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CM YOGI की सख्ती पर बनाया गया नया मॉनीटरिंग प्लान, आंगनबाड़ी केंद्र के पास रहने वाले लोगों से ली जाएगी जानकारी

जेल जा चुकी हैं गोदाम संचालक और दो आंगनबाड़ी वर्कर, आगरा जिले में हैं 2982 आंगनबाड़ी केंद्र

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 19, 2024, 3:30 PM IST

आगरा : जिले में गर्भवती महिलाओं-कुपोषित बच्चों को मुफ्त बंटने आया चना, दाल, सोयाबीन, दलिया की कालाबाजारी हो रही थी. जिलापूर्ति अधिकारी संजीव कुमार सिंह की छापेमारी में पुष्टाहार कालाबाजारी का खुलासा हुआ तो जिला प्रशासन में खलबली मच गई. सीएम योगी ने सख्ती के निर्देश दिए तो पुष्टाहार कालाबाजारी में अब तक बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) विमल चौबे और जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) आदीश मिश्रा समेत 17 आंगनबाड़ी वर्कर निलंबित हो चुकी हैं. जबकि, पुष्टाहार की कालाबाजारी में गोदाम संचालक और दो आंगनबाड़ी वर्कर जेल भी गईं थीं. पुष्टाहार भ्रष्टाचार और कालाबाजारी के खेल का खुलासा होने से आगरा से लखनऊ तक खलबली मच गई थी. अब सीएम योगी की सख्ती से आगरा में जिले की हर आंगनबाड़ी केंद्र के पास में रहने वाले लोगों के नंबर जुटाए जा रहे हैं. जिससे रेंडम कॉल करके उनसे पुष्टाहार वितरण की जानकारी ली जाएगी. इसके साथ ही लाभार्थियों को भी रेंडम कॉल कर पुष्टाहार वितरण की निगरानी की जाएगी. आइए, पुष्टाहार में भ्रष्टाचार और कालाबाजारी रोकने को लेकर रेंडम कॉल से निगरानी की पूरी प्लानिंग जानते हैं.

बता दें कि आगरा जिले में 2982 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. जिनमें शहरी क्षेत्र में 508 आंगनबाड़ी हैं. 26 सितंबर 2024 तक 167 केंद्रों में पुष्टाहार का वितरण किया गया था. आंगनबाड़ी केंद्रों से गर्भवती महिला, कुपोषित बच्चे और शिशुओं को मुफ्त बंटने आया चना, दाल, सोयाबीन, दलिया यानी पुष्टाहार की कालाबाजारी का खुलासा हुआ तो अब शहर के साथ ही जिले के केंद्रों में प्रत्येक लाभार्थी की जांच हो रही है. डीएम के निर्देश पर स्थानीय स्तर पर जांच टीमें गठित हैं.

ये है पुष्टाहार वितरण : केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कुपोषण से बच्चों और महिलाओं को बचाने के लिए अनुपूरक पुष्टाहार योजना और हॉटकुक्ड योजना चलाई जा रही है. इन योजनाओं में ही गर्भवती, धात्री महिलाओं और बच्चों को पोषाहार के रूप में चना की दाल, गेहूं का दलिया और रिफाइंड (खाद्य तेल) आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए वितरित किया जाता है. पुष्टाहार की मात्रा की बात करें तो रिफाइंड तेल (455 ग्राम), चना की दाल (1 किलोग्राम, 500 ग्राम) और दलिया (1 किलोग्राम, 500 ग्राम, 1.5 किलोग्राम) के पैकेट्स दिए जाते हैं.

पुष्टाहार का ऑनलाइन हिसाब : आंगनबाड़ी केंद्रों का ऑनलाइन हिसाब रखने के लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग का पोषण ट्रैकर एप है. इस एप पर लाभार्थियों का पंजीकरण, टीकाकरण, टीएचआर, वजन और केंद्र पर होने वाली गतिविधियों का डाटा ऑनलाइन रहता है. कार्यकत्री केंद्र का काम इस पर अपडेट करती हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों को नैफेड संस्थान की ओर से पुष्टाहार उपलब्ध कराया जाता है.

