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'नौकरी के नाम पर सुक्खू सरकार ने युवाओं को ठगा, मित्रों को लूट की छूट देना ही एकमात्र उपलब्धि' - Rajinder Rana slams Sukhu govt

Rajinder Rana targets CM Sukhu: कांग्रेस बागी और पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने फिर से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर जमकर प्रहार किया है. उन्होंने कहा नौकरी के नाम पर सुक्खू सरकार ने युवाओं को ठगा है. सिर्फ मित्रों को लूट की छूट देना ही इस सरकार की एकमात्र उपलब्धि है. पढ़िए पूरी खबर...

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 13, 2024, 7:55 PM IST

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और बागी विधायकों के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. जहां एक ओर हर जनसभा में सीएम सुक्खू बागी विधायकों पर जमकर प्रहार कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस बागी नेता और पूर्व विधायक राजेंद्र राणा और सुधीर शर्मा भी सीएम सुक्खू पर लगातार हमलावर हैं.

एक बार फिर से सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने सीएम सुक्खू पर हमला किया है. उन्होंने रोजगार के मुद्दे पर सुक्खू सरकार को घेरा है. उन्होंने पूछा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले 14 महीनों के दौरान कितने युवाओं को रोजगार दिया गया है? इस बारे में सरकार श्वेत पत्र जारी करे. क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस को सत्तासीन करने में युवाओं ने बढ़-चढ़कर योगदान दिया था.

राजेंद्र राणा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने पोस्ट में लिखा, मुख्यमंत्री सुक्खू के 14 महीने के शासन के दौरान प्रदेश के युवाओं को सड़कों पर धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ा है. इस सरकार ने युवाओं को खून के आंसू रुलाया है. जब इन युवाओं के हक में उन्होंने आवाज बुलंद की तो सीएम उन्हें ही जलील करने पर उतर आए और विकास के मामले में भी उनके विधानसभा क्षेत्र से सौतेला व्यवहार किया जाने लगा.

उन्होंने कहा युवाओं के हक में आवाज उठाने वाले बाकी विधायकों के खिलाफ भी मुख्यमंत्री तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाए रहे और उन्हें लगातार जलील करते रहे. प्रदेश में सुक्खू सरकार द्वारा लाखों नौजवानों को नौकरी देने के नाम पर ठगा गया है और अपने मित्रों में रेवड़ियों की तरह कैबिनेट रैंक बांटे गए हैं. चुने हुए विधायकों को जलील करना और अपने मित्रों को लूट की छूट देना ही इस सरकार की एकमात्र उपलब्धि कही जा सकती है.

राजेंद्र राणा ने कहा, युवाओं के इंटरव्यू के रिजल्ट निकालना तो दूर रहा, रूटीन की नौकरियों पर भी सुक्खू सरकार ने रोक लगा कर युवाओं के साथ दगाबाजी की है. प्रदेश के जिन नौजवानों को रोजगार देने की बात हम बार-बार कर रहे हैं. क्या वे इस प्रदेश के बच्चे नहीं हैं? क्या उन्होंने हमें वोट नहीं दिए थे? अब इन बच्चों का क्या कसूर है, उनके भविष्य से मुख्यमंत्री खिलवाड़ कर रहे हैं.

राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि वह असंतुष्ट नेताओं के फाइव स्टार होटल में ठहरने की बात तो हर मंच पर उठा रहे हैं, लेकिन खुद इस सवाल का जवाब क्यों नहीं दे पा रहे कि वह खुद चंडीगढ़ के अपने आधिकारिक दौरे के दौरान हिमाचल भवन स्थित CM सूट में रुकने की बजाय अपने सुरक्षा कर्मियों को दाएं बाएं करके रात को फाइव स्टार होटल में क्यों रुकते थे और वहां पर क्या करते थे? प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री से इसकी वजह और इसका राज जानना चाहती है.

