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रतलामी सेव नहीं खाया तो क्या खाया, स्वाद ऐसा कि लेते रह जाएंगे चटकारा, फिर कहेंगे वाह

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले का रतलामी सेव दुनिया भर में अपने चटकारे के लिए जाना जाता है. जानिए सेवइयां से नमकीन सेव और सेव की सब्जी तक सफर क्या है. विश्व प्रसिद्ध है रतलामी सेव का जायका.

RATLAM SEV SNACKS HISTORY
रतलामी सेव न खाया तो क्या खाया (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 29, 2024, 3:40 PM IST

रतलाम: सेवइयां से नमकीन सेव और सेव की सब्जी तक सफर विश्व प्रसिद्ध है. रतलामी सेव की बात हो और रतलामी सेव का जायका आपको याद ना आए ऐसा हो ही नहीं सकता. खास टाइप के मसाले और शुद्ध बेसन और तेल में निर्मित रतलाम के सेव देश के बड़े शहरों में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मशहूर है. रतलाम सेव का एक खास इतिहास रहा है. 1652 में महाराजा रतन सिंह राठौर ने रतलाम राज्य की स्थापना की थी. उनके साथ जोधपुर से यहां आए, हलवाइयों ने पहली बार बेसन की सेवइयां बनाई थी. इसके बाद लौंग और अजवाइन जैसे मसाले के साथ सेव का निर्माण किया जाने लगा, जो आज विश्व प्रसिद्ध नमकीन स्नेक्स बन चुका है. यहीं नहीं सेव केवल नमकीन ही नहीं, बल्कि सब्जी के रूप में भी इस्तेमाल किया जाने लगा है.

रतलामी सेव की कहानी

रतलाम में लादूराम के नमकीन नाम से चार पीढ़ियों से सेव नमकीन की दुकान चला रहे राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि 'राजस्थान में आलू और मोठ की भुजिया बनाने का चलन काफी पुराना है. वहीं से महाराजा के साथ आए हलवाई परिवारों ने पहले बेसन की सेवइयां बनाई. जिसके बाद इसमें प्रयोग करते हुए लौंग, अजवाइन और अन्य मसालों का प्रयोग कर पहली बार सेव बनाई गई. इसके कुछ सालों के बाद इसका व्यावसायिक उपयोग शुरू हुआ. सबसे पहले लादूराम परिवार द्वारा टोकरी में रख कर गली-गली घूम कर सेव बेची जाती थी. धीरे धीरे रतलामी सेव की प्रसिद्धी बढ़ती गई और अब यह पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. यही से बनने वाली सेव टमाटर की सब्जी पहले मालवा और अब देश के प्रमुख रेस्टोरेंट की मेन्यू लिस्ट में शामिल हो गई है.

रतलामी सेव देश भर में फेमस (ETV Bharat)

केवल रतलाम में ही बनी सेव का मिलता है खास स्वाद

खास प्रकार के हाथ से पीसे मसाले, बेसन और शुद्ध तेल के अलावा इस सेव को बनाने के रतलाम की आबो हवा भी जरूरी है. बिना इसके सेव की क्वालिटी और स्वाद ही नहीं बन पाता है. यहां के नमकीन व्यापारी अंकित अग्रवाल बताते हैं कि 'कारीगर को ले जाकर और यहां का पानी ले जाकर भी अन्य जगहों पर जब सेव बनाई गई तो उसमें वह खस्तापन नहीं होता है. जैसा यहां बनी सेव का जायका है. यही वजह है कि साल 2017 में रतलामी सेव को जीआई टैग भी मिला है.'

Ratlam Sev Famous in India
सेव टमाटर की सब्जी (ETV Bharat)

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में छोटी-बड़ी करीब 2000 दुकानों पर रतलामी सेव मिलती है. रतलाम से 8 से 10 टन सेव नमकीन का व्यापार होता है. नमकीन व्यापारी अंकित अग्रवाल बताते हैं कि 'रतलाम शहर में करीब 400 छोटे बड़े सेव निर्माता हैं. जो प्रतिदिन 8 से 10 टन सेव का उत्पादन करते हैं. त्योहारी सीजन में यह उत्पादन 14-15 टन तक भी चला जाता है. अकेले रतलाम जिले में सेव का व्यापार करीब 75 से 80 करोड़ रुपए सालाना है. इस व्यवसाय से करीब 2000 परिवार जुड़े हुए हैं.

चटपटा खाने के शौकीनों के लिए खास स्नैक्स रतलामी सेव, लज्जत ऐसी कि रेसिपी की डिमांड बढ़ी

सेव की तरह ही सेव टमाटर के स्वाद की भी दीवानगी

जैसे रतलाम के सेव और नमकीन का स्वाद चखने के बाद हर कोई इसका मुरीद हो जाता है. उसी प्रकार से से बनने वाली सब्जी की दीवानगी और डिमांड ऐसी है कि बड़े शहरों के बड़े रेस्टोरेंट भी अब इसे अपनी व्यंजन सूची में शामिल कर रहे हैं. सेव की सब्जी बनाने की शुरुआत भी मालवा क्षेत्र से ही हुई. जहां प्याज, लहसुन, अदरक और टमाटर की ग्रेवी के साथ सेव की सब्जी बनाई जाती है. धीरे-धीरे इसकी प्रसिद्धि इतनी बढ़ी कि अब उत्तर भारत, गुजरात और मुंबई-गोवा तक रतलामी सेव से बनी सब्जी मिल जाती है.

