हजारीबाग: अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्री राम के मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश भर में उत्साह का माहौल है. हर एक व्यक्ति अपने-अपने तरीके से भगवान श्री राम को श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा है. हजारीबाग में कूड़े में फेंके हुए ढक्कन से राम दरबार बनाया गया है. 12 जनवरी से राम दरबार बनाने का काम शुरू किया गया. जिसमें अलग-अलग जिले से 22 कलाकारों ने अपने अथक प्रयास से राम दरबार स्थापित किया है. जिसमें 15 लाख बोतल के ढक्कन से 15000 स्क्वायर फीट में राम दरबार बनाया गया है. ढक्कन को अलग-अलग रंगों से रंग गया है ताकि राम दरबार की खूबसूरती दिख सके.
कलाकार सुमित गुंजन जो गिरिडीह के रहने वाले हैं उन्होंने राम दरबार हजारीबाग के संत कोलंबस कॉलेज मैदान में बनाया है. सुमित इसके पहले तीन विश्व कीर्तिमान कलाकृति बना चुके हैं. ये अपनी कलाकृति में वैसे सामान का उपयोग करते हैं जो उपयोग के लायक नहीं हैं गुंजन की टीम वसुधा कल्याण संस्था के साथ मिलकर हजारीबाग में कीर्तिमान बनाने की कोशिश में है. वसुधा कल्याण संस्था स्वच्छता के लिए हजारीबाग जिले में काम कर रही है. वसुधा कल्याण संस्था की सदस्य बताती है कि ढक्कन जमा करने में 5 महीने से अधिक का समय लगा है. जिसमें हजारीबाग गिरिडीह, देवघर और धनबाद से इकट्ठा कराया गया है.
यह भी कहा जाता है कि जब कोई नेक काम किया जाए तो रास्ते में कई परेशानियां भी सामने आती है. सुमित गुंजन के रास्ते में भी आर्थिक समस्या सामने आई है. कलाकृति बनाने में लगभग 5 लाख रुपया खर्च किया गया. अब तक एनटीपीसी को छोड़कर किसी भी व्यक्ति ने मदद नहीं की है. यही कारण है कि अपनी कलाकृति के सामने उन्होंने दान पेटी भी लगायी है ताकि कुछ पैसे आ जाएं. उसे पैसे से जो कर्ज है उसे तोड़ा जा सके.
अंजली नीरज का यह भी कहना है इस आठ के जरिए समाज को एक संदेश देने की कोशिश की गई है मनुष्य के लिए धरती और धर्म दोनों जरूरी है. कलाकृति के जरिए स्वच्छता का संदेश दिया गया है और राम दरबार बनाकर अपने धर्म का परिचय दिया गया है. राम दरबार के जरिए कलाकारों ने धरती और धर्म दोनों को बचाने का संदेश दिया है. यह कलाकृति आने वाले दिनों में विश्व कीर्तिमान भी बन सकती है.
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