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ऑनलाइन RTI चाहिए, बस ये काम करें...फटाफट मिलेगी सूचना

आप आरटीआई ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीके से दाखिल कर सकते हैं, यहां करें अप्लाई

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

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जन सुचना अधिकारी से मांगिये RTI (ETV BHARAT)

लखनऊ: आपके इलाके की राशन की दुकान में राशन देने से इंकार किया गया हो, या फिर आपको यह जानना हो, कि दूकान में कब और कितना राशन आया? आपके इलाके में सरकारी हॉस्पिटल में कई कमिया हो, लेकिन जिम्मेदार ना मान रहे हो तो आपको यह जानना जरुरी है, कि हॉस्पिटल के निर्माण में कितना और कब कब पैसा खर्च हुआ? तो आपके हाथ में सुचना का अधिकार या RTI के रूप में सबसे बड़ा हथियार है. जिससे आप अपने सवालों के सभी जवाब पा सकते है. लेकिन, इन सवालों का जवाब मिलने में होने वाली देरी और कई तरह की मुश्किलों से आपको जूझना पड़ता है. जिसे दूर करने के लिए प्रशासनिक सुधार विभाग ने कई तरह के बदलाव किये है. जिससे, आम लोगों को अपने इलाके में हो रहे भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए सरकारी विभागों से जानकारी मांगना आसान हो जायेगा. आइये जानते है, अपील करने के तरीके और उसकी कार्यप्रणाली में बदलाव.


कई चैनल के माध्यम से पहुंचती है अपील: प्रमुख सचिव प्रशासनिक सुधार के रविन्द्र नायक ने बताया कि, आरटीआई ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही तरीके से मांगी जा सकती है. ऑनलाइन व्यवस्था में लगातार ऐसे बदलाव किये जा रहे है जिससे लोग आसानी से आरटीआई दाखिल कर सके और उसे जल्द से जल्द सुचना मिलती रहे. ऑनलाइन व्यवस्था में अब तक नागरिकों द्वारा मांगी जाने वाली सुचना का आवेदन सबसे पहले सम्बंधित विभाग के मुख्यलाय स्तर पर नामित नोडल अधिकारी के पास पहुँचती है. उसके बाद वह नोडल अफसर उस विभाग के मण्डलीय या जिले के जनसुचना अधिकारी को अपील ट्रांसफर करता है. जिसके बाद सम्बन्धी मण्डलीय या जिले का जनसुचना अधिकारी मांगी गयी सुचना विभाग से मांग कर उसका निस्तारण करता है. जिसमें, काफी समय लगता है. तय समय सीमा 30 दिन से भी अधिक का वक्त लग जाता है.

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ऐसे करें RTI ऑनलाइन में दाखिला (ETV BHARAT)



इसे भी पढ़े-राशन गोलमाल की 5 ट्रिक्स, कैसे रहें अलर्ट, कैसे कर सकते हैं शिकायत?

अब सीधे जनसूचना अधिकारी तक पहुंचेगी अपील: प्रमुख सचिव के मुताबिक, इसी समय को कम करने, नागरिकों को जल्द से जल्द सुचना दिलाने के लिए अब नई व्यवस्था लागू की जा रही है. जिसके मुताबिक, जब कोई नागरिक सुचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत ऑनलाइन माध्यम से RTI मांगता है, तो अब वह आवेदन सम्बंधित विभाग के नोडल अधिकारी को नहीं, बल्कि सीधे उसी मण्डलीय या जिले के विभागीय जनसुचना अधिकारी के पास पहुंचेगी. नागरिक सीधे ऑनलाइन जनसुचना अधिकारी से सुचना मांग सकेगा. जिससे वह जानकारी मांगना चाहता है. प्रमुख सचिव ने बताया इससे ना सिर्फ आवेदन निस्तारण होने में समय कम लगेगा बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ेगी. इसके लिए वेबसाइट rtionline.up.gov.in पर सभी जनसुचना अधिकारी का नाम, पदनाम, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी लिखी जाएगी. इस नई व्यवस्था से सुचना मिलने में करीब 5 से 10 दिन कम हो जायेंगे.

