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दिग्विजय सिंह की बैलेट पेपर से चुनाव कराने की रणनीति फेल, अंतिम तारीख तक सिर्फ 19 नामांकन जमा - Rajgarh Digvijay strategy fail

लंबे समय से बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रहे दिग्विजय सिंह की रणनीति खुद उनके लोकसभा क्षेत्र में फेल हो गई. नामांकन भरने की अंतिम तारीख तक सिर्फ 19 नामांकन ही जमा हो सके. उन्होंने कहा था कि लगभग 400 प्रत्याशी मैदान में उतारकर बैलेट पेपर से चुनाव करवाउंगा.

RAJGARH DIGVIJAY STRATEGY FAIL
राजगढ़ में बैलेट पेपर से चुनाव कराने की रणनीति फेल
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 19, 2024, 7:30 PM IST

राजगढ़। राजगढ़ से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार चर्चा में रहने की वजह है कि उनके द्वारा बैलेट पेपर से चुनाव कराने की बनाई रणनीति उनके ही क्षेत्र में फेल हो गई. अंतिम तारीख तक केवल 19 नामांकन फार्म ही जमा हुए. बता दें कि कुछ दिन पहले दिग्विजय सिंह ने कहा था कि राजगढ़ से 384 प्रत्याशी मैदान में उतारकर ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराएंगे. ये बात सामने आते ही देश भर में उनकी चर्चा थी.

बैलेट पेपर से मतदान की रणनीति फेल

राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से लगभग 33 वर्ष के बाद वापस चुनावी मैदान में उतरने के बाद दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर ईवीएम से मतदान कराने पर सवाल उठाए थे. ऐतराज जाहिर करते हुए उन्होंने कहा था कि 384 प्रत्याशी मैदान में उतारकर ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराएंगे. उन्होंने अपना नामांकन जमा करने के दौरान मीडिया को दिए अपने एक बयान में कहा कि "मेरा विचार था कि 384 प्रत्याशी नामांकन जमा करें और मतपत्र से चुनाव हो लेकिन जब जानकारी हासिल की तो पता चला की 384 क्या बल्कि उससे अधिक प्रत्याशी भी मैदान में होंगे तो भी ईवीएम से ही चुनाव संपन्न होगा.इसलिए मन बदला और ईवीएम से ही चुनाव लड़ने का निर्णय किया".

देश भर में थी 384 प्रत्याशियों को उतारने की चर्चा

दिग्विजय सिंह के 384 के लगभग प्रत्याशियों के मैदान में उतारने की चर्चा सिर्फ मध्यप्रदेश में ही नहीं बल्कि समूचे देश में थी. इसके बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप भी मचा हुआ था,.इधर दिग्विजय भी लगातार अपनी नुक्कड़ सभाओं के दौरान लोगों से चुनाव लड़ने की अपील करते हुए भी नजर आ रहे थे. वही उनकी इस बात पर विपक्ष भी हमलावर था और उन्हें चारों तरफ से घेरा जा रहा था.

ये भी पढ़ें:

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सिर्फ 19 नामांकन ही जमा

दिग्विजय सिंह 384 प्रत्याशियों के नामांकन फार्म दाखिल कराने को लेकर इस अति आत्मविश्वास में थे कि यदि 384 या उससे अधिक नामांकन फार्म दाखिल होंगे तो हो सकता है चुनाव आयोग ईवीएम की जगह मतपत्र से मतदान संपन्न कराए लेकिन ऐसा नहीं हुआ. नामांकन के आखिरी दिन शुक्रवार तक 19 नामांकन ही दाखिल हुए.ऐस में उनकी रणनीति उनके ही लोकसभा क्षेत्र में फेल हो गई. इधर उन्होंने एक निजी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में ये कहा कि 400 क्या बल्कि उससे अधिक उम्मीदवार होने पर भी चुनाव आयोग ईवीएम से वोटिंग कराने में सक्षम है,इसलिए अपना निर्णय बदलते हुए ईवीएम से ही चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.

राजगढ़। राजगढ़ से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार चर्चा में रहने की वजह है कि उनके द्वारा बैलेट पेपर से चुनाव कराने की बनाई रणनीति उनके ही क्षेत्र में फेल हो गई. अंतिम तारीख तक केवल 19 नामांकन फार्म ही जमा हुए. बता दें कि कुछ दिन पहले दिग्विजय सिंह ने कहा था कि राजगढ़ से 384 प्रत्याशी मैदान में उतारकर ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराएंगे. ये बात सामने आते ही देश भर में उनकी चर्चा थी.

बैलेट पेपर से मतदान की रणनीति फेल

राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से लगभग 33 वर्ष के बाद वापस चुनावी मैदान में उतरने के बाद दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर ईवीएम से मतदान कराने पर सवाल उठाए थे. ऐतराज जाहिर करते हुए उन्होंने कहा था कि 384 प्रत्याशी मैदान में उतारकर ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराएंगे. उन्होंने अपना नामांकन जमा करने के दौरान मीडिया को दिए अपने एक बयान में कहा कि "मेरा विचार था कि 384 प्रत्याशी नामांकन जमा करें और मतपत्र से चुनाव हो लेकिन जब जानकारी हासिल की तो पता चला की 384 क्या बल्कि उससे अधिक प्रत्याशी भी मैदान में होंगे तो भी ईवीएम से ही चुनाव संपन्न होगा.इसलिए मन बदला और ईवीएम से ही चुनाव लड़ने का निर्णय किया".

देश भर में थी 384 प्रत्याशियों को उतारने की चर्चा

दिग्विजय सिंह के 384 के लगभग प्रत्याशियों के मैदान में उतारने की चर्चा सिर्फ मध्यप्रदेश में ही नहीं बल्कि समूचे देश में थी. इसके बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप भी मचा हुआ था,.इधर दिग्विजय भी लगातार अपनी नुक्कड़ सभाओं के दौरान लोगों से चुनाव लड़ने की अपील करते हुए भी नजर आ रहे थे. वही उनकी इस बात पर विपक्ष भी हमलावर था और उन्हें चारों तरफ से घेरा जा रहा था.

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सिर्फ 19 नामांकन ही जमा

दिग्विजय सिंह 384 प्रत्याशियों के नामांकन फार्म दाखिल कराने को लेकर इस अति आत्मविश्वास में थे कि यदि 384 या उससे अधिक नामांकन फार्म दाखिल होंगे तो हो सकता है चुनाव आयोग ईवीएम की जगह मतपत्र से मतदान संपन्न कराए लेकिन ऐसा नहीं हुआ. नामांकन के आखिरी दिन शुक्रवार तक 19 नामांकन ही दाखिल हुए.ऐस में उनकी रणनीति उनके ही लोकसभा क्षेत्र में फेल हो गई. इधर उन्होंने एक निजी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में ये कहा कि 400 क्या बल्कि उससे अधिक उम्मीदवार होने पर भी चुनाव आयोग ईवीएम से वोटिंग कराने में सक्षम है,इसलिए अपना निर्णय बदलते हुए ईवीएम से ही चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.

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