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बिहार में मात्र 11192 प्राइवेट स्कूल रजिस्टर्ड, वास्तविक आंकड़ा दोगुना, 10 अगस्त तक रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य - Bihar private schools

Registration For Private Schools: बिहार के निजी स्कूलों को 10 अगस्त तक रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो एक लाख का जुर्माना देना होगा. अभी मात्र 11192 निजी विद्यालयों ही रजिस्टर्ड हैं, जबकि वास्तविक आंकड़ा इससे दोगुना है.

Bihar private schools
बिहार में प्राइवेट स्कूल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 21, 2024, 8:23 AM IST

पटना: बिहार सरकार के प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्रा ने सभी जिला के शिक्षा पदाधिकारी को पत्र जारी करते हुए कहा है कि वह यह सुनिश्चित करें कि उनके जिले में चलने वाले सभी निजी विद्यालय शिक्षा विभाग के e-SAMBANDHAN पोर्टल से रजिस्टर्ड हो. उन्होंने बताया कि राज्य में मात्र 1192 निजी विद्यालय ही पोर्टल से रजिस्टर्ड हैं, जबकि वास्तव में इससे दुगनी संख्या में निजी विद्यालय संचालित होने का अनुमान है. वास्तव में संचालित निजी विद्यालय की संख्या का प्रमाणित आंकड़ा विभाग के पास उपलब्ध नहीं है. शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालयों को 10 अगस्त तक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया है.

Bihar private schools
बिहार शिक्षा विभाग का पत्र (ETV Bharat)

10 अगस्त तक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य: दरअसल शिक्षा विभाग के जो रजिस्टर्ड विद्यालय हैं. उन्हीं स्कूलों के बच्चों का ट्रांसफर सर्टिफिकेट मान्य है, जबकि जो रजिस्टर्ड नहीं है. उनके बच्चों का टीसी अमान्य है. शिक्षा विभाग ने कहा है कि निजी विद्यालयों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है, क्योंकि बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों का सही आंकड़ा मिलता है. बच्चों के लिए नई योजनाएं बनाने में सुविधा होती है. यदि 10 अगस्त तक विद्यालय पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करते हैं तो जिला शिक्षा पदाधिकारी उन विद्यालयों को चिह्नित कर उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना करें. इसके बाद भी यदि स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन नहीं किया तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

कैसे होता है रजिस्ट्रेशन?: बताते चलें कि शिक्षा विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने से स्कूल में पढ़ने वाले एक-एक छात्र का डाटा सरकार के पास पहुंचता है. बच्चों के नाम पिता का नाम आधार नंबर दर्ज होता है, जिससे उनका परमानेंट एजुकेशन नंबर स्वत: जेनरेट होता है. ऐसे में इन विद्यालयों के बच्चे यदि पेरेंट्स के ट्रांसफर होने पर स्कूल छोड़कर दूसरे जिले में जाते हैं तो वहां उनके नामांकन में आसानी होती है.

2 अगस्त को विद्यालय आवंटित: शिक्षा विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि बिहार में गरीब बच्चों के शिक्षा के लिए आरटीई के तहत दूसरे चरण का आवेदन 22 जुलाई से शुरू होगा. बच्चे 31 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं. इन बच्चों को 2 अगस्त को विद्यालय आवंटित किया जाएगा, जिसके माध्यम से 3 से 10 अगस्त तक बच्चे विद्यालयों में नामांकन ले सकते हैं.

ये भी पढ़ें: RTE के तहत बिहार के 23010 बच्चों का प्राइवेट स्कूल में होगा एडमिशन, नि:शुल्क होगी पढ़ाई - Bihar RTE Admission

पटना: बिहार सरकार के प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्रा ने सभी जिला के शिक्षा पदाधिकारी को पत्र जारी करते हुए कहा है कि वह यह सुनिश्चित करें कि उनके जिले में चलने वाले सभी निजी विद्यालय शिक्षा विभाग के e-SAMBANDHAN पोर्टल से रजिस्टर्ड हो. उन्होंने बताया कि राज्य में मात्र 1192 निजी विद्यालय ही पोर्टल से रजिस्टर्ड हैं, जबकि वास्तव में इससे दुगनी संख्या में निजी विद्यालय संचालित होने का अनुमान है. वास्तव में संचालित निजी विद्यालय की संख्या का प्रमाणित आंकड़ा विभाग के पास उपलब्ध नहीं है. शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालयों को 10 अगस्त तक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया है.

Bihar private schools
बिहार शिक्षा विभाग का पत्र (ETV Bharat)

10 अगस्त तक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य: दरअसल शिक्षा विभाग के जो रजिस्टर्ड विद्यालय हैं. उन्हीं स्कूलों के बच्चों का ट्रांसफर सर्टिफिकेट मान्य है, जबकि जो रजिस्टर्ड नहीं है. उनके बच्चों का टीसी अमान्य है. शिक्षा विभाग ने कहा है कि निजी विद्यालयों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है, क्योंकि बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों का सही आंकड़ा मिलता है. बच्चों के लिए नई योजनाएं बनाने में सुविधा होती है. यदि 10 अगस्त तक विद्यालय पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करते हैं तो जिला शिक्षा पदाधिकारी उन विद्यालयों को चिह्नित कर उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना करें. इसके बाद भी यदि स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन नहीं किया तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

कैसे होता है रजिस्ट्रेशन?: बताते चलें कि शिक्षा विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने से स्कूल में पढ़ने वाले एक-एक छात्र का डाटा सरकार के पास पहुंचता है. बच्चों के नाम पिता का नाम आधार नंबर दर्ज होता है, जिससे उनका परमानेंट एजुकेशन नंबर स्वत: जेनरेट होता है. ऐसे में इन विद्यालयों के बच्चे यदि पेरेंट्स के ट्रांसफर होने पर स्कूल छोड़कर दूसरे जिले में जाते हैं तो वहां उनके नामांकन में आसानी होती है.

2 अगस्त को विद्यालय आवंटित: शिक्षा विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि बिहार में गरीब बच्चों के शिक्षा के लिए आरटीई के तहत दूसरे चरण का आवेदन 22 जुलाई से शुरू होगा. बच्चे 31 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं. इन बच्चों को 2 अगस्त को विद्यालय आवंटित किया जाएगा, जिसके माध्यम से 3 से 10 अगस्त तक बच्चे विद्यालयों में नामांकन ले सकते हैं.

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