सूचना आयोग भी RTI मांगने के तरीको को कर रही आसान: राज्य सुचना आयुक्त दिलीप अग्निहोत्री ने बताया कि, ऑनलाइन व्यवस्था के जरिये RTI के मांगने से लोगों की भाग दौड़ कम हो गयी है. वो एक ही जगह बैठकर आरटीआई दाखिल कर सकते है. हालांकि, अब भी इसमें कई तरह की कमिया थी, जिससे सुचना मिलने में लोगो को तय समय से भी अधिक का समय लगता था. लेकिन राज्य मुख्य सुचना आयुक्त आर के विश्वकर्मा ने इसमें कई बदलाव करने के सुझाव दिए थे. जिसके चलते अब शासन इसमें बदलाव कर रहा है.

राज्य सूचना आयुक्त दिलीप अग्निहोत्री ने दी जानकारी (ETV BHARAT)


केंद्र या राज्य सरकार के किस अफसर को करना होता है फाइल: केंद्र या राज्य सरकार के सभी विभाग, मंत्रालय और सार्वजनिक संस्थानों में जन सूचना अधिकारी की नियुक्ति की जाती है. सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 6 के अनुसार नागरिक केंद्र सरकार या राज्य सरकार के जिस विभाग या सार्वजनिक संस्थान से सुचना लेना चाहते हैं, तो उन्हें उस विभाग के लोक सूचना अधिकारी या फिर सहायक लोक सूचना अधिकारी को आवेदन करना होगा. उदाहरण तौर पर यदि आप राज्य सरकार के किसी विभाग से जानकारी लेना चाहते हैं, तो आपको उस विभाग के राज्य सूचना अधिकारी या राज्य सहायक सूचना अधिकारी को आवेदन करना होगा. वहीं, केंद्र सरकार के किसी विभाग या मंत्रालय से जानकारी लेना चाहते हैं, तो आपको उस विभाग या मंत्रालय के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या केंद्रीय सहायक लोक सूचना अधिकारी को आवेदन करना होगा.

यह भी पढ़े-यूपी में राशन कॉर्ड की लिस्ट से हटाए जा रहे हैं नाम; कहीं आप भी तो नहीं दायरे में, जानिए वजह

लखनऊ: आपके इलाके की राशन की दुकान में राशन देने से इंकार किया गया हो, या फिर आपको यह जानना हो, कि दूकान में कब और कितना राशन आया? आपके इलाके में सरकारी हॉस्पिटल में कई कमिया हो, लेकिन जिम्मेदार ना मान रहे हो तो आपको यह जानना जरुरी है, कि हॉस्पिटल के निर्माण में कितना और कब कब पैसा खर्च हुआ? तो आपके हाथ में सुचना का अधिकार या RTI के रूप में सबसे बड़ा हथियार है. जिससे आप अपने सवालों के सभी जवाब पा सकते है. लेकिन, इन सवालों का जवाब मिलने में होने वाली देरी और कई तरह की मुश्किलों से आपको जूझना पड़ता है. जिसे दूर करने के लिए प्रशासनिक सुधार विभाग ने कई तरह के बदलाव किये है. जिससे, आम लोगों को अपने इलाके में हो रहे भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए सरकारी विभागों से जानकारी मांगना आसान हो जायेगा. आइये जानते है, अपील करने के तरीके और उसकी कार्यप्रणाली में बदलाव.


कई चैनल के माध्यम से पहुंचती है अपील: प्रमुख सचिव प्रशासनिक सुधार के रविन्द्र नायक ने बताया कि, आरटीआई ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही तरीके से मांगी जा सकती है. ऑनलाइन व्यवस्था में लगातार ऐसे बदलाव किये जा रहे है जिससे लोग आसानी से आरटीआई दाखिल कर सके और उसे जल्द से जल्द सुचना मिलती रहे. ऑनलाइन व्यवस्था में अब तक नागरिकों द्वारा मांगी जाने वाली सुचना का आवेदन सबसे पहले सम्बंधित विभाग के मुख्यलाय स्तर पर नामित नोडल अधिकारी के पास पहुँचती है. उसके बाद वह नोडल अफसर उस विभाग के मण्डलीय या जिले के जनसुचना अधिकारी को अपील ट्रांसफर करता है. जिसके बाद सम्बन्धी मण्डलीय या जिले का जनसुचना अधिकारी मांगी गयी सुचना विभाग से मांग कर उसका निस्तारण करता है. जिसमें, काफी समय लगता है. तय समय सीमा 30 दिन से भी अधिक का वक्त लग जाता है.

