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खेती के इस मॉडल को अपनाएं, होगी हर रोज कैश की कमाई, सब्सिडी और प्रशिक्षण भी उपलब्ध - Ratlam daily cash income farming

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 1, 2024, 7:53 PM IST

किसान अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली के माध्यम से खेती कर हर रोज कैश प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए कृषि विभाग और नाबार्ड किसानों को सब्सिडी और प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराते हैं.

RATLAM HIGHLY INCOME CROPS
एकीकृत कृषि प्रणाली से खेती करने पर मिलेगा प्रतिदिन कैश (ETV Bharat)

रतलाम। किसानों को अपनी दैनिक जरूरत को पूरा करने के लिए अक्सर कैश मनी की आवश्यकता होती है, लेकिन अधिकतर किसानों को अपनी फसल की हार्वेस्टिंग के बाद मंडी में बेचने और कैश प्राप्त करने में 5-6 महीनों का इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में किसान एकीकृत कृषि प्रणाली के माध्यम से हर दिन या प्रत्येक महीने इनकम प्राप्त कर सकता है. तीतर गांव के किसान शंकर लाल पाटीदार ने बताया कि एकीकृत कृषि प्रणाली से खेती करने पर अलग-अलग सीजन में अलग-अलग फल आते हैं जिससे उन्हें आय प्राप्त होती है.

एकीकृत कृषि प्रणाली से करें खेती होगी हर रोज कैश की कमाई (ETV Bharat)

क्या है एकीकृत कृषि प्रणाली?

एकीकृत कृषि प्रणाली या समेकित कृषि में खेती के सभी घटकों को शामिल किया जाता है. खेती के इस मॉडल में सामान्य फसल, बागवानी, फलोद्यान, पशुपालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन और मछली पालन जैसे घटक शामिल हैं. इन घटकों को एक साथ या एक दूसरे के साथ जोड़कर खेती करने से किसान को हमेशा अलग-अलग उत्पादों से कैश प्राप्त होता रहता है. इसके लिए किसान 2-3 हेक्टेयर जमीन के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न तरह के फलोद्यान और हरी सब्जियों का उत्पादन ले सकता है. वहीं, पशुपालन और मुर्गी पालन आदि से प्राप्त होने वाली खाद का उपयोग खेत में करने से किसान बचत कर सकते हैं.

एकीकृत कृषि प्रणाली से मिलेगा प्रतिदिन कैश

रतलाम के तीतर गांव के किसान शंकर लाल पाटीदार पशुपालन के साथ करीब 3 हेक्टेयर जमीन में विभिन्न प्रकार के फलोद्यान और सब्जियों का उत्पादन करते हैं. शंकर लाल ने बताया कि "अलग-अलग सीजन में अलग-अलग फल की फसल आती है जिससे हमें आय प्राप्त होती है. वर्ष भर सब्जी का उत्पादन होने से प्रतिदिन मंडी से कैश भी प्राप्त हो जाता है. इसके साथ ही पशुपालन और दूध उत्पादन से हर सप्ताह इनकम प्राप्त होती है. पशुओं के गोबर से बनी खाद और कंडे से भी किसान को आय प्राप्त होती है." शंकर लाल पाटीदार ने 3 हेक्टेयर जमीन में सीताफल, अमरूद, अंगूर और जामफल की फसल लगा रखी है. इसके साथ ही वे साल भर सब्जियों का उत्पादन भी करते हैं. खेत पर ही बने शेड में भैंस और गाय पालन करते हैं. जिससे उन्हें पूरे साल भर आय प्राप्त होती रहती है.

सब्सिडी और प्रशिक्षण उपलब्ध

समेकित कृषि मॉडल को अपनाकर किसान प्रतिदिन और प्रतिमाह आय प्राप्त कर सकता है. कृषि विभाग और नाबार्ड इस तरह की खेती के लिए सब्सिडी और प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराते हैं. इस प्रणाली से खेती करने के इच्छुक किसान अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विभाग के अधिकारी से संपर्क कर विस्तृत जानकारी प्राप्त सकते हैं.

रतलाम। किसानों को अपनी दैनिक जरूरत को पूरा करने के लिए अक्सर कैश मनी की आवश्यकता होती है, लेकिन अधिकतर किसानों को अपनी फसल की हार्वेस्टिंग के बाद मंडी में बेचने और कैश प्राप्त करने में 5-6 महीनों का इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में किसान एकीकृत कृषि प्रणाली के माध्यम से हर दिन या प्रत्येक महीने इनकम प्राप्त कर सकता है. तीतर गांव के किसान शंकर लाल पाटीदार ने बताया कि एकीकृत कृषि प्रणाली से खेती करने पर अलग-अलग सीजन में अलग-अलग फल आते हैं जिससे उन्हें आय प्राप्त होती है.

एकीकृत कृषि प्रणाली से करें खेती होगी हर रोज कैश की कमाई (ETV Bharat)

क्या है एकीकृत कृषि प्रणाली?

एकीकृत कृषि प्रणाली या समेकित कृषि में खेती के सभी घटकों को शामिल किया जाता है. खेती के इस मॉडल में सामान्य फसल, बागवानी, फलोद्यान, पशुपालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन और मछली पालन जैसे घटक शामिल हैं. इन घटकों को एक साथ या एक दूसरे के साथ जोड़कर खेती करने से किसान को हमेशा अलग-अलग उत्पादों से कैश प्राप्त होता रहता है. इसके लिए किसान 2-3 हेक्टेयर जमीन के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न तरह के फलोद्यान और हरी सब्जियों का उत्पादन ले सकता है. वहीं, पशुपालन और मुर्गी पालन आदि से प्राप्त होने वाली खाद का उपयोग खेत में करने से किसान बचत कर सकते हैं.

एकीकृत कृषि प्रणाली से मिलेगा प्रतिदिन कैश

रतलाम के तीतर गांव के किसान शंकर लाल पाटीदार पशुपालन के साथ करीब 3 हेक्टेयर जमीन में विभिन्न प्रकार के फलोद्यान और सब्जियों का उत्पादन करते हैं. शंकर लाल ने बताया कि "अलग-अलग सीजन में अलग-अलग फल की फसल आती है जिससे हमें आय प्राप्त होती है. वर्ष भर सब्जी का उत्पादन होने से प्रतिदिन मंडी से कैश भी प्राप्त हो जाता है. इसके साथ ही पशुपालन और दूध उत्पादन से हर सप्ताह इनकम प्राप्त होती है. पशुओं के गोबर से बनी खाद और कंडे से भी किसान को आय प्राप्त होती है." शंकर लाल पाटीदार ने 3 हेक्टेयर जमीन में सीताफल, अमरूद, अंगूर और जामफल की फसल लगा रखी है. इसके साथ ही वे साल भर सब्जियों का उत्पादन भी करते हैं. खेत पर ही बने शेड में भैंस और गाय पालन करते हैं. जिससे उन्हें पूरे साल भर आय प्राप्त होती रहती है.

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सब्सिडी और प्रशिक्षण उपलब्ध

समेकित कृषि मॉडल को अपनाकर किसान प्रतिदिन और प्रतिमाह आय प्राप्त कर सकता है. कृषि विभाग और नाबार्ड इस तरह की खेती के लिए सब्सिडी और प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराते हैं. इस प्रणाली से खेती करने के इच्छुक किसान अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विभाग के अधिकारी से संपर्क कर विस्तृत जानकारी प्राप्त सकते हैं.

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