राजसमंद. पॉक्सो न्यायालय में न्यायाधीश पूर्णिमा गौड़ ने नाबालिग किशोरी से दुष्कर्म के मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी को दोषी करार दिया. किशोरी का अपहरण करने के बाद तीन माह तक एक कमरे में बंधक बनाकर रखा और उसके साथ कई बार बलात्कार किया. इस पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी मानते हुए नाबालिग से रेप के आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 30 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है. नाबालिग किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी को सख्त सजा दिलाने में एफएसएल रिपोर्ट के साथ पीड़िता की डीएनए रिपोर्ट अहम रही.
पॉक्सो कोर्ट राजसमंद के विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने बताया कि 2 जून 2021 को एक व्यक्ति ने आमेट थाने में रिपोर्ट दी. बताया कि उसकी नाबालिग बेटी 22 मई 2021 को दोपहर आमेट शहर में मौसी के घर से खुद के आवास पर जा रही थी, तभी रास्ते में आगरिया निवासी पप्पू सालवी पहुंचा और बहला फुसलाकर उसे भगा ले गया. नामजद रिपोर्ट में बताया कि उसकी नाबालिग बेटी को बंधक बनाकर उसके साथ बलात्कार किया जा रहा है. बताया कि आरोपी पप्पु सालवी उसके साथ चुनाई का कार्य करता था, जिससे उसकी पुत्री भी परिचित थी और इसके चलते आरोपी उसे बहला फुसलाकर जबरन अपहरण कर ले गया. पीड़ित पिता की रिपोर्ट पर आमेट थाना पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज करते हुए किशोरी की तलाश के लिए विशेष पुलिस टीम का गठन किया. पुलिस तलाश कर रही थी, तभी किशोरी का उसके पिता के मोबाइल पर कॉल आया और पाली में एक जगह बंधक बनाकर रखने की बात बताई. इस पर पिता की सूचना पर आमेट थाना पुलिस पाली पहुंची और आरोपी पप्पु सालवी को गिरफ्तार कर उसकी नाबालिग पुत्री को अपहरण से मुक्त करवाई. पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया गया.
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न्यायालय में विशिष्ट लोक अभियोजक ने 17 गवाह तथा 30 दस्तावेज न्यायाधीश पूर्णिमा गौड़ के समक्ष प्रस्तुत किए. न्यायालय में पीड़िता ने दिए बयान के मुताबिक पप्पू ने उसे बाइक पर बिठाकर जबरन आगरिया ले गया, जहां से दूसरे दिन पाली जिले के एक गांव में किराए के कमरे में बंधक बनाकर रखा। जबरन उसके साथ कई बार रेप भी किया. 3 महीने तक बंधक बनाकर नाबालिग से बलात्कार करने के आरोप लगाए. इस पर न्यायालय ने नाबालिग के अपहरण व बलात्कार करने पर आरोपी पप्पू सालवी को दोषी माना.
पॉक्सो न्यायालय द्वारा आरोपी पप्पू सालवी को धारा 363 भादसं के तहत 7 वर्ष का कठोर कारावास तथा 5 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया. इसी तरह धारा 366 के तहत 7 वर्ष का कठोर कारावास व 5 अर्थदंड और धारा 5(l) /6 पॉक्सो एक्ट के तहत भी दोषी मानते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास व 20 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया गया.