राजेंद्र राणा ने पूछा कि प्रदेश की जनता को क्या मुख्यमंत्री यह बताएंगे कि उनके जिन मित्रों के पास सवा साल पहले तक मारुति कार में पेट्रोल डलवाने के पैसे तक नहीं होते थे, उनके पास इन 14 महीनों में करोड़ों की संपत्ति कहां से आ गई? कहां से उन्होंने धड़ाधड़ जमीन में खरीद ली और उनके आलीशान भवन बनने लग गए. उनके हाथ में कौन सा चिराग मुख्यमंत्री ने थमा रखा है, जो उन्हें रातों-रात रईसजादा बनता जा रहा है. जिन लोगों ने ऐसी लूट खसूट मचा रखी है, आने वाले समय में उनकी परतें भी खुलने वाली हैं और इसका नंगा सच भी प्रदेश की जनता के सामने आने वाला है.

राजेंद्र राणा ने कहा, असंतुष्ट नेताओं के बारे में मुख्यमंत्री जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह हिमाचल की गौरवपूर्ण संस्कृति और शालीनता से तो मेल नहीं खाती और ऐसी भाषा प्रदेश की जनता पसंद नहीं करती. राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री से यह भी पूछा है कि क्या वह पब्लिक को यह बताने का नैतिक साहस दिखाएंगे कि मौजूदा घटनाक्रम का असली गुनहगार कौन है और किसने अपनी सरकार में यह स्थिति बनाई कि जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों को जलील किया जाने लगा? एक तरफ आप अपने आप को योद्धा कहते हैं और चुने हुए प्रतिनिधियों को जलील करते हैं. प्रदेश के नौजवानों को जलील करते हैं. उन्हें झूठी गारंटियां देते हैं और फिर आंखें मूंद लेते हैं. प्रदेश की जनता यह बर्दाश्त करने वाली नहीं है.

राजेंद्र राणा ने स्पष्ट शब्दों में चेताया कि वे अब खामोश बैठने वाले नहीं हैं. प्रदेश के नौजवानों के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और वे सब असंतुष्ट नेता इस अंधी बहरी सरकार तक उनकी आवाज उठाने के लिए हमेशा ललकार भरते रहेंगे. क्योंकि प्रदेश के नौजवानो से धोखा उन्हें बर्दाश्त नहीं है. मुख्यमंत्री सुक्खू को इतिहास से सबक लेते हुए यह तथ्य समझ लेना चाहिए कि जिस तरफ युवा शक्ति चलती है, उस तरफ जमाना चलता है. युवाओं की हुंकार तानाशाहों का गुरुर मिट्टी में मिला देती है और उनके सिंहासन रेत के महल की तरह धराशाही हो जाते हैं.

ये भी पढ़ें: 'बागी विधायकों को अब सता रहा डर, बरसाती मेंढक की तरह कभी इधर तो कभी उधर उछल रहे हैं'

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और बागी विधायकों के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. जहां एक ओर हर जनसभा में सीएम सुक्खू बागी विधायकों पर जमकर प्रहार कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस बागी नेता और पूर्व विधायक राजेंद्र राणा और सुधीर शर्मा भी सीएम सुक्खू पर लगातार हमलावर हैं.

एक बार फिर से सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने सीएम सुक्खू पर हमला किया है. उन्होंने रोजगार के मुद्दे पर सुक्खू सरकार को घेरा है. उन्होंने पूछा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले 14 महीनों के दौरान कितने युवाओं को रोजगार दिया गया है? इस बारे में सरकार श्वेत पत्र जारी करे. क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस को सत्तासीन करने में युवाओं ने बढ़-चढ़कर योगदान दिया था.

राजेंद्र राणा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने पोस्ट में लिखा, मुख्यमंत्री सुक्खू के 14 महीने के शासन के दौरान प्रदेश के युवाओं को सड़कों पर धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ा है. इस सरकार ने युवाओं को खून के आंसू रुलाया है. जब इन युवाओं के हक में उन्होंने आवाज बुलंद की तो सीएम उन्हें ही जलील करने पर उतर आए और विकास के मामले में भी उनके विधानसभा क्षेत्र से सौतेला व्यवहार किया जाने लगा.

उन्होंने कहा युवाओं के हक में आवाज उठाने वाले बाकी विधायकों के खिलाफ भी मुख्यमंत्री तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाए रहे और उन्हें लगातार जलील करते रहे. प्रदेश में सुक्खू सरकार द्वारा लाखों नौजवानों को नौकरी देने के नाम पर ठगा गया है और अपने मित्रों में रेवड़ियों की तरह कैबिनेट रैंक बांटे गए हैं. चुने हुए विधायकों को जलील करना और अपने मित्रों को लूट की छूट देना ही इस सरकार की एकमात्र उपलब्धि कही जा सकती है.

