रीवा। विंध्य के सबसे बड़े 800 बिस्तर वाले संजय गांधी अस्पताल के कारनामे आए दिन उजागर होते रहते हैं. शनिवार को एक और ताजा मामला सामने आया है जिसमें अस्पताल में भर्ती एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद उसके शव को मर्चरी में रखवाया गया, जिसके बाद उसके गले से सोने का लॉकेट और पैरों से चांदी की पायल चोरी हो गई. घटना के बाद अस्पताल में मौजूद मृतका के बेटे ने मर्चरी विभाग में पदस्थ कर्मचारियों पर चोरी के आरोप लगाए हैं. बेटे का कहना है कि वही उनके लिए मां की आखिरी निशानी थी. Jewelry Stolen from Dead Body
मानसिक तौर पर परेशान थी महिला
मामला रीवा जिले के रायपुर करचुलियान थाना क्षेत्र के गुड़गांव का है. गांव निवासी शिवमुर्ति प्रसाद पटेल के पिता की मौत बीते कई साल पहले हो चुकी थी. पिता की मौत के बाद 70 वर्षीय कौशल्या देवी पटेल की मानसिक स्थिति खराब हो गई. मानसिक रूप से परेशान कौशल्या देवी ने बीते दिन आत्महत्या करने का प्रयास किया था. गभीर रूप से घायल अवस्था में बेटों ने रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया था जहां उपचार के दौरान शुक्रवार की रात कौशल्या की मौत हो गई.
सोने की लॉकेट और चांदी का पायल गायब होने का आरोप
मौत के बाद महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए संजय गांधी अस्पताल के शवगृह में रखवाया गया था. अस्पताल में उपस्थित मृतका के बेटे शिवमुर्ति प्रसाद पटेल ने अस्पताल प्रशासन पर अपनी मां के गले से सोने की लॉकेट और पायल चोरी होने का आरोप लगाया है. शिवमुर्ति ने कहा कि, जब मां को पोस्टमार्टम के लिए अन्दर ले जाया जा रहा था तब उनके गले में सोने की लॉकेट और पैरों में पायल थी. मैंने उन्हें उतार लेने की बात कही तो शव गृह के कर्मचारियों ने मना कर दिया. कहा- कुछ नहीं होगा. शनिवार की सुबह पोस्टमॉर्टम के बाद जब शव बाहर लेकर आए तो गले से लॉकेट और पैरों से पायल गायब थी. बेटे का कहना है कि यह उसकी मां की आखिरी निशानी थी. वह उन सामानों को वापस चाहते हैं.
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अस्पताल अधीक्षक ने कहा होगी घटना की जांच
मामल संज्ञान में आने पर संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक राहुल मिश्रा का कहना है कि, ''मीडिया में खबर आने के बाद मामला संज्ञान में आया है. अस्पताल की चौकी और मर्चरी में जो भी स्वीपर रहते हैं उनसे घटना के बारे में पूछताछ की गई. मृतका के परिजनों ने अस्पताल में लगे CCTV कैमरे की फुटेज को देखा है उससे प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है की कोई घटना हुई ही नही है. न तो ऐसे कोई जेवर थे और न ही किसी ने उन्हें निकाला है. परिजनों ने पुलिस चौकी में भी अभी तक कोई शिकायत दर्ज नही कराई है. मृतका का शव परिजन के सुपुर्द कर दिया गया है, जिसे लेकर वह जा चुके हैं. ऐसा लगता है कि परिजनों को ही कुछ भ्रम हुआ है. शव से जेवर उतारने का एक पूरा प्रोटोकॉल है जिसके बाद ही शव मर्चरी के अंदर शिफ्ट किया जाता है. फुटेज की जांच की जाएगी और घटना का पता चलता है तो आरोपियों पर कड़ी कर्रवाई की जाएगी.''