदर्शनी अधिकारी विनय शर्मा के साथ ही सांस्कृतिक दल के लीडर राजकुमार जैन, राजेंद्र राव और गिरधारी सिंह की खास भागीदारी रहेगी, जबकि डिजाइनर हरशिव शर्मा के सुपरविजन में ये झांकी तैयार की गई है.
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झांकी का ऐसा रहेगा स्वरूप: राजस्थान की झांकी के अगले हिस्से में प्रसिद्ध घूमर नृत्य का दृश्य रहेगा. जहां 10 फीट ऊंची नर्तकी का मूर्ति शिल्प आकर्षित करने वाला है. इसमें राजस्थानी लिबास में नजर आने वाली डांसर अपने खास अंदाज में पधारो म्हारे देस का पैगाम देगी. साथ ही पारंपरिक परिधानों से सजे पुरुष में देसी संस्कृति और पहनावे की झलक नजर आएगी. झांकी के पिछले हिस्से में कृष्ण भक्त मीरा बाई की प्रतिमा प्रदर्शित की गई है. साथ ही रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाले गोरबंद से सुसज्जित ऊंटों को भी दर्शाया गया है.
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गौरतलब है कि यूनाइटेड नेशंस ने इस साल यानी 2024 को ऊंटों का वर्ष घोषित किया है. झांकी में हस्तशिल्प उद्योगों का महिलाओं के जरिए संचालन और उनकी ओर से तैयार उत्पादों की झलक भी इसमें नजर आ रही है. इस दौरान उद्यमी महिलाओं को पारंपरिक बंधेज, बगरू प्रिंट और एप्लिक वर्क का काम करते हुए दिखाया गया है. इस झांकी में सुसज्जित हाथी वाले तोरण द्वार, कलात्मक छतरियां, मीनारें इसकी शोभा में चार चांद लगा देगी. यह झांकी राजस्थान के समृद्ध इतिहास और संस्कृति की तस्वीर के साथ ही नवीन स्थापत्य का एक शानदार मिश्रण है.