यूं खुला था कालाबाजारी का खेल : 26 सितंबर को जिलापूर्ति अधिकारी संजीव कुमार सिंह ने शिकायत मिलने पर नाई की मंडी स्थित कटरा हाथीशाह में छापामारी की कार्रवाई की थी. जिलापूर्ति अधिकारी की टीम को यहां पर डेरा सरस निवासी प्रवीण अग्रवाल के घर में अवैध गोदाम मिला था. इस गोदाम में आंगनबाड़ी केंद्रों पर बंटने वाला खाद्यान्न रखा था. टीम ने गोदाम से 700 किलोग्राम चना दाल की, 327 लीटर रिफाइंड ऑयल समेत अन्य खाद्यान्न बरामद किया था. इसके बाद बाल विकास परियोजना अधिकारी ने नाई की मंडी थाना में गोदाम संचालक प्रवीण अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

सीएम की सख्ती पर कार्रवाई का चाबुक : आगरा में पुष्टाहार की कालाबाजारी का मामला सीएम योगी तक पहुंचा था. सीएम योगी ने जिस पर संज्ञान लेकर एक अक्टूबर की वीडियो कांफ्रेंसिंग में आगरा डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी से इस बारे में जानकारी ली थी. सीएम ने पूछा था कि पुष्टाहार कालाबाजारी में कहीं कोई माफिया तो नहीं है. जिले में सरकारी राशन के चावल की कालाबाजारी में शिकायतें खूब आईं हैं. कालाबाजारी और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाए. सीएम योगी की सख्ती के बाद आगरा डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने इस मामले में अब तक पहले 17 आंगनबाड़ी वर्कर समेत एक सुपरवाइजर को निलंबित किया. डीएम की रिपोर्ट पर शासन ने आगरा में बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) विमल चौबे और जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) आदीश मिश्रा को निलंबित कर दिया. इस मामले जांच सीडीओ प्रतिभा सिंह कर रही हैं. जिसमें कई और अधिकारी और आंगनबाड़ी वर्कर पर कार्रवाई की तलवार लटकी है.

गोदाम संचालक समेत दो आंगनबाड़ी वर्कर गईं जेल : डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि नाई की मंडी थाना में दर्ज कराए गए मुकदमे में गोदाम संचालक प्रवीण अग्रवाल के साथ ही आंगनबाड़ी वर्कर भारती देवी निवासी भट्‌ठी, मंटोला और इंदु शर्मा निवासी नाई की मंडी स्थित हलका मदन निवासी को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था. गोदाम संचालक के साथ ही भारत देवी और इंदु देवी ने सरकारी पुष्टाहार को गोदाम संचालक प्रवीण अग्रवाल को बेचती थीं. दोनों ने पुष्टाहार कालाबाजारी में कई अहम जानकारी दी हैं. जिनके आधार पर विवेचना की जा रही है.

मोबाइल से पुष्टाहार वितरण और गुणवत्ता की निगरानी : आगरा के प्रभारी डीपीओ हरीश कुमार मौर्य ने बताया कि जिले में शहर, कस्बों और गांवों में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र और पुष्टाहार वितरण की मॉनीटरिंग बेहतर की जा रही है. आंगनबाड़ी केंद्र से पुष्टाहार की निगरानी को अब स्थानीय लोगों की मदद ली जाएगी. इसके लिए प्लानिंग के साथ काम किया जा रहा है. जिसके तहत जिले में हर आंगनबाड़ी केंद्र के आसपास रहने वाले परिवारों के मोबाइल नंबर जुटाए गए हैं. उन मोबाइल नंबरों पर हर महीना रेंडम कॉल करके पुष्टाहार वितरण के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के काम और व्यवहार की भी जानकारी ली जाएगी.