राजेंद्र राणा ने कहा, युवाओं के इंटरव्यू के रिजल्ट निकालना तो दूर रहा, रूटीन की नौकरियों पर भी सुक्खू सरकार ने रोक लगा कर युवाओं के साथ दगाबाजी की है. प्रदेश के जिन नौजवानों को रोजगार देने की बात हम बार-बार कर रहे हैं. क्या वे इस प्रदेश के बच्चे नहीं हैं? क्या उन्होंने हमें वोट नहीं दिए थे? अब इन बच्चों का क्या कसूर है, उनके भविष्य से मुख्यमंत्री खिलवाड़ कर रहे हैं.

राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि वह असंतुष्ट नेताओं के फाइव स्टार होटल में ठहरने की बात तो हर मंच पर उठा रहे हैं, लेकिन खुद इस सवाल का जवाब क्यों नहीं दे पा रहे कि वह खुद चंडीगढ़ के अपने आधिकारिक दौरे के दौरान हिमाचल भवन स्थित CM सूट में रुकने की बजाय अपने सुरक्षा कर्मियों को दाएं बाएं करके रात को फाइव स्टार होटल में क्यों रुकते थे और वहां पर क्या करते थे? प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री से इसकी वजह और इसका राज जानना चाहती है.

राजेंद्र राणा ने पूछा कि प्रदेश की जनता को क्या मुख्यमंत्री यह बताएंगे कि उनके जिन मित्रों के पास सवा साल पहले तक मारुति कार में पेट्रोल डलवाने के पैसे तक नहीं होते थे, उनके पास इन 14 महीनों में करोड़ों की संपत्ति कहां से आ गई? कहां से उन्होंने धड़ाधड़ जमीन में खरीद ली और उनके आलीशान भवन बनने लग गए. उनके हाथ में कौन सा चिराग मुख्यमंत्री ने थमा रखा है, जो उन्हें रातों-रात रईसजादा बनता जा रहा है. जिन लोगों ने ऐसी लूट खसूट मचा रखी है, आने वाले समय में उनकी परतें भी खुलने वाली हैं और इसका नंगा सच भी प्रदेश की जनता के सामने आने वाला है.

राजेंद्र राणा ने कहा, असंतुष्ट नेताओं के बारे में मुख्यमंत्री जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह हिमाचल की गौरवपूर्ण संस्कृति और शालीनता से तो मेल नहीं खाती और ऐसी भाषा प्रदेश की जनता पसंद नहीं करती. राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री से यह भी पूछा है कि क्या वह पब्लिक को यह बताने का नैतिक साहस दिखाएंगे कि मौजूदा घटनाक्रम का असली गुनहगार कौन है और किसने अपनी सरकार में यह स्थिति बनाई कि जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों को जलील किया जाने लगा? एक तरफ आप अपने आप को योद्धा कहते हैं और चुने हुए प्रतिनिधियों को जलील करते हैं. प्रदेश के नौजवानों को जलील करते हैं. उन्हें झूठी गारंटियां देते हैं और फिर आंखें मूंद लेते हैं. प्रदेश की जनता यह बर्दाश्त करने वाली नहीं है.

राजेंद्र राणा ने स्पष्ट शब्दों में चेताया कि वे अब खामोश बैठने वाले नहीं हैं. प्रदेश के नौजवानों के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और वे सब असंतुष्ट नेता इस अंधी बहरी सरकार तक उनकी आवाज उठाने के लिए हमेशा ललकार भरते रहेंगे. क्योंकि प्रदेश के नौजवानो से धोखा उन्हें बर्दाश्त नहीं है. मुख्यमंत्री सुक्खू को इतिहास से सबक लेते हुए यह तथ्य समझ लेना चाहिए कि जिस तरफ युवा शक्ति चलती है, उस तरफ जमाना चलता है. युवाओं की हुंकार तानाशाहों का गुरुर मिट्टी में मिला देती है और उनके सिंहासन रेत के महल की तरह धराशाही हो जाते हैं.

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