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मुजफ्फरपुर की शाही लीची का स्वाद चखेंगे साउथ के लोग, पुणे से मंगाया गया 35 लाख का स्पेशल रेफ्रिजरेटर वैन - shahi litchi of muzaffarpur - SHAHI LITCHI OF MUZAFFARPUR

Muzaffarpur Shahi Litchi: मुजफ्फरपुर के लीची की खासियत ही कुछ और है. यहां की लीची देशभर में मशहूर है. अब यहां की शाही लीची का स्वाद साउथ के लोग भी चखेंगे. इसके लिए पूणे से स्पेशल रेफ्रिजरेटर वैन मंगाया गया है.

refrigerator van
refrigerator van (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 23, 2024, 3:24 PM IST

देखें वीडियो (ETV Bharat)

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर की शाही लीची अब मद्रास समेत साउथ इंडिया के अन्य जगहों पर रहने वाले लोग जल्द ही चखने वाले हैं. बिहार लीची एसोसिएशन की ओर से कवायद शुरू कर दी गई है. इसको लेकर पुणे से मुजफ्फरपुर में स्पेशल लीची रेफ्रिजरेटर वैन मंगाया गया है, जिसकी कीमत 35 लाख रूपए है. इस वैन में लीची खराब नहीं होगी और किसानों को फायदा मिलेगा.

लाया गया स्पेशल लीची रेफ्रिजरेटर वैन: बिहार लीची एसोसिएशन के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि मद्रास समेत साउथ के वैसे शहर या गांव, जहां लीची भेजने में मुश्किलें आ रही थी, वो अब दूर हो जायेगी. उन्होंने कहा कि अगर ट्रेन से लीची साउथ की ओर भेजा जाए, तो उसके खराब होने की संभावना ज्यादा होती है. लीची तीन दिन बाद से खराब होने लगती है, जिससे किसानों को नुकसान होता है.

मोतीपुर में हो रहा तैयार: बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि इसको लेकर एसोसिएशन की ओर से स्पेशल वैन तैयार कराया जा रहा है. वैन को मोतीपुर के गैरेज में दिया गया है, उसमें प्री कूलिंग से लेकर कोल्ड रूम तक अलग से बनाया गया है. साउथ की ओर जब लीची इस वैन से जायेगी तो वह खराब नहीं होगी. बताया कि 'लीची को डालने से पहले प्रोसेसिंग किया जाएगा. उसके बाद उसके अनुकूल वैन का टेंपरेचर बनाया जायेगा, ताकि लीची सुरक्षित रहे. पहले कोल्ड रूम में डाला जाएगा. उसके बाद उसे प्री कुल करके वैन में डाल दिया जायेगा.'

300 रुपए तक किलो भेजे जाएंगे: उन्होंने बताया कि वैन से लीची करीब 300 रूपए किलो तक भेजे जाएंगे. उसके बाद वहां के व्यापारी अपने रेट के हिसाब से मार्केट में लीची बेचेंगे. दिल्ली समेत अन्य महानगरों में लीची जाती है, तो वह 125 से 150 रूपए किलो तक भेजी जाती है. वह लीची एक से डेढ़ दिन में लोकल मार्केट में पहुंचती है.

"फ्लाइट से भी लीची भेजने की व्यवस्था की गई है. लेकिन, दरभंगा से साउथ के लिए उतनी फ्लाइट नहीं है, इस वजह से कई किसान पटना से अपना लीची भेजने का काम करते हैं. फ्लाइट में लिमिट होता है, लिमिट के अनुसार ही लीची भेज सकते हैं. लेकिन अब रेफ्ररिजरेटर वैन से भी लीची भेजी जाएगी. इस बार लीची एक सप्ताह लेट हुई है. हालांकि, मार्केट पकड़ लेगा."- बच्चा प्रसाद सिंह, अध्यक्ष, बिहार लीची एसोसिएशन

बंगाल से साउथ की ओर जाती है लीची: बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि मुजफ्फरपुर से अधिक पश्चिम बंगाल से लीची साउथ की ओर पहुंचती है. बंगाल से साउथ की ओर लीची भेजना आसान है. लेकिन, इस बार मुजफ्फरपुर की शाही लीची भी साउथ के बाजारों में मिलेगी और लोग इसका स्वाद चखेंगे. 26 मई से वैन से लीची भेजने का काम शुरू होगा. बताते चलें कि पवन एक्सप्रेस से भी मुंबई लीची भेजना शुरू हो गया है. इसमें करीब 24 टन का स्पेशल पार्सल वैन भी जोड़ दिया गया है. ताकि, लीची के किसान अधिक से अधिक लीची महानगरों में भेज सके.

