लाहौल स्पीति: जयराम ठाकुर सरकार में मंत्री रहे रामलाल मारकंडा (Ramlal Markanda) ने बगावत का बिगुल पहले ही फूंक दिया है. पूर्व मंत्री ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरकर फिर से एक बार हुंकार भर दी है. विधानसभा उपचुनाव (Himachal Assembly by election) के लिए रामलाल मारकंडा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर सोमवार को अपना नामांकन भरा. पर्चा दाखिल करने के बाद उन्होंने शक्ति प्रदर्शन भी किया.
वहीं, केलांग में नामांकन भरने से पहले उन्होंने समर्थकों के साथ शक्ति प्रदर्शन भी किया. लाहौल स्पीति से चुनावी मैदान में उतरे पूर्व मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा, "वह चुनाव ही नहीं लड़ना चाहते थे, लेकिन समर्थकों ने उन्हें मैदान में उतरने के लिए विवश कर दिया, जिस पार्टी को उन्होंने 21 साल अपने खून पसीने से सींचा अब उन्होंने ही धोखा देकर उन्हें हताश और निराश कर दिया".
पूर्व मंत्री डॉक्टर रामलाल मारकंडा ने कहा कि उनका एकमात्र उद्देश्य लाहौल स्पीति का विकास करना है. कुल्लू के नेताओं को लाहौल स्पीति की अधिक चिंता है, लेकिन जनता कुल्लू के नेताओं का लाहौल स्पीति प्रेम समझ गई है. उन्होंने अपने कार्यकाल में लाहौल के बजट को 86 करोड़ और स्पीति के बजट को 79 करोड़ पहुंचाया था. कांग्रेस सरकार ने इसे घटाकर लाहौल का 52 और स्पीति का 50 करोड़ कर दिया.
उनके कार्यकाल में हर घर को सड़क से जोड़कर इतिहास रचा गया था और पिछले पांच साल के कार्यकाल में 22 पुल बनाकर तैयार हुए. इसके अलावा किसानों को आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराई गई. कांग्रेस प्रत्याशी का पट्टन घाटी के लोगों के लिए अनाप शनाप टिप्पणी करना अब उन्हें महंगा पड़ेगा, जबकि बीजेपी प्रत्याशी को जनता से धोखा करना महंगा पड़ेगा.
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