रतलाम: बारिश के मौसम में रतलाम के आसपास के क्षेत्र के नदी, नालों और झरनों में पानी आ जाने के बाद यह क्षेत्र पिकनिक स्पॉट बन जाता है. जहां सैर सपाटा करने के लिए लोग अपने परिवारों के साथ पहुंचते हैं. खासकर वीकेंड और छुट्टी के दिन बड़ी संख्या में लोग यहां सैर सपाटे के लिए पानी वाले स्थान पर पहुंचते हैं. सेल्फी लेने और रील बनाने के चक्कर में खतरे वाली जगह पर जाने से भी परहेज नहीं करते हैं. ऐसे में यहां कभी भी हादसा होने का खतरा बना रहता है. रतलाम के आसपास ऐसे आधा दर्जन पिकनिक स्पॉट हैं जहां हादसे की संभावना बनी हुई है.
यह है खतरे के पिकनिक स्पॉट
रतलाम शहर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर जामड़ पाटली, ईसरथुनी झरना, केदारेश्वर झरना, झर और धोलावड़ डैम जैसे पानी वाले स्रोत हैं. जहां लोग छुट्टी वाले दिन जमकर पिकनिक मनाते हैं. आमतौर पर बारिश के दौर में जिला प्रशासन जिले के सभी पिकनिक स्पॉट और जल स्त्रोतों पर पुलिसकर्मियों और होमगार्ड की टीम की तैनाती करता है, लेकिन बारिश के शुरुआती दौर में इन पर्यटन स्थलों पर कोई सुरक्षा व्यवस्था मौजूद नहीं है.
बारिश के दिनों में बना रहता है खरता
लोग नदी और झरने के कम पानी में उतर कर मौज मस्ती कर रहे हैं. पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से यहां अचानक हुई बारिश से फ्लैश फ्लड आने का खतरा बना रहता है. अचानक पानी बढ़ने की स्थिति में यहां बड़ा हादसा भी हो सकता है. बीते कुछ सालों में जामड़ पाटली और ईसरथुनी झरना क्षेत्र में हुए हादसों में आधा दर्जन लोगों की जान जा चुकी है.
यहां पढ़ें... छोटी पचमढ़ी वाटरफॉल में पिकनिक मनाने पहुंचे बीफॉर्मा स्टूडेंट की डूबने से मौत सीधी की सोन नदी में पिकनिक मनाने गए दो युवक डूबे, घंटों की खोजबीन के बाद नहीं चला पता |
सेल्फी के लिए जान जोखिम में डालते हैं लोग
अधिक बारिश होने की स्थिति में पर्यटकों के इन केंद्रों पर जाने पर प्रतिबंध भी लगाया जाता है. बावजूद इसके लोग उफनते झरने और नदी नालों के पास पहुंचकर फोटो खिंचवाने और सेल्फी लेने का जोखिम भी उठाते नजर आते हैं. यह पर्यटन केंद्र प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जरूर है, लेकिन बेहद खतरनाक भी है. पर्यटकों को पूर्व में हुए हादसों और प्रशासन की एडवाइजरी का पालन करते हुए ही इन पिकनिक स्पॉट पर जाना चाहिए.