राजगढ़। राजगढ़ जिला अस्पताल एक बार फिर चर्चा में है. मरीजों के परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर घूसखोरी के आरोप लगाए हैं. बता दें कि यहां महिलाओं को रेफर करने और डिलीवरी के लिए रिश्वत मांगने की शिकायतें लगातार सामने रही हैं. बुधवार को डिलीवरी के भर्ती हुई एक महिला की मौत के बाद मामला फिर गर्मा गया. इस महिला को सोमवार को प्रसव के लिए जीरापुर से जिला चिकित्सालय राजगढ़ लाया गया था. जहां उसने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया. बुधवार को सीने में दर्द होने के कारण परिजन नर्स से डॉक्टर को बुलाने के लिए गिड़गिड़ाते रहे लेकिन दो से तीन घंटे तक कोई भी डॉक्टर नहीं आया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई.
परिजनों का आरोप- डिलीवरी के लिए 10 हजार रुपये दिए
महिला के परिजनों ने आरोप लगाया है "डिलीवरी के लिए ₹10 हज़ार लिए गए. उसके बावजूद किसी डॉक्टर ने दो-तीन घंटे तक इलाज नहीं किया. इस कारण उसने दम तोड़ दिया." वहीं, सूचना मिलने पर राजगढ़ विधायक अमर सिंह यादव गुरुवार को जिला अस्पताल पहुंचे. विधायक ने वार्ड में भर्ती महिलाओं से बात की. कई महिलाओं ने डिलीवरी कराने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया. एक महिला डॉक्टर पर पैसे मांगने का आरोप भी लगाया. महिलाओं के साथ आए परिजनों द्वारा बताया गया कि डिलीवरी के पहले भी पैसे लिए जाते हैं.
विधायक बोले- भ्रष्ट स्टाफ को यहां से हटाया जाएगा
इस मामले में विधायक अमर सिंह यादव ने कहा "ऐसे भ्रष्ट और लापरवाह डॉक्टरों को यहां रहने नहीं दिया जाएगा और उन पर सख्त कार्रवाई होगी." विधायक के पहुंचते ही डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम भी अस्पताल पहुंचे. इस मामले में राजगढ़ एसडीएम का कहना है कि डिप्टी कलेक्टर के नेतृत्व में टीम गठित करके दोनों पक्षों से बयान लिए गए हैं. वहीं, कांग्रेस के पूर्व विधायक बापूसिंह तंवर का कहना है कि अगर भाजपा ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान दिया होता तो आज इस तरह के हालात न बनते.