भोपाल: सरकारी नौकरी में होने वाली भर्तियों में गड़बड़ी को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मध्य प्रदेश की मोहन सरकार कदम उठाने जा रही है. इसकी शुरूआत मध्य प्रदेश में भर्ती हुए पुलिसकर्मियों से की जा रही है. मध्य प्रदेश में भर्ती के दौरान अब अभ्यर्थियों का आधार से वेरिफिकेशन कराया जाएगा. भारत सरकार ने इस व्यवस्था को सभी राज्यों में लागू किए जाने के निर्देश दिए थे. इसके बाद मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने इसे लागू करने अधिसूचना जारी कर दी है.
आईएएस पूजा खेडकर प्रकरण के बाद शुरू हुई व्यवस्था
प्रशिक्षु आईएएस पूजा खेड़कर के सिलेक्शन में हुई गड़बडी का मामला देश भर में सुर्खियों में रहा है. इसके बाद केन्द्र सरकार ने अब देश भर में सिलेक्शन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए यह कदम उठाया है. केन्द्र सरकार ने पिछले दिनों सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि अभ्यर्थियों का सत्यापन आधार से किया जाए. यूपीएससी में भी रजिस्ट्रेशन, एग्जाम और सिलेक्शन के दौरान स्वैच्छिक आधार पर उम्मीदवारों की पहचान को सत्यापित करने के लिए आधार से प्रमाणीकरण की व्यवस्था लागू की गई है.
मध्य प्रदेश में शुरू होगी यह व्यवस्था
केन्द्र सरकार के निर्देश के बाद मध्य प्रदेश में गृह विभाग ने पुलिस भर्ती परीक्षा में आधार से सत्यापन की व्यवस्था लागू कर दी है. इसके तहत इस साल से भर्ती हुए 5 हजार पुलिस कर्मियों का सत्यापन आधार से किया जाएगा. इसके अलावा वन विभाग सहित अन्य विभागों में भी गैर राजपत्रित पदों पर होने वाली भर्ती में आधार सत्यापन की व्यवस्था शुरू की जाएगी.
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भर्ती के दौरान होगा सत्यापन
मध्य प्रदेश में गैर राजपत्रित पदों की भर्तियां कर्मचारी चयन मंडल द्वारा की जाती हैं. हालांकि अभी भर्ती के बाद संबंधित विभाग दस्तावेजों का सत्यापन करने की प्रक्रिया करता है, लेकिन अब भर्ती के दौरान आधार से सत्यापन होगा और भर्ती के बाद भी एक बार फिर आधार से सत्यापन कराया जाएगा, ताकि भर्ती में किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका न रहे.