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ऐसे करें RTI ऑनलाइन में दाखिला (ETV BHARAT)



इसे भी पढ़े-राशन गोलमाल की 5 ट्रिक्स, कैसे रहें अलर्ट, कैसे कर सकते हैं शिकायत?

अब सीधे जनसूचना अधिकारी तक पहुंचेगी अपील: प्रमुख सचिव के मुताबिक, इसी समय को कम करने, नागरिकों को जल्द से जल्द सुचना दिलाने के लिए अब नई व्यवस्था लागू की जा रही है. जिसके मुताबिक, जब कोई नागरिक सुचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत ऑनलाइन माध्यम से RTI मांगता है, तो अब वह आवेदन सम्बंधित विभाग के नोडल अधिकारी को नहीं, बल्कि सीधे उसी मण्डलीय या जिले के विभागीय जनसुचना अधिकारी के पास पहुंचेगी. नागरिक सीधे ऑनलाइन जनसुचना अधिकारी से सुचना मांग सकेगा. जिससे वह जानकारी मांगना चाहता है. प्रमुख सचिव ने बताया इससे ना सिर्फ आवेदन निस्तारण होने में समय कम लगेगा बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ेगी. इसके लिए वेबसाइट rtionline.up.gov.in पर सभी जनसुचना अधिकारी का नाम, पदनाम, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी लिखी जाएगी. इस नई व्यवस्था से सुचना मिलने में करीब 5 से 10 दिन कम हो जायेंगे.

सूचना आयोग भी RTI मांगने के तरीको को कर रही आसान: राज्य सुचना आयुक्त दिलीप अग्निहोत्री ने बताया कि, ऑनलाइन व्यवस्था के जरिये RTI के मांगने से लोगों की भाग दौड़ कम हो गयी है. वो एक ही जगह बैठकर आरटीआई दाखिल कर सकते है. हालांकि, अब भी इसमें कई तरह की कमिया थी, जिससे सुचना मिलने में लोगो को तय समय से भी अधिक का समय लगता था. लेकिन राज्य मुख्य सुचना आयुक्त आर के विश्वकर्मा ने इसमें कई बदलाव करने के सुझाव दिए थे. जिसके चलते अब शासन इसमें बदलाव कर रहा है.

राज्य सूचना आयुक्त दिलीप अग्निहोत्री ने दी जानकारी (ETV BHARAT)


केंद्र या राज्य सरकार के किस अफसर को करना होता है फाइल: केंद्र या राज्य सरकार के सभी विभाग, मंत्रालय और सार्वजनिक संस्थानों में जन सूचना अधिकारी की नियुक्ति की जाती है. सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 6 के अनुसार नागरिक केंद्र सरकार या राज्य सरकार के जिस विभाग या सार्वजनिक संस्थान से सुचना लेना चाहते हैं, तो उन्हें उस विभाग के लोक सूचना अधिकारी या फिर सहायक लोक सूचना अधिकारी को आवेदन करना होगा. उदाहरण तौर पर यदि आप राज्य सरकार के किसी विभाग से जानकारी लेना चाहते हैं, तो आपको उस विभाग के राज्य सूचना अधिकारी या राज्य सहायक सूचना अधिकारी को आवेदन करना होगा. वहीं, केंद्र सरकार के किसी विभाग या मंत्रालय से जानकारी लेना चाहते हैं, तो आपको उस विभाग या मंत्रालय के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या केंद्रीय सहायक लोक सूचना अधिकारी को आवेदन करना होगा.

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