रतलाम। जिले के सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इस बार झोपड़ी वाले विधायक ने प्रदेश सरकार से आदिवासी बजट के 207 करोड़ रुपए वापस मांगे हैं. कमलेश्वर डोडियार का कहना है कि आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्य और आदिवासियों के रोजगार पर खर्च किए जाने वाली राशि महिला एवं बाल विकास की योजनाओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वेतन देने में खर्च कर दी गई है. विधायक ने इसको लेकर अब वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा को पत्र लिखा है.
आदिवासी बजट के 207 करोड़ रुपए वापस मांगे
सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा को एक पत्र लिखा है. जिसमें विधायक ने प्रदेश सरकार द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग को अंतरित की गई जनजाति उपयोजना की 207 करोड़ रुपए के बजट की राशि की मांग दोहराई है. डोडियार ने पत्र में लिखा है कि ''भारत के संविधान में अनुच्छेद 275 के तहत आदिवासियों के विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार आदि पर खर्च की जाने वाली जनजाति उपयोजना की राशि में से 207 करोड़ रुपए महिला एवं बाल विकास विभाग को दे दिए गए हैं. जो गैर संवैधानिक होकर आदिवासियों के प्रति दुर्भावना रखने वाले उच्च जाति के अफसरों का षड्यंत्र है. उपयोजना की राशि संविधान प्रावधानित है. जिसका एक रुपया भी किसी दूसरे मद में खर्च नहीं किया जा सकता.'' उन्होंने सरकार से पुन: अनुसूचित जनजाति उपयोजना के 207 करोड़ रुपए अंतरित करने की मांग की है.
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विधानसभा में भी उठा चुके हैं ये मुद्दा
गौरतलब है कि भारतीय आदिवासी पार्टी के विधायक कमलेश्वर इससे पूर्व भी विधानसभा में अलग भील प्रदेश बनाने की मांग, संविधान की पांचवी अनुसूची के अनुसार आदिवासियों को अधिकार दिलवाने और आदिवासियों के बजट की राशि आदिवासी क्षेत्र में ही खर्च किए जाने की मांग को उठा चुके हैं.