चित्तौड़गढ़. मानसून के समय पर आने के कारण किसानों को खेती में लाभ की उम्मीद है.खरीफ सीजन 2024 में मक्का, सोयाबीन सहित अन्य फसलों की बंपर पैदावार का अनुमान लगाया जा रहा है. पहली बार किसानों ने रिकॉर्ड 8 दिन में लगभग 90 प्रतिशत तक फसलों की बुआई कर दी. इनमें सर्वाधिक मक्का और सोयाबीन है. विभाग का तर्क है कि अमूमन मानसून के अंतिम समय में जरूरत के समय पानी नहीं गिरता और फसले सूख जाती है अथवा ग्रोथ नहीं कर पाती. अगेती फसलों में पानी कम गिरने पर भी उत्पादन प्रभावित नहीं होता. इसे लेकर इस सीजन में फसलों की खासी पैदावार होने की संभावना है.
90 प्रतिशत रकबे में हो गई बुआई: कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस बार 3 लाख 28 हजार हेक्टर क्षेत्र में बुआई का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. इसके मुकाबले पिछले 8 दिन के भीतर 2 लाख 83 हजार हेक्टर से अधिक रकबे में बीज डाला जा चुका है. अब तक 2 लाख 83 हजार 941 हेक्टर क्षेत्र में बुआई हो चुकी है. अगले एक सप्ताह में लक्ष्य के मुकाबले शेष रकबे में फसलों की बुआई पूरी होने की संभावना है.
पढ़ें: अच्छे मानसून की संभावना से कृषि विभाग ने बढ़ाया खरीफ की बुआई का लक्ष्य, मक्का रहेगी सिरमौर
मक्का और सोयाबीन आगे पीछे: कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार जागा ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा इस सीजन में मक्का की 1 लाख 48 हजार हेक्टर क्षेत्र का लक्ष्य था. अब तक 1 लाख 35 हजार 207 हेक्टर में बुआई की जा चुकी है जो कुल बुआई का 91 प्रतिशत है. इसी प्रकार ज्वार में 18000 के मुकाबले 14925 अर्थात 82 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य हासिल किया जा चुका है. दलहनी फसलों की बात की जाए तो उड़द के 5000 के लक्ष्य के मुकाबले 2430 हेक्टर क्षेत्र में बुआई किए जाने की सूचना है. अब जिले की मक्का के बाद सर्वाधिक बोई जाने वाली सोयाबीन की बात करें तो 1 लाख 8000 हेक्टर क्षेत्र का लक्ष्य रखा गया था, जिसके मुकाबले अब तक 93000 हेक्टर से अधिक बुआई हो चुकी है. कपास का 6 हजार हेक्टर का लक्ष्य था, जिसमें से अब तक 3752 एरिया बोया जा चुका है.
किसानों की मौसम विभाग पर नजर: जागा के अनुसार जब से मौसम विभाग की ओर से मौसम संबंधी सटीक भविष्यवाणी की जाने लगी है. किसान विभागीय अपडेट पर ज्यादा ध्यान रखने लगे हैं. विभाग द्वारा इस बार सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जताई गई थी. ऐसे में किसानों ने पहले से ही मक्का की बुवाई को लेकर माइंड मेकअप कर लिया था. मानसून पूर्व ही खेतों को तैयार कर लिया गया था. जैसे ही मानसून पूर्व बारिश हुई किसान अपनी अपनी इच्छा के अनुसार फसलों की बुवाई में जुट गए. उसी का नतीजा रहा कि पहली बारिश में ही 90% बुआई का काम पूरा हो चुका है. मानसून की पहली बारिश के दौरान ही पहली बार रिकॉर्ड 90% फसलों की बुआई की चुकी है यह बहुत ही अच्छा संकेत है. अगेती फसल में मानसून के रहते रहते फसल के पकने के आसार रहते हैं और नुकसान भी काम होता है. उन्होंने कहा कि यदि मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार पानी बरसा तो इस बार खरीफ फसलों की बंपर पैदावार की संभावना है.