Ratlami Sev Tamatar
देशभर में फेमस रतलामी सेव (ETV Bharat)

इंदौरी सेव के लिए विदेशी भी हुए चटोरे, यूके और यूएस से आ रहे भर भरकर स्पेशल ऑर्डर

बहरहाल रतलामी सेव को जीआई टैग तो मिल गया है, लेकिन रतलामी सेव की ब्रांडिंग का फायदा इंदौर और अन्य जगह सेव निर्माता उठा रहे हैं. हालांकि यहां की सेव का अलग जायका ही इसे सबसे अलग बनाता है.

रतलाम: सेवइयां से नमकीन सेव और सेव की सब्जी तक सफर विश्व प्रसिद्ध है. रतलामी सेव की बात हो और रतलामी सेव का जायका आपको याद ना आए ऐसा हो ही नहीं सकता. खास टाइप के मसाले और शुद्ध बेसन और तेल में निर्मित रतलाम के सेव देश के बड़े शहरों में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मशहूर है. रतलाम सेव का एक खास इतिहास रहा है. 1652 में महाराजा रतन सिंह राठौर ने रतलाम राज्य की स्थापना की थी. उनके साथ जोधपुर से यहां आए, हलवाइयों ने पहली बार बेसन की सेवइयां बनाई थी. इसके बाद लौंग और अजवाइन जैसे मसाले के साथ सेव का निर्माण किया जाने लगा, जो आज विश्व प्रसिद्ध नमकीन स्नेक्स बन चुका है. यहीं नहीं सेव केवल नमकीन ही नहीं, बल्कि सब्जी के रूप में भी इस्तेमाल किया जाने लगा है.

रतलामी सेव की कहानी

रतलाम में लादूराम के नमकीन नाम से चार पीढ़ियों से सेव नमकीन की दुकान चला रहे राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि 'राजस्थान में आलू और मोठ की भुजिया बनाने का चलन काफी पुराना है. वहीं से महाराजा के साथ आए हलवाई परिवारों ने पहले बेसन की सेवइयां बनाई. जिसके बाद इसमें प्रयोग करते हुए लौंग, अजवाइन और अन्य मसालों का प्रयोग कर पहली बार सेव बनाई गई. इसके कुछ सालों के बाद इसका व्यावसायिक उपयोग शुरू हुआ. सबसे पहले लादूराम परिवार द्वारा टोकरी में रख कर गली-गली घूम कर सेव बेची जाती थी. धीरे धीरे रतलामी सेव की प्रसिद्धी बढ़ती गई और अब यह पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. यही से बनने वाली सेव टमाटर की सब्जी पहले मालवा और अब देश के प्रमुख रेस्टोरेंट की मेन्यू लिस्ट में शामिल हो गई है.

रतलामी सेव देश भर में फेमस (ETV Bharat)

केवल रतलाम में ही बनी सेव का मिलता है खास स्वाद

खास प्रकार के हाथ से पीसे मसाले, बेसन और शुद्ध तेल के अलावा इस सेव को बनाने के रतलाम की आबो हवा भी जरूरी है. बिना इसके सेव की क्वालिटी और स्वाद ही नहीं बन पाता है. यहां के नमकीन व्यापारी अंकित अग्रवाल बताते हैं कि 'कारीगर को ले जाकर और यहां का पानी ले जाकर भी अन्य जगहों पर जब सेव बनाई गई तो उसमें वह खस्तापन नहीं होता है. जैसा यहां बनी सेव का जायका है. यही वजह है कि साल 2017 में रतलामी सेव को जीआई टैग भी मिला है.'

Ratlam Sev Famous in India
सेव टमाटर की सब्जी (ETV Bharat)

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में छोटी-बड़ी करीब 2000 दुकानों पर रतलामी सेव मिलती है. रतलाम से 8 से 10 टन सेव नमकीन का व्यापार होता है. नमकीन व्यापारी अंकित अग्रवाल बताते हैं कि 'रतलाम शहर में करीब 400 छोटे बड़े सेव निर्माता हैं. जो प्रतिदिन 8 से 10 टन सेव का उत्पादन करते हैं. त्योहारी सीजन में यह उत्पादन 14-15 टन तक भी चला जाता है. अकेले रतलाम जिले में सेव का व्यापार करीब 75 से 80 करोड़ रुपए सालाना है. इस व्यवसाय से करीब 2000 परिवार जुड़े हुए हैं.

चटपटा खाने के शौकीनों के लिए खास स्नैक्स रतलामी सेव, लज्जत ऐसी कि रेसिपी की डिमांड बढ़ी

सेव की तरह ही सेव टमाटर के स्वाद की भी दीवानगी

जैसे रतलाम के सेव और नमकीन का स्वाद चखने के बाद हर कोई इसका मुरीद हो जाता है. उसी प्रकार से से बनने वाली सब्जी की दीवानगी और डिमांड ऐसी है कि बड़े शहरों के बड़े रेस्टोरेंट भी अब इसे अपनी व्यंजन सूची में शामिल कर रहे हैं. सेव की सब्जी बनाने की शुरुआत भी मालवा क्षेत्र से ही हुई. जहां प्याज, लहसुन, अदरक और टमाटर की ग्रेवी के साथ सेव की सब्जी बनाई जाती है. धीरे-धीरे इसकी प्रसिद्धि इतनी बढ़ी कि अब उत्तर भारत, गुजरात और मुंबई-गोवा तक रतलामी सेव से बनी सब्जी मिल जाती है.

Ratlami Sev Tamatar
देशभर में फेमस रतलामी सेव (ETV Bharat)

इंदौरी सेव के लिए विदेशी भी हुए चटोरे, यूके और यूएस से आ रहे भर भरकर स्पेशल ऑर्डर

बहरहाल रतलामी सेव को जीआई टैग तो मिल गया है, लेकिन रतलामी सेव की ब्रांडिंग का फायदा इंदौर और अन्य जगह सेव निर्माता उठा रहे हैं. हालांकि यहां की सेव का अलग जायका ही इसे सबसे अलग बनाता है.

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