यह भी पढ़ें : आगरा में पुष्टाहार वितरण की कालाबाजारी में डीपीओ निलंबित, CDO से मांगी गई जांच रिपोर्ट - Agra News

यह भी पढ़ें : गर्भवती महिलाओं-कुपोषित बच्चों का निवाला बेचने वालों पर चला योगी सरकार का डंडा; 17 आंगनवाड़ी वर्कर निलंबित, राशन की रिकवरी होगी - up anganwadi

आगरा : जिले में गर्भवती महिलाओं-कुपोषित बच्चों को मुफ्त बंटने आया चना, दाल, सोयाबीन, दलिया की कालाबाजारी हो रही थी. जिलापूर्ति अधिकारी संजीव कुमार सिंह की छापेमारी में पुष्टाहार कालाबाजारी का खुलासा हुआ तो जिला प्रशासन में खलबली मच गई. सीएम योगी ने सख्ती के निर्देश दिए तो पुष्टाहार कालाबाजारी में अब तक बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) विमल चौबे और जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) आदीश मिश्रा समेत 17 आंगनबाड़ी वर्कर निलंबित हो चुकी हैं. जबकि, पुष्टाहार की कालाबाजारी में गोदाम संचालक और दो आंगनबाड़ी वर्कर जेल भी गईं थीं. पुष्टाहार भ्रष्टाचार और कालाबाजारी के खेल का खुलासा होने से आगरा से लखनऊ तक खलबली मच गई थी. अब सीएम योगी की सख्ती से आगरा में जिले की हर आंगनबाड़ी केंद्र के पास में रहने वाले लोगों के नंबर जुटाए जा रहे हैं. जिससे रेंडम कॉल करके उनसे पुष्टाहार वितरण की जानकारी ली जाएगी. इसके साथ ही लाभार्थियों को भी रेंडम कॉल कर पुष्टाहार वितरण की निगरानी की जाएगी. आइए, पुष्टाहार में भ्रष्टाचार और कालाबाजारी रोकने को लेकर रेंडम कॉल से निगरानी की पूरी प्लानिंग जानते हैं.

बता दें कि आगरा जिले में 2982 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. जिनमें शहरी क्षेत्र में 508 आंगनबाड़ी हैं. 26 सितंबर 2024 तक 167 केंद्रों में पुष्टाहार का वितरण किया गया था. आंगनबाड़ी केंद्रों से गर्भवती महिला, कुपोषित बच्चे और शिशुओं को मुफ्त बंटने आया चना, दाल, सोयाबीन, दलिया यानी पुष्टाहार की कालाबाजारी का खुलासा हुआ तो अब शहर के साथ ही जिले के केंद्रों में प्रत्येक लाभार्थी की जांच हो रही है. डीएम के निर्देश पर स्थानीय स्तर पर जांच टीमें गठित हैं.

ये है पुष्टाहार वितरण : केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कुपोषण से बच्चों और महिलाओं को बचाने के लिए अनुपूरक पुष्टाहार योजना और हॉटकुक्ड योजना चलाई जा रही है. इन योजनाओं में ही गर्भवती, धात्री महिलाओं और बच्चों को पोषाहार के रूप में चना की दाल, गेहूं का दलिया और रिफाइंड (खाद्य तेल) आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए वितरित किया जाता है. पुष्टाहार की मात्रा की बात करें तो रिफाइंड तेल (455 ग्राम), चना की दाल (1 किलोग्राम, 500 ग्राम) और दलिया (1 किलोग्राम, 500 ग्राम, 1.5 किलोग्राम) के पैकेट्स दिए जाते हैं.

पुष्टाहार का ऑनलाइन हिसाब : आंगनबाड़ी केंद्रों का ऑनलाइन हिसाब रखने के लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग का पोषण ट्रैकर एप है. इस एप पर लाभार्थियों का पंजीकरण, टीकाकरण, टीएचआर, वजन और केंद्र पर होने वाली गतिविधियों का डाटा ऑनलाइन रहता है. कार्यकत्री केंद्र का काम इस पर अपडेट करती हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों को नैफेड संस्थान की ओर से पुष्टाहार उपलब्ध कराया जाता है.

