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अमेठी के राज घराने का राम जन्मभूमि से है पुराना नाता, 1742 में यहां के राजा ने मुगलों की सेना को हराया था

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर 2024 (Ram Mandir 2024) में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ramlalla Pran Pratistha) 22 जनवरी को होनी है. राम मंदिर के इतिहास (Ram Mandir Amethi Connection) से अमेठी का भी नाता है. अमेठी के राजा ने मुगलों से राम जन्मभूमि को आजाद कराया था. पढ़िए क्या है पूरी कहानी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 21, 2024, 9:01 PM IST

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मीडिया से बात करते पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय सिंह

अमेठी: अयोध्या में कल यानी 22 जनवरी को राम मंदिर में प्रभु श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. राम जन्मभूमि का इत‍िहास राजनीत‍ि के पन्‍नों से भरा हुआ है. ऐसा ही एक पन्‍ना अमेठी के राज घराने से है. वर्ष 1742 में अमेठी के महाराजा राजा गुरुदत्त सिंह ने राम जन्मभूमि को मुगलों से आजाद करवाने के लिए लड़ाई लड़ी थी. महराज गुरु दत्त सिंह ने सआदत अली को हराकर श्री राम जन्मभूमि को आजाद कराया था. युद्ध जीतने के बाद महाराजा राजा गुरुदत्त सिंह ने अयोध्या में जन्मभूमि के पास राम जानकी मंदिर का निर्माण कराया था, जो आज भी मौजूद है.

अमेठी राज परिवार का अयोध्या के राम जन्मभूमि से पुराना नाता है. बात 1742 की है, जब सहादत अली ने राम जन्मभूमि पर कब्जा करने के लिए आक्रमण कर दिया था. तब अमेठी के महराज राजा गुरुदत्त सिंह ने सआदत अली से युद्ध किया. लगभग दो दिन तक चले युद्ध में महाराजा राजा गुरुदत्त सिंह ने नवाब सआदत अली खान को हरा दिया था. महाराजा राजा गुरुदत्त सिंह से जंग में मुगलों की सेना पूरी तरह से तहस-नहस हो गई थी. इसके बाद अयोध्या की राम जन्मभूमि मुगलों के चंगुल से आजाद हो गई थी. युद्ध जीतने के बाद महराज गुरु दत्त सिंह ने यहां राम जानकी का मंदिर बनवाया था, जो आज भी मौजूद है. महाराजा गुरुदत्त सिंह के परिवार के लोग आज भी जब अयोध्या जाते हैं तो राम जानकी मंदिर के दर्शन जरूर करते हैं.

बता दें कि मुगलों के खिलाफ महाराजा गुरुदत्त सिंह का साथ साधू-संतों ने भी दिया था. फिलाहल, युद्ध जीतने के बाद महाराजा गुरुदत्त सिंह की मुगलों से दुश्मनी बढ़ती गई. इसके बाद बौखलाए नवाब ने अमेठी रियासत पर एक बार फिर आक्रमण कर दिया था. बाद में महाराजा गुरुदत्त सिंह को अयोध्या छोड़कर रामनगर आना पड़ा. जहां उन्होंने राजमहल की स्थापना की. जो आज भी अमेठी के राम नगर में भूपति भवन के नाम से जाना जाता है. राजा संजय सिंह उसी महल में रहते है.

अमेठी के राजा एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय सिंह ने प्राण प्रतिष्ठा के एक दिन पूर्व रविवार को अयोध्या में प्रभु श्री राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक कार्यक्रम के पावन अवसर को उत्सव के रूप में मनाते हुए शोभायात्रा निकली. इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने शामिल होकर प्रभु श्री राम के जयकारे से वातावरण को गुंजायमान करते हुए भक्ति मय बना दिया.

बीजेपी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय सिंह ने कहा कि हमारे पूर्वज महाराजा गुरुदत्त सिंह ने वर्ष 1742 में अमेठी के हजारों सैनिकों के साथ सआदत अली खान से युद्ध लड़कर उसे पराजित कर श्रीराम जन्मभूमि को आजाद कराया था. हम भगवान राम और कुश के वंशज कछवाहा राजपूत हैं. हमारी भावना प्रभु श्री राम से जुड़ी हुई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय सिंह ने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सबसे खास बात यही है कि वह जो सोचते हैं, उसे करते हैं. चाहे भगवान श्री राम मंदिर के निर्माण की बात हो या काशी के बाबा विश्वनाथ धाम की. आज पूरे देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी राम धुन चल रही है.

