मसूरी: नगर पालिका परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष अनुज गुप्ता के द्वारा पूर्व में की कई कुछ कार्रवाइयों पर विवाद हुआ था. अब एक ऐसे ही मामले को लेकर जांच शुरू हो गई है. मामला बिना नोटिस दिए रेस्टोरेंट को ध्वस्त करने का है. जुडिशियल मजिस्ट्रेट के आदेश पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ जांच शुरू: दरअसल 17 दिसंबर 2022 को मसूरी के मसोनिक लॉज बस स्टैंड पर स्थित एक रेस्टोरेंट को जेसीबी से गिरा दिया गया था. रेस्टोरेंट की मालकिन उमावती पुंडीर ने आरोप लगाया था कि उन्हें बिना कोई नोटिस दिए गए, रेस्टोरेंट को ध्वस्त किया गया है. उमावती का ये भी आरोप था कि उनके और उनके स्टाफ के साथ मारपीट भी की गई थी. इसके खिलाफ उन्होंने जुडिशियल मजिस्ट्रेट मसूरी के न्यायालय में शिकायत दर्ज कराई थी.
बिना नोटिस दिए रेस्टोरेंट तोड़ने का है आरोपी: जुडिशियल मजिस्ट्रेट ने सुनवाई के दौरान पुलिस से जांच करने को कहा था. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में शिकायत को निराधार बताया था. इस पर उमावती ने कोर्ट में पुलिस से दोबारा पूरे मामले की जांच करवाने की अपील की गई थी. जुडिशियल मजिस्ट्रेट ने पुलिस को दोबारा जांच करने का आदेश दिया. अब मसूरी पुलिस ने इस मामले की दोबारा जांच शुरू कर दी है.
जांच अधिकारी कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि-
जुडिशियल मजिस्ट्रेट के आदेश पर रेस्टोरेंट को गिराने और अभद्रता के आरोपों वाले मामले की दोबारा जांच शुरू कर दी गई है. मैं मसोनिक बस स्टैंड पहुंचा और उमावती पुंडीर के बयान दर्ज किए हैं.
-एसएसआई कृष्ण कुमार सिंह, जांच अधिकारी-
जांच अधिकारी ने मौके पर जाकर किया निरीक्षण: इसके साथ ही मामले की दोबारा जांच करने के लिए मसूरी पुलिस के एसएसआई कृष्ण कुमार सिंह जांच अधिकारी बनकर मौके पर पहुंचे. उन्होंने जुडिशियल कोर्ट में दोबारा जांच करने की अपील करने वाली उमावती पुंडीर के बयान दर्ज किए हैं. चश्मदीदों के बयान भी लिए गए हैं. जांच अधिकारी ने नगर पालिका द्वारा 17 दिसंबर 2022 को गिराए गए उमावती पुंडीर के रेस्टोरेंट वाले क्षेत्र का निरीक्षण भी किया. उसका नक्शा भी बनाया गया. आरोप लगाया गया था कि घटना के समय सभासद गीता कुमाईं, उनके पति भारत कुमाई और मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल के साथ भी मारपीट और धक्का मुक्की हुई थी. उनसे भी पूछताछ की जानी है.
पीड़ित ने क्या कहा: उमावती पुंडीर ने कहा कि-
मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है. जिस तरीके से निवर्तमान अध्यक्ष ने अपने कुछ चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिये बिना नोटिस दिए कार्रवाई की, उस पर न्याय मिलेगा. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.
-उमावती पुंडीर, याचिकाकर्ता-
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