रतलाम: पुलिस लाइन में पुलिस ने बलवा और उपद्रवियों से निपटने के लिए अश्रु गैस के गोले और वाटर कैनन का उपयोग किया. चौंकिए मत पुलिस ने यह सब आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए किया है. बरसते पानी में पुलिस ने बलवा एवं आक्रोशित भीड़ से निपटने का अभ्यास किया. इस मॉकड्रिल के दौरान पथराव कर रहे दंगाइयों को तितर-बितर कर नियंत्रित करने का अभ्यास किया गया.
त्योहारों के पहले पुलिस का मॉकड्रिल
आने वाले त्योहारों के दौरान किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने अपनी खुद की फिटनेस को चेक किया. मॉकड्रिल के दौरान उपद्रव की शुरुआत में ही नियंत्रण, हिंसक प्रदर्शन को रोकने के लिए ड्रिल और घायल लोगों को मेडिकल हेल्प देने, आवश्यक होने टियर गैस, वाटर कैनन का इस्तेमाल और अंत में हल्के बल प्रयोग करने का अभ्यास किया गया. इस दौरान एसपी समेत अन्य पुलिस अधिकारी भी इस मॉकड्रिल में शामिल हुए.
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पुलिस क्यों करती है मॉकड्रिल
मॉकड्रिल के लिए पुलिस जवानों की अलग-अलग टीमें बनाई गई. जिसमें टियर गैस पार्टी, लाठी पार्टी, राइफल पार्टी, मेडिकल हेल्प पार्टी बनाकर अपना-अपना कार्य समझाया गया. मॉक ड्रिल का उद्देश्य यह है कि कानून व्यवस्था, ड्यूटी, धरना प्रदर्शन इत्यादि के दौरान विपरीत परिस्थितियों में पुलिसकर्मी अपने आप को सुरक्षित रखते हुए अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन कर भीड़ नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके. एसपी अमित कुमार ने बताया कि "त्योहारों के चलते बलवा ड्रिल का आयोजन किया गया था. इससे पुलिस को अपनी तैयारियों का आकलन करने में मदद मिलती है. उपद्रव अथवा मॉब कंट्रोलिंग के समय डिपार्टमेंट के हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी पता होती है. जिससे ऐसी घटनाओं पर त्वरित नियंत्रण पाने में मदद मिलती है."