लखीसराय: बिहार में साल 2023 से ही रसोईया संघ द्वारा मानदेय में बढ़ोतरी को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है. लेकिन सरकार की अब तक इस पर नजर नहीं पड़ी है. ऐसे में लखीसराय जिले में एक बार फिर से बिहार राज्य मिड डे मील वर्क्स युनियन द्वारा प्रदर्शन किया गया है.
उग्र प्रर्दशन करते हुए दिया धरना: मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार को जिला अधिकारी कार्यालय के आगे बिहार राज्य मिड डे मील वर्क्स युनियन के बेनर तल्ले सैकड़ो की संख्या में महिलाओं ने अपनी मांग को लेकर उग्र प्रर्दशन करते हुए धरना दिया है.
इस वेतन में गुजारा मुश्किल: इस संबंध में बिहार राज्य मिड डे मील वर्क्स युनियन के लीडर मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि रसोईया दीदी द्वारा प्रदेश में कुपोषण मिटाने और ग्रामीण एवं शहरी बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए स्कूलों में सरकार द्वारा संचालित मिड डे मील योजना को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है. इस कार्य को विधवा, दलित महादलित, अत्यंत पिछड़ा, अल्पसंख्यक तथा कमजोर वर्ग की महिलाएं ही काम करती है. इसके बावजूद भी इन लोगों का इतना वेतन कम है जिससे गुजारा करना मुश्किल है.
वेतन न्यूनतम मजदूरी से भी कम: उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित समय के अनुसार हर दिन रसोईया दीदी को 6 से 7 घंटे काम करना पड़ता है. लेकिन इन कामों के बदले इनकी मजदूरी महीना में मात्र 1650 रूपये ही है, जो कि न्यूनतम मजदूरी से भी कम है. इसी को लेकर लोगों ने भारी संख्या में महिलाओं ने अपनी मांग को लेकर जिला अधिकारी के माध्यम से राज्य सरकार तक रखने के लिए धरना एंव सड़कों पर प्रर्दशन किया है. वहीं, डीएम ने उनकी बात को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है.
"मिड डे मील योजना में जो दीदी काम करती है उनका वेतन 1650 रूपया है, जो दैनिक मजदूर के आय से भी कम है. ऐसे में हमारी राज्य सरकार और केंद्र सरकार से मांग है कि रसोइया दीदी को समय पर वेतन, सरकारी काम का दर्जा, विशेष आवास, सामाजिक सुरक्षा का लाभ दें." - मनोज कुमार गुप्ता, लीडर, बिहार राज्य मिड डे मील वर्क्स युनियन
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