ये भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर में पवन एक्सप्रेस से जुड़ा लीची के लिए स्पेशल पार्सल वैन, पहले दिन डेढ़ टन शाही लीची मुंबई रवाना - muzaffarpur shahi litchi

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मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर की शाही लीची अब मद्रास समेत साउथ इंडिया के अन्य जगहों पर रहने वाले लोग जल्द ही चखने वाले हैं. बिहार लीची एसोसिएशन की ओर से कवायद शुरू कर दी गई है. इसको लेकर पुणे से मुजफ्फरपुर में स्पेशल लीची रेफ्रिजरेटर वैन मंगाया गया है, जिसकी कीमत 35 लाख रूपए है. इस वैन में लीची खराब नहीं होगी और किसानों को फायदा मिलेगा.

लाया गया स्पेशल लीची रेफ्रिजरेटर वैन: बिहार लीची एसोसिएशन के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि मद्रास समेत साउथ के वैसे शहर या गांव, जहां लीची भेजने में मुश्किलें आ रही थी, वो अब दूर हो जायेगी. उन्होंने कहा कि अगर ट्रेन से लीची साउथ की ओर भेजा जाए, तो उसके खराब होने की संभावना ज्यादा होती है. लीची तीन दिन बाद से खराब होने लगती है, जिससे किसानों को नुकसान होता है.

मोतीपुर में हो रहा तैयार: बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि इसको लेकर एसोसिएशन की ओर से स्पेशल वैन तैयार कराया जा रहा है. वैन को मोतीपुर के गैरेज में दिया गया है, उसमें प्री कूलिंग से लेकर कोल्ड रूम तक अलग से बनाया गया है. साउथ की ओर जब लीची इस वैन से जायेगी तो वह खराब नहीं होगी. बताया कि 'लीची को डालने से पहले प्रोसेसिंग किया जाएगा. उसके बाद उसके अनुकूल वैन का टेंपरेचर बनाया जायेगा, ताकि लीची सुरक्षित रहे. पहले कोल्ड रूम में डाला जाएगा. उसके बाद उसे प्री कुल करके वैन में डाल दिया जायेगा.'

300 रुपए तक किलो भेजे जाएंगे: उन्होंने बताया कि वैन से लीची करीब 300 रूपए किलो तक भेजे जाएंगे. उसके बाद वहां के व्यापारी अपने रेट के हिसाब से मार्केट में लीची बेचेंगे. दिल्ली समेत अन्य महानगरों में लीची जाती है, तो वह 125 से 150 रूपए किलो तक भेजी जाती है. वह लीची एक से डेढ़ दिन में लोकल मार्केट में पहुंचती है.

"फ्लाइट से भी लीची भेजने की व्यवस्था की गई है. लेकिन, दरभंगा से साउथ के लिए उतनी फ्लाइट नहीं है, इस वजह से कई किसान पटना से अपना लीची भेजने का काम करते हैं. फ्लाइट में लिमिट होता है, लिमिट के अनुसार ही लीची भेज सकते हैं. लेकिन अब रेफ्ररिजरेटर वैन से भी लीची भेजी जाएगी. इस बार लीची एक सप्ताह लेट हुई है. हालांकि, मार्केट पकड़ लेगा."- बच्चा प्रसाद सिंह, अध्यक्ष, बिहार लीची एसोसिएशन

बंगाल से साउथ की ओर जाती है लीची: बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि मुजफ्फरपुर से अधिक पश्चिम बंगाल से लीची साउथ की ओर पहुंचती है. बंगाल से साउथ की ओर लीची भेजना आसान है. लेकिन, इस बार मुजफ्फरपुर की शाही लीची भी साउथ के बाजारों में मिलेगी और लोग इसका स्वाद चखेंगे. 26 मई से वैन से लीची भेजने का काम शुरू होगा. बताते चलें कि पवन एक्सप्रेस से भी मुंबई लीची भेजना शुरू हो गया है. इसमें करीब 24 टन का स्पेशल पार्सल वैन भी जोड़ दिया गया है. ताकि, लीची के किसान अधिक से अधिक लीची महानगरों में भेज सके.

ये भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर में पवन एक्सप्रेस से जुड़ा लीची के लिए स्पेशल पार्सल वैन, पहले दिन डेढ़ टन शाही लीची मुंबई रवाना - muzaffarpur shahi litchi

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