यह भी पढ़ें: Watch Video: देखिए राम मंदिर में लगे 46 दरवाजों की अनदेखी तस्वीर, की गई बेहतरीन नक्काशी

यह भी पढ़ें: 22 जनवरी को भगवा ड्रेस पहनकर प्रसव कराएंगे चिकित्सक, अस्पताल में करेंगे हनुमान चालीसा का पाठ

मीडिया से बात करते पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय सिंह

अमेठी: अयोध्या में कल यानी 22 जनवरी को राम मंदिर में प्रभु श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. राम जन्मभूमि का इत‍िहास राजनीत‍ि के पन्‍नों से भरा हुआ है. ऐसा ही एक पन्‍ना अमेठी के राज घराने से है. वर्ष 1742 में अमेठी के महाराजा राजा गुरुदत्त सिंह ने राम जन्मभूमि को मुगलों से आजाद करवाने के लिए लड़ाई लड़ी थी. महराज गुरु दत्त सिंह ने सआदत अली को हराकर श्री राम जन्मभूमि को आजाद कराया था. युद्ध जीतने के बाद महाराजा राजा गुरुदत्त सिंह ने अयोध्या में जन्मभूमि के पास राम जानकी मंदिर का निर्माण कराया था, जो आज भी मौजूद है.

अमेठी राज परिवार का अयोध्या के राम जन्मभूमि से पुराना नाता है. बात 1742 की है, जब सहादत अली ने राम जन्मभूमि पर कब्जा करने के लिए आक्रमण कर दिया था. तब अमेठी के महराज राजा गुरुदत्त सिंह ने सआदत अली से युद्ध किया. लगभग दो दिन तक चले युद्ध में महाराजा राजा गुरुदत्त सिंह ने नवाब सआदत अली खान को हरा दिया था. महाराजा राजा गुरुदत्त सिंह से जंग में मुगलों की सेना पूरी तरह से तहस-नहस हो गई थी. इसके बाद अयोध्या की राम जन्मभूमि मुगलों के चंगुल से आजाद हो गई थी. युद्ध जीतने के बाद महराज गुरु दत्त सिंह ने यहां राम जानकी का मंदिर बनवाया था, जो आज भी मौजूद है. महाराजा गुरुदत्त सिंह के परिवार के लोग आज भी जब अयोध्या जाते हैं तो राम जानकी मंदिर के दर्शन जरूर करते हैं.

बता दें कि मुगलों के खिलाफ महाराजा गुरुदत्त सिंह का साथ साधू-संतों ने भी दिया था. फिलाहल, युद्ध जीतने के बाद महाराजा गुरुदत्त सिंह की मुगलों से दुश्मनी बढ़ती गई. इसके बाद बौखलाए नवाब ने अमेठी रियासत पर एक बार फिर आक्रमण कर दिया था. बाद में महाराजा गुरुदत्त सिंह को अयोध्या छोड़कर रामनगर आना पड़ा. जहां उन्होंने राजमहल की स्थापना की. जो आज भी अमेठी के राम नगर में भूपति भवन के नाम से जाना जाता है. राजा संजय सिंह उसी महल में रहते है.

अमेठी के राजा एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय सिंह ने प्राण प्रतिष्ठा के एक दिन पूर्व रविवार को अयोध्या में प्रभु श्री राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक कार्यक्रम के पावन अवसर को उत्सव के रूप में मनाते हुए शोभायात्रा निकली. इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने शामिल होकर प्रभु श्री राम के जयकारे से वातावरण को गुंजायमान करते हुए भक्ति मय बना दिया.

बीजेपी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय सिंह ने कहा कि हमारे पूर्वज महाराजा गुरुदत्त सिंह ने वर्ष 1742 में अमेठी के हजारों सैनिकों के साथ सआदत अली खान से युद्ध लड़कर उसे पराजित कर श्रीराम जन्मभूमि को आजाद कराया था. हम भगवान राम और कुश के वंशज कछवाहा राजपूत हैं. हमारी भावना प्रभु श्री राम से जुड़ी हुई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय सिंह ने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सबसे खास बात यही है कि वह जो सोचते हैं, उसे करते हैं. चाहे भगवान श्री राम मंदिर के निर्माण की बात हो या काशी के बाबा विश्वनाथ धाम की. आज पूरे देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी राम धुन चल रही है.

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