रांची: कुवैत के मंगाफ शहर के इमारत में अगलगी की घटना में रांची के अली हुसैन की भी मौत हो गई है. 24 वर्षीय अली हुसैन विगत 27 मई 2024 को रांची से कुवैत कमाने के लिए गया था. हुसैन रांची के हिंदपीढ़ी का रहने वाला था.
मई में ही कुवैत गया था अली हुसैन
इस संबंध में मृतक अली हुसैन के चाचा कमरुद्दीन ने बताया कि अली परिवार में सबसे छोटा था. वह अपने परिवार की जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से निभाने के लिए पैसा कमाने कुवैत गया था. अली के पिता मजदूर हैं और उनके घर की माली स्थिति काफी खराब है.
राज्य सरकार और केंद्र सरकार से मिलेगा मुआवजा
मृतक अली के चाचा कमरुद्दीन ने बताया कि घटना के बाद राज्य सरकार की तरफ से अली के आश्रित को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की बात कही गई है. वहीं केंद्र सरकार की तरफ से भी दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.
मृतक अली के परिवार में छाया मातम
वहीं घटना की जानकारी मिलने के बाद मृतक अली के परिवार में मातम छाया हुआ है. अली का भाई भी विदेश में काम करता है और उसकी एक बहन भी है. अब परिवार के लोग अली का शव रांची आने का इंतजार कर रहे हैं.
कल सुबह तक शव रांची पहुंचने की उम्मीद
फिलहाल अली हुसैन का डेड बॉडी कोच्चि एयरपोर्ट पहुंच चुका है और वहां से दिल्ली होते हुए रांची लाने की तैयारी की जा रही है. रांची में कल सुबह तक अली का शव पहुंचने की उम्मीद है.
डोरंडा कब्रिस्तान में सुपुर्द- ए- खाक होगा अली
शव पहुंचने के बाद डोरंडा के कब्रिस्तान में मिट्टी दी जाएगी. इस संबंध में कब्रिस्तान के सदर साहब अनवर खान बताते हैं कि आज मुस्लिम समाज के लोग गरीबी की वजह से विदेश में काम करने जाते हैं और वहां दुर्घटना के शिकार होकर अपनी जान गवां देते हैं. उन्होंने कहा कि यदि अपने देश में ही युवाओं को रोजगार मिल जाए तो पलायन की समस्या से युवाओं को नहीं जूझना पड़ेगा.
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