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Jharkhand Election 2024: बागियों ने बढ़ाई भाजपा की चिंता, असंतुष्टों को मनाने में जुटे पार्टी के सीनियर लीडर्स

झारखंड विधानसभा चुनाव में बागियों ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है. जिसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता बागियों को मनाने में जुटे हैं.

BJP problems in Jharkhand
ईटीवी भारत ग्राफिक्स इमेज (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 26, 2024, 8:08 PM IST

रांची: टिकट कटने से नाराज भाजपा के बागी झारखंड में कमल खिलने से रोकने में जुटे हैं. ये भाजपा के बागी एक-दो नहीं बल्कि लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में नजर आ रहे हैं. स्थिति यह है कि जिन सीटों पर भाजपा हमेशा मजबूत रही है, वहां बागियों की भरमार है और उन्होंने चुनाव मैदान में उतरकर भाजपा की चिंता बढ़ा दी है.

अगर रांची सीट की बात करें तो यहां भाजपा के सबसे ज्यादा बागी प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है. संदीप वर्मा, मुनचुन राय, उत्तम यादव जैसे नेता जो कल तक भाजपा में रहकर पार्टी को मजबूत करने की बात कर रहे थे, उन्होंने रांची सीट से दावेदारी ठोक कर भाजपा प्रत्याशी सीपी सिंह की नींद उड़ा दी है. संदीप वर्मा कल तक भाजपा की चुनाव प्रबंधन समिति में अहम भूमिका निभा रहे थे.

असंतुष्टों को मनाने में जुटे पार्टी के सीनियर लीडर्स (ईटीवी भारत)

इसी तरह कांके विधानसभा सीट से कमलेश राम भाजपा प्रत्याशी डॉ जीतू चरण राम के लिए मुश्किलें खड़ी करने में जुटे हैं. अगर बरकट्ठा विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पार्टी से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे बटेश्वर मेहता भाजपा प्रत्याशी अमित यादव को खुली चुनौती दे रहे हैं.

गठबंधन दलों के बागियों से भी भाजपा परेशान

भाजपा प्रत्याशी अपनों से ही नहीं बल्कि गठबंधन दलों के बागी प्रत्याशियों से भी तनाव में हैं. हटिया विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने एक बार फिर नवीन जायसवाल को मैदान में उतारा है. इस सीट से आजसू के टिकट की आस लगाए बैठे भरत कांशी नाराज हो गए हैं और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरकर भाजपा की चिंता बढ़ा दी है.

इसी तरह हुसैनाबाद से कमलेश सिंह का विरोध पार्टी के अंदर खुलकर सामने आने के बाद अब आजसू के बागी प्रत्याशी कुशवाहा शिवपूजन मेहता भी पार्टी छोड़कर अपनी पैठ जमाने की कोशिश में जुटे हैं.

बागियों को मनाने में जुटे भाजपा के वरिष्ठ नेता

पार्टी के अंदर असंतुष्टों की बढ़ती संख्या ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है. केंद्रीय नेतृत्व ने बागियों को मनाने के लिए भाजपा के विधानसभा चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और सह प्रभारी असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा को विशेष जिम्मेदारी दी है. पोटका सीट से टिकट कटने से नाराज मेनका सरदार को मनाने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता अन्य असंतुष्टों को मनाने में जुटे हैं.

इसी के तहत शनिवार को हिमंता बिस्वा सरमा और पार्टी सांसद दीपक प्रकाश कांके विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे कमलेश राम को मनाने उनके घर पहुंचे. काफी मान-मनौव्वल के बाद हिमंता ने उम्मीद जताई कि कमलेश राम अपना नामांकन वापस ले लेंगे. इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि पार्टी के जो नेता नाराज हैं और बागी उम्मीदवार के तौर पर खड़े हैं, उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही है. उनकी नाराजगी दूर की जाएगी.

बागियों के चुनाव लड़ने से कटेगा वोट - सीपी सिंह

रांची सीट से चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार सीपी सिंह भी मानते हैं कि अगर बागी चुनाव में खड़े हुए तो उनका वोट कटेगा. उन्होंने कहा कि उनकी नाराजगी जायज है लेकिन इसका समाधान पार्टी के अंदर मुद्दों पर चर्चा करके ही निकाला जा सकता है न कि पार्टी छोड़कर जाने से. वैसे भी पहले चरण के लिए नामांकन की तिथि समाप्त हो चुकी है और दूसरे चरण का चुनाव अभी बाकी है. पहले चरण के लिए नामांकन वापस लेने की तिथि 30 अक्टूबर है. ऐसे में भाजपा नेता बागियों को मनाने में जुटे हैं ताकि समय रहते डैमेज कंट्रोल किया जा सके.

