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मिट्टी से बना लड्डू बताएगा कब करनी है बोवनी, सोयाबीन की बुवाई में जल्दबाजी न करें किसान - Ratlam Field Soil Testing Soybean

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 21, 2024, 7:58 PM IST

रतलाम सहित मध्य प्रदेश में मॉनसून दस्तक दे चुका है. प्रदेश के अधिकतर जिलों में तेज बारिश का दौर जारी है. बारिश की शुरुआत होते ही किसान खरीफ फसलों की बुवाई की तैयारियों में जुट जाते हैं. बुवाई करने से पहले किसानों को इन बातों का ख्यान रखना चाहिए.

RATLAM LADDU MADE OF SOIL
सोयाबीन बोते समय इस विधि से खेत की नमी को करें चेक (ETV Bharat)

रतलाम। मध्य प्रदेश में मॉनसून दस्तक दे चुका है. मॉनसून की शुरुआत के साथ ही खरीफ की फसलों की बुवाई का कार्य भी शुरू होने ही वाला है. कई क्षेत्रों में प्री मॉनसून की अच्छी बारिश देखकर कई किसान जल्दबाजी में बुवाई का कार्य कर देते हैं. खासकर सोयाबीन की बुवाई किसान कम नमी में कर देते हैं. जिससे उनका महंगे दामों पर खरीदा हुआ बीज खराब हो जाता है.

रतलाम के किसान सोयाबीन फसल की बुवाई की तैयारी में जुटे (ETV Bharat)

खरीफ फसल की बोवनी से पहले इन बातों का रखें ध्यान

कृषि विभाग और कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार कृषक भाइयों को खेत में पर्याप्त नमी हो जाने के बाद ही सोयाबीन सहित अन्य खरीफ की फसलों की बुवाई करनी चाहिए. कई बार शुरुआती मॉनसून की मूसलाधार बारिश में किसानों को लगता है कि अच्छी बरसात हो गई है, लेकिन खेत में नीचे की मिट्टी की सतह सूखी ही रहती है. किसान भाई क्षेत्र में 3 से 4 इंच बारिश हो जाने अथवा खेत की जमीन 4 से 5 इंच तक नमी युक्त हो जाने पर ही खरीफ की फसलों की बुवाई करें.

कैसे जाने खेत में नमी बुवाई के लायक है या नहीं

महंगे दाम पर खरीदे गए बीज को सड़ने से बचाने के लिए किसान खेत पर पहुंचकर नमी का परीक्षण स्वयं कर सकते हैं. खेत के अलग-अलग हिस्सों में गड्ढा खोदकर चार से पांच इंच तक मिट्टी की नमी चेक की जा सकती है. जिले के ही एक प्रगतिशील किसान बालकृष्ण कुमावत अपने खेत पर मिट्टी की नमी का परीक्षण कर बताते हैं कि किसान भाई खेत के अलग-अलग हिस्सों में घूम कर 5 इंच का हाथ से गड्ढा कर नमी का परीक्षण करें.

ऐसे करें नमी का परीक्षण

नामी पर्याप्त है या नहीं यह पता करने के लिए किसान खेत में 4 इंच का गड्ढा खोदने के बाद नीचे से मिट्टी हाथ में लेकर उसका लड्डू बनाएं. लड्डू यदि बिखर नहीं रहा है और पर्याप्त गीला है तो किसान खरीफ की फसल की बुवाई अपने खेत में कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त किसान भाई अपने क्षेत्र में हुई बारिश के आंकड़े पर भी नजर रखें. क्षेत्र में करीब 4 इंच वर्षा हो जाने पर ही किसान बुवाई का कार्य प्रारंभ करें. सोयाबीन की बुवाई के दौरान इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आपके क्षेत्र में आने वाले हफ्ते में वर्षा का पूर्वानुमान कैसा है.

रतलाम। मध्य प्रदेश में मॉनसून दस्तक दे चुका है. मॉनसून की शुरुआत के साथ ही खरीफ की फसलों की बुवाई का कार्य भी शुरू होने ही वाला है. कई क्षेत्रों में प्री मॉनसून की अच्छी बारिश देखकर कई किसान जल्दबाजी में बुवाई का कार्य कर देते हैं. खासकर सोयाबीन की बुवाई किसान कम नमी में कर देते हैं. जिससे उनका महंगे दामों पर खरीदा हुआ बीज खराब हो जाता है.

रतलाम के किसान सोयाबीन फसल की बुवाई की तैयारी में जुटे (ETV Bharat)

खरीफ फसल की बोवनी से पहले इन बातों का रखें ध्यान

कृषि विभाग और कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार कृषक भाइयों को खेत में पर्याप्त नमी हो जाने के बाद ही सोयाबीन सहित अन्य खरीफ की फसलों की बुवाई करनी चाहिए. कई बार शुरुआती मॉनसून की मूसलाधार बारिश में किसानों को लगता है कि अच्छी बरसात हो गई है, लेकिन खेत में नीचे की मिट्टी की सतह सूखी ही रहती है. किसान भाई क्षेत्र में 3 से 4 इंच बारिश हो जाने अथवा खेत की जमीन 4 से 5 इंच तक नमी युक्त हो जाने पर ही खरीफ की फसलों की बुवाई करें.

कैसे जाने खेत में नमी बुवाई के लायक है या नहीं

महंगे दाम पर खरीदे गए बीज को सड़ने से बचाने के लिए किसान खेत पर पहुंचकर नमी का परीक्षण स्वयं कर सकते हैं. खेत के अलग-अलग हिस्सों में गड्ढा खोदकर चार से पांच इंच तक मिट्टी की नमी चेक की जा सकती है. जिले के ही एक प्रगतिशील किसान बालकृष्ण कुमावत अपने खेत पर मिट्टी की नमी का परीक्षण कर बताते हैं कि किसान भाई खेत के अलग-अलग हिस्सों में घूम कर 5 इंच का हाथ से गड्ढा कर नमी का परीक्षण करें.

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ऐसे करें नमी का परीक्षण

नामी पर्याप्त है या नहीं यह पता करने के लिए किसान खेत में 4 इंच का गड्ढा खोदने के बाद नीचे से मिट्टी हाथ में लेकर उसका लड्डू बनाएं. लड्डू यदि बिखर नहीं रहा है और पर्याप्त गीला है तो किसान खरीफ की फसल की बुवाई अपने खेत में कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त किसान भाई अपने क्षेत्र में हुई बारिश के आंकड़े पर भी नजर रखें. क्षेत्र में करीब 4 इंच वर्षा हो जाने पर ही किसान बुवाई का कार्य प्रारंभ करें. सोयाबीन की बुवाई के दौरान इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आपके क्षेत्र में आने वाले हफ्ते में वर्षा का पूर्वानुमान कैसा है.

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