बूंदी. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के कोर एवं बफर वन क्षेत्र की अब फोटो ट्रैप कैमरों से निगरानी की शुरुआत हो गई है. विभाग ने वनकर्मियों को प्रशिक्षण देकर 240 कैमरों से वन्यजीवों के अधिक विचरण वाले जंगलों में कैमरे लगाकर नियमित मॉनिटरिंग शुरू कर दी है. उपवन संरक्षक एवं उप क्षेत्रीय निदेशक संजीव शर्मा के अनुसार टाइगर रिजर्व बनने के साथ ही विभाग बाघ सहित अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा एवं निगरानी को लेकर काफी सतर्क होकर कार्य कर रहा है.
टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में विभाग ने तीन महीने पहले 200 नए कैमरे खरीदे है तथा नियमित रूप से उनका उपयोग भी शुरू कर दिया है. इसी प्रकार रामगढ अभयारण्य क्षेत्र से बाहर के जंगलों में भी बफर जोन के लिए 40 नए कैमरे खरीदे हैं जिनको मंगलवार से हिंडौली, डाबी व बूंदी रेंजों में देकर वन्यजीव अधिकता वाले क्षेत्रों में लगाने के निर्देश जारी कर दिए हैं. जंगल में फोटो ट्रैप कैमरों से निगरानी से वन्यजीवों की वास्तविक संख्या की जानकारी सामने आने के साथ-साथ वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा भी बढ़ेगी.
कालदां के जंगलों की भी बढ़ेगी सुरक्षा, कैमरों से होगी निगरानी : जिले के जैवविविधता से समृद्ध कालदां के दुर्गम जंगलों की भी निगरानी अब फोटो ट्रैप कैमरों से की जाएगी. टाइगर रिजर्व के बफर जोन में आने वाले इस महत्वपूर्ण वन क्षेत्र की हिंडौली व बूंदी रेंज में विभाग ने 30 कैमरे कालदां व इसके आसपास के जंगलों में वन्यजीवों की निगरानी के लिए लगाने का काम शुरू करने का निर्णय लिया है. इसी प्रकार डाबी व बरड़ क्षेत्र की निगरानी के लिए भी 10 कैमरे जारी किए गए हैं. जल्दी ही बफर क्षेत्र के वनकर्मियों को भी फोटो ट्रैप कैमरों को लगाने व डाटा एकत्रित करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. पर्याप्त संख्या में कैमरे मिलने से वनकर्मियों में भी उत्साह है और इससे जंगल मे अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लोगों की भी निगरानी हो सकेगी.
तरुण मेहरा, उपवन संरक्षक एवं उप क्षेत्र निदेशक, बफर रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व बूंदी ने बताया कि देवझर महादेव से भीमलत तक के वन क्षेत्र में कई प्रजाति के वन्य जीवों की मौजूदगी है, जिनकी फोटो ट्रैप कैमरों से निगरानी के निर्देश जारी किए हैं और जल्दी ही स्टाफ को ट्रेनिंग भी दी जाएगी.