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रांची: टिकट कटने से नाराज भाजपा के बागी झारखंड में कमल खिलने से रोकने में जुटे हैं. ये भाजपा के बागी एक-दो नहीं बल्कि लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में नजर आ रहे हैं. स्थिति यह है कि जिन सीटों पर भाजपा हमेशा मजबूत रही है, वहां बागियों की भरमार है और उन्होंने चुनाव मैदान में उतरकर भाजपा की चिंता बढ़ा दी है.

अगर रांची सीट की बात करें तो यहां भाजपा के सबसे ज्यादा बागी प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है. संदीप वर्मा, मुनचुन राय, उत्तम यादव जैसे नेता जो कल तक भाजपा में रहकर पार्टी को मजबूत करने की बात कर रहे थे, उन्होंने रांची सीट से दावेदारी ठोक कर भाजपा प्रत्याशी सीपी सिंह की नींद उड़ा दी है. संदीप वर्मा कल तक भाजपा की चुनाव प्रबंधन समिति में अहम भूमिका निभा रहे थे.

असंतुष्टों को मनाने में जुटे पार्टी के सीनियर लीडर्स (ईटीवी भारत)

इसी तरह कांके विधानसभा सीट से कमलेश राम भाजपा प्रत्याशी डॉ जीतू चरण राम के लिए मुश्किलें खड़ी करने में जुटे हैं. अगर बरकट्ठा विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पार्टी से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे बटेश्वर मेहता भाजपा प्रत्याशी अमित यादव को खुली चुनौती दे रहे हैं.

गठबंधन दलों के बागियों से भी भाजपा परेशान

भाजपा प्रत्याशी अपनों से ही नहीं बल्कि गठबंधन दलों के बागी प्रत्याशियों से भी तनाव में हैं. हटिया विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने एक बार फिर नवीन जायसवाल को मैदान में उतारा है. इस सीट से आजसू के टिकट की आस लगाए बैठे भरत कांशी नाराज हो गए हैं और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरकर भाजपा की चिंता बढ़ा दी है.

इसी तरह हुसैनाबाद से कमलेश सिंह का विरोध पार्टी के अंदर खुलकर सामने आने के बाद अब आजसू के बागी प्रत्याशी कुशवाहा शिवपूजन मेहता भी पार्टी छोड़कर अपनी पैठ जमाने की कोशिश में जुटे हैं.

बागियों को मनाने में जुटे भाजपा के वरिष्ठ नेता

पार्टी के अंदर असंतुष्टों की बढ़ती संख्या ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है. केंद्रीय नेतृत्व ने बागियों को मनाने के लिए भाजपा के विधानसभा चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और सह प्रभारी असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा को विशेष जिम्मेदारी दी है. पोटका सीट से टिकट कटने से नाराज मेनका सरदार को मनाने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता अन्य असंतुष्टों को मनाने में जुटे हैं.

इसी के तहत शनिवार को हिमंता बिस्वा सरमा और पार्टी सांसद दीपक प्रकाश कांके विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे कमलेश राम को मनाने उनके घर पहुंचे. काफी मान-मनौव्वल के बाद हिमंता ने उम्मीद जताई कि कमलेश राम अपना नामांकन वापस ले लेंगे. इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि पार्टी के जो नेता नाराज हैं और बागी उम्मीदवार के तौर पर खड़े हैं, उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही है. उनकी नाराजगी दूर की जाएगी.

बागियों के चुनाव लड़ने से कटेगा वोट - सीपी सिंह

रांची सीट से चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार सीपी सिंह भी मानते हैं कि अगर बागी चुनाव में खड़े हुए तो उनका वोट कटेगा. उन्होंने कहा कि उनकी नाराजगी जायज है लेकिन इसका समाधान पार्टी के अंदर मुद्दों पर चर्चा करके ही निकाला जा सकता है न कि पार्टी छोड़कर जाने से. वैसे भी पहले चरण के लिए नामांकन की तिथि समाप्त हो चुकी है और दूसरे चरण का चुनाव अभी बाकी है. पहले चरण के लिए नामांकन वापस लेने की तिथि 30 अक्टूबर है. ऐसे में भाजपा नेता बागियों को मनाने में जुटे हैं ताकि समय रहते डैमेज कंट्रोल किया जा सके.

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