रतलाम: भारतीय डाक टिकटों पर वर्षों से महापुरुषों और ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और संवैधानिक विरासतों के फोटो तो आपने बहुत देखे होंगे, लेकिन यदि भारतीय डाक सेवा के माध्यम से आपके पास कोई डाक पहुंचे और उस पर लगे डाक टिकट पर आप अपने किसी रिश्तेदार या परिचित का फोटो देखें तो आश्चर्य मत कीजिएगा. क्योंकि आप भी अपने नाम का डाक टिकट छपवा सकते हैं. जी हां भारतीय डाक विभाग ने माय स्टांप योजना के अंतर्गत आम नागरिक स्वयं या अपने किसी प्रियजन का फोटो लगवा सकते हैं. इसके लिए आम लोगों को मुख्य डाकघर पहुंचकर माय स्टांप के काउंटर पर एक फॉर्म भरना होगा. इसके बाद आपको चाही गई संख्या में आपके फोटो लगे स्टांप सशुल्क मिल जाएंगे. यह स्टांप पूरे भारत में वैध रहेंगे और आपके नाम का डाक टिकट हर तरह की डाक पहुंचाने में उपयोग किया जा सकेगा.
कैसे बनेगा माय स्टांप
मुख्य डाकघर रतलाम के अधीक्षक कुमावत ने बताया कि "कोई भी आम व्यक्ति स्वयं अथवा अपने प्रियजन का फोटो लगा डाक टिकिट बनवा सकता है. इसके लिए उन्हें मुख्य डाकघर में माय स्टांप डेस्क पर पहुंचकर एक फॉर्म भरना होगा एवं न्यूनतम ₹300 शुल्क देकर निर्धारित समय में फोटो लगे डाक टिकट प्राप्त किये जा सकते हैं. फोटो लगे डाक टिकट की अतिरिक्त शीट लेने पर 10% का डिस्काउंट भी डाक विभाग द्वारा दिया जाता है. हम लोग इसे अपने मित्रों और रिश्तेदारों को उपहार स्वरूप भी दे सकते हैं. यह स्टांप आम डाक टिकट की तरह ही पूरे भारतवर्ष में प्रयोग भी किए जा सकते हैं.''
संस्थाएं बनवा सकती है अपने नाम का विशेष आवरण लिफाफा
केवल डाक टिकट ही नहीं सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में काम करने वाले संस्थाओं के 25 वर्ष, 50 वर्ष, 75 वर्ष और 100 वर्ष पूर्ण होने अथवा विशेष उपलब्धि हासिल करने के अवसर पर डाक विभाग के माध्यम से निर्धारित शुल्क देकर विशेष आवरण लिफाफा जारी करवा सकते हैं. इस लिफाफे पर संस्था का नाम, लोगो एवं संस्था की उपलब्धि के बारे में विवरण भी प्रिंट किया जाता है. विशेष आवरण लिफाफे का अनावरण मुख्य डाकघर में किया जाता है. इसके बाद यह डाक सामग्री विभिन्न डाक केंद्र पर उपलब्ध रहती है. स्वयं संस्था भी अपने सभी डाक व्यवहार में इस विशेष आवरण लिफाफे का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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8-9 सालों से चल रही है यह योजना
डाक विभाग की माय स्टांप योजना कोई नई योजना नहीं है, बल्कि पिछले 8-9 वर्षों से संचालित योजना है, लेकिन कई बार जानकारी के अभाव में आम लोगों तक इस सुविधा का लाभ नहीं पहुंच पाती है. बेहद सरल प्रक्रिया के तहत आम लोग माय स्टांप बनवा सकते हैं.