यूं खुला था कालाबाजारी का खेल : 26 सितंबर को जिलापूर्ति अधिकारी संजीव कुमार सिंह ने शिकायत मिलने पर नाई की मंडी स्थित कटरा हाथीशाह में छापामारी की कार्रवाई की थी. जिलापूर्ति अधिकारी की टीम को यहां पर डेरा सरस निवासी प्रवीण अग्रवाल के घर में अवैध गोदाम मिला था. इस गोदाम में आंगनबाड़ी केंद्रों पर बंटने वाला खाद्यान्न रखा था. टीम ने गोदाम से 700 किलोग्राम चना दाल की, 327 लीटर रिफाइंड ऑयल समेत अन्य खाद्यान्न बरामद किया था. इसके बाद बाल विकास परियोजना अधिकारी ने नाई की मंडी थाना में गोदाम संचालक प्रवीण अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

सीएम की सख्ती पर कार्रवाई का चाबुक : आगरा में पुष्टाहार की कालाबाजारी का मामला सीएम योगी तक पहुंचा था. सीएम योगी ने जिस पर संज्ञान लेकर एक अक्टूबर की वीडियो कांफ्रेंसिंग में आगरा डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी से इस बारे में जानकारी ली थी. सीएम ने पूछा था कि पुष्टाहार कालाबाजारी में कहीं कोई माफिया तो नहीं है. जिले में सरकारी राशन के चावल की कालाबाजारी में शिकायतें खूब आईं हैं. कालाबाजारी और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाए. सीएम योगी की सख्ती के बाद आगरा डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने इस मामले में अब तक पहले 17 आंगनबाड़ी वर्कर समेत एक सुपरवाइजर को निलंबित किया. डीएम की रिपोर्ट पर शासन ने आगरा में बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) विमल चौबे और जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) आदीश मिश्रा को निलंबित कर दिया. इस मामले जांच सीडीओ प्रतिभा सिंह कर रही हैं. जिसमें कई और अधिकारी और आंगनबाड़ी वर्कर पर कार्रवाई की तलवार लटकी है.

गोदाम संचालक समेत दो आंगनबाड़ी वर्कर गईं जेल : डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि नाई की मंडी थाना में दर्ज कराए गए मुकदमे में गोदाम संचालक प्रवीण अग्रवाल के साथ ही आंगनबाड़ी वर्कर भारती देवी निवासी भट्‌ठी, मंटोला और इंदु शर्मा निवासी नाई की मंडी स्थित हलका मदन निवासी को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था. गोदाम संचालक के साथ ही भारत देवी और इंदु देवी ने सरकारी पुष्टाहार को गोदाम संचालक प्रवीण अग्रवाल को बेचती थीं. दोनों ने पुष्टाहार कालाबाजारी में कई अहम जानकारी दी हैं. जिनके आधार पर विवेचना की जा रही है.

मोबाइल से पुष्टाहार वितरण और गुणवत्ता की निगरानी : आगरा के प्रभारी डीपीओ हरीश कुमार मौर्य ने बताया कि जिले में शहर, कस्बों और गांवों में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र और पुष्टाहार वितरण की मॉनीटरिंग बेहतर की जा रही है. आंगनबाड़ी केंद्र से पुष्टाहार की निगरानी को अब स्थानीय लोगों की मदद ली जाएगी. इसके लिए प्लानिंग के साथ काम किया जा रहा है. जिसके तहत जिले में हर आंगनबाड़ी केंद्र के आसपास रहने वाले परिवारों के मोबाइल नंबर जुटाए गए हैं. उन मोबाइल नंबरों पर हर महीना रेंडम कॉल करके पुष्टाहार वितरण के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के काम और व्यवहार की भी जानकारी